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यूपी/अमेठी-महात्मा गांधी व विनायक दामोदर सावरकर के योगदान विषय पर एक द्विवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

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यूपी/अमेठी-महात्मा गांधी व विनायक दामोदर सावरकर के योगदान विषय पर एक द्विवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

चंदन दुबे की रिपोर्ट

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रणवीर रणंजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय,अमेठी में बसन्त पंचमी के शुभअवसर पर भारतीय इतिहास में महात्मा गाँधी एवं विनायक दामोदर सावरकर का योगदान विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

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भारतीय इतिहास संकलन योजना समिति एवं आर0आर0पी0जी0 कालेज अमेठी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया है। संगोष्ठी का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वन्दना से हुआ।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार डॉ0 संजय सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता आन्दोलन में विनायक दामोदर सावरकर व महात्मा गाँधी के परिश्रम और त्याग को भुलाया नहीं जा सकता है।आपने आजादी में अमेठी राजवंश के योगदान पर प्रकाश डाला।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय संगठन-सचिव,अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना समिति डॉ0 बालमुकुन्द पाण्डेय ने सावरकर के जन्म से अन्त तक गौरव गाथा का विस्तार से वर्णन किया।सावरकर दुनिया के अकेले स्वातंत्र योद्धा थे जिन्हें 2-2 आजीवन कारावास की सजा मिली।उन्होंने सजा को पूरा किया और पुनः राष्ट्रीय जीवन में सक्रिय हो गये वे विश्व के ऐसे पहले लेखक थे जिनकी कृति 1857 का प्रथम स्वतंत्रता को 2-2 देशों ने प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 त्रिवेणी सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए गाँधी एवं सावरकर के विचारों की वर्तमान समय में आवश्यकता पर विशेष बल दिया।सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इतिहास लेखन समिति अमेठी के संयोजक अम्बिका प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि आज देश को सही इतिहास जानने की जरूरत है।

इस संगोष्ठी में डॉ0 राधेश्याम तिवारी, डॉ0 लाल साहब सिंह, डॉ0 अनिल कुमार शुक्ल, डॉ0 ओमशिव पाण्डेय, डॉ0 प्रमिला, डॉ0 ज्योति सिंह, डॉ0 शिप्रा सिंह, डॉ0 मानवेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ0 सुधीर सिंह, डॉ0 दिनेश बहादुर सिंह, डॉ0 अजय कुमार सिंह, डॉ0 विजय कुमार सिंह, डॉ0 ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह सहित विभिन्न महाविद्यालय से आये हुए शोध छात्र बी0एड्0 के छात्र-छात्रायें आदि उपस्थित रहे।संचालन डॉ0 केसरी कुमार शुक्ल एवं छात्रा आस्था मिश्रा ने किया।

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