सुलतानपुर/अमेठी।-जानबूझकर ट्रायल बाधित करने वालो को कोर्ट कार्यवाही से मिली बड़ी सबक,मामला बीएसएफ जवान पर प्राणघातक हमले का।

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सुलतानपुर/अमेठी। बीएसएफ जवान पर प्राणघातक हमले के मामले में कई पेशियों से एनबीडब्ल्यू पर चल रहे आरोपियो ने किया सरेंडर,पेश की वारंट रिकॉल अर्जी,स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट त्रिभुवन नाथ पासवान की अदालत ने आरोपियों को राहत देना जायज न मानते हुए भेजा जेल,कोर्ट की सख्ती से आरोपी वीरेंद्र व सुरेन्द्र पहुँचे सलाखों के पीछे,जानबूझकर ट्रायल बाधित करने वालो को कोर्ट कार्यवाही से मिली बड़ी सबक

पांच जून वर्ष-2020 की घटना बताते हुए चोटहिल बीएसएफ जवान देवनाथ ने कुल्हाड़ी व अन्य हथियारों से प्राणघातक हमला करने के आरोप में आठ लोगो के खिलाफ दर्ज कराया था मुकदमा,हर दांव लगाने के बाद भी फेल होने पर आरोपियो ने मुकदमे में गैरहाजिर होकर उठाया था ट्रायल से भागने वाला कदम

पहले भी बड़ी जद्दोजहद के बाद हाईकोर्ट की शरण लेने के बाद आरोपियो ने मामले में हाजिर होकर कराई थी जमानत,आरोप बनने की कार्यवाही में गई पत्रावली तो आरोपियो ने दे दी उन्मोचन अर्जी,उन्मोचन अर्जी भी हो गई खारिज तो कोई न कोई बहाने चार्ज की कार्यवाही में डालते रहे बाधा,कोर्ट ने मौका व हाजिरी माफी अर्जी खारिज कर गैरहाजिर आरोपियों के खिलाफ जारी किया था एनबीडब्ल्यू,फिर भी कई पेशियों से भाग रहे थे आरोपी,पुलिस का छापा पड़ने पर घर छोड़कर भागते रहे आरोपी,गौरीगंज कोतवाली क्षेत्र के सकरावा गांव से जुड़ा है मामला

अभियोगी बीएसएफ जवान के आरोप के मुताबिक जम्मू कश्मीर में तैनाती के समय छुट्टी लेकर घर आए होने के दौरान जमीनी विवाद को लेकर आरोपीगण धीरेंद्र, हरिराम चौहान, रामकरन,अमरनाथ, राजेंद्र कुमार, सुरेंद्र, वीरेंद्र पुत्र रामराज व वीरेंद्र पुत्र रामकरन ने धारदार हथियार, कुल्हाड़ी -डंडा आदि लेकर किया था हमला,हमले में घायल होने के बाद अस्पताल पहुँचे जवान के मेडिकल में खेल करने का तत्कालीन चिकित्सक डॉ लक्ष्मी कांत मिश्र पर भी लगा है आरोप,री-मेडिकल आदेश के बाद सही से हुआ मेडिकल तो आरोपियों पर बढ़ सकी थी धारा

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