यूपी/ अयोध्या-बिना डॉक्टर के चल रहा सरकारी अस्पताल,विकासखंड मिल्कीपुर के राजकीय अस्पताल का मामला
यूपी/ अयोध्या-बिना डॉक्टर के चल रहा सरकारी अस्पताल
रिपोर्ट मनोज तिवारी
विकासखंड मिल्कीपुर के बारुन बाजार में स्थिति राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल विगत 6 माह से बिना डॉक्टर के ही संचालित हो रहा है।लगभग 30 हजार की आबादी वाले क्षेत्र में एकमात्र अस्पताल होने के कारण यहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज इलाज हेतु आते हैं परंतु डॉक्टर के अभाव में मरीजों का इलाज भाग्य भरोसे चल रहा है।वर्तमान में पूरा अस्पताल फार्मासिस्ट के पद पर तैनात अनिल कुमार सिंह की देखरेख में संचालित हो रहा है।नौ जनवरी को अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि फार्मासिस्ट अनिल कुमार सिंह छुट्टी पर हैं तथा समस्त चिकित्सीय व्यवस्था वार्ड बॉय यकीन मोहम्मद के सहारे संचालित हो रही हैं।मौके पर आधा दर्जन मरीज भी इलाज हेतु अस्पताल में मिले।दवा लेने आए सफदरभारी गांव निवासी सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि वह दवा लेने अस्पताल आए हैं परंतु डॉक्टर ना होने के कारण पुराने पर्चे से ही दवा लेकर वापस जा रहा हूं।तमाम मरीजों का आरोप है कि लगभग साल भर से यहां कोई स्थायी डॉक्टर तैनात नहीं है विगत अप्रैल माह में यहां तैनात डॉक्टर पूनम यादव का तबादला हो जाने के बाद से अस्पताल में स्थायी डॉक्टर ना होने से भारी असुविधा हो रही है। जानकारी जुटाने पर पता चला कि जून 2019 तक अस्पताल की सारी जिम्मेदारी सरियांवा स्थिति आयुर्वेदिक अस्पताल के डॉ रवींद्र नाथ यादव के पास अतिरिक्त चार्ज के रूप में थी परंतु जून 2019 में डॉ रवींद्र नाथ यादव के जिला आयुर्वेदिक- यूनानी अस्पताल बस्ती के पद पर स्थानांतरण होने के बाद यह कुर्सी पुनः जुलाई 2019 से खाली हो गई। लगभग 6 माह बीत जाने के बाद किसी डॉक्टर की तैनाती नहीं होने से मरीजों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। लोगों को दवाइयों के लिए निजी व झोलाछाप चिकित्सकों की शरण में जाना पड़ रहा है। अस्पताल में स्थाई डॉक्टर की व्यवस्था ना होने के कारण आसपास के गांव देवरिया,खिहारन,रजऊपुर,मेहदौना,बारुन बाजार, दौलतपुर,तरमा,कर्मडांडा, सारी, खजुरी मिर्जापुर, सुरवारा, गोठवारा,सोंधियाँवा, अरमारूपीपुर,सफ़दरभारी समेत दर्जनभर से अधिक गांवों के तीस हजार से अधिक लोगों को इलाज हेतु दर-दर भटकना पड़ रहा है।डॉक्टर की तैनाती ना होने के कारण आम जनमानस में भारी आक्रोश व्याप्त है।