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अमेठी-दलालों से सावधान” के लगे पोस्टर में खुद फंसे खनन बाबू,पीड़ित ने लगाया आरोप
स्थान-यूपी/अमेठी
रिपोर्ट-चंदन दुबे
तारीख-16/06/2020
एंकर-जहा एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार सरकारी तंत्र से भ्रष्टाचार जड़ से खत्म करना चाहती है वही भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम ही नहीं लेता खबर यूपी के अमेठी से है जहां अभी कुछ दिन पहले कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर अधिकारियों के कार्यालयों व न्यायालयों के बाहर “दलालों से सावधान” के पोस्टर लगे होने का मामला अब तूल पकड़ता नजर आने लगा है।पीड़ित की मानें तो जिलाधिकारी कार्यालय का बाबू ही दलाल बनकर काम के नाम पर धन उगाही कर रहा है।दरअसल मामले ने तब तूल पकड़ा जब भेटुवा गांव के पवन श्रीवास्तव की जमीन से मिट्टी खनन के लिए प्रशासन ने जुर्माने की नोटिस भेजी। नोटिस पाते ही पवन श्रीवास्तव के होश खराब हो गए।उन्होंने अगले दिन खनन विभाग के बाबू से संपर्क साधकर नोटिस का समाधान निकालने की बात की।बाबू ने मोटी रकम लेकर जुर्माने की नोटिस को निरस्त करने का आश्वासन दिया लेकिन जब नोटिस निरस्त नहीं हुई और जुर्माने की राशि जमा ही करने की बात आई तो पवन श्रीवास्तव ने उक्त बाबू से अपना दिया हुआ पैसा वापस मांगने पर तकरार बढ़ गई और भीड़ लग गई।मामले की शिकायत पवन ने एडीएम वंदिता श्रीवास्तव से की तो एडीएम ने घटना की तारीख की सीसी फुटेज से निकालने के बाद दोषी पर कार्यवाही की बात कही।वहीं जब मीडिया ने एडीएम से इस बाबत जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि घटना की तारीख का सीसी फुटेज निकलवाया जा रहा है,कार्यवाही की जाएगी लेकिन कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
वहीं पीड़ित ने मीडिया को बताया कि खनन विभाग के पाल बाबू ने 50 हजार जुर्माने की राशि को खतम करने के एवज में 21 हजार रूपए लिए।काम नहीं होने पर जब पैसा वापस मांगा तो किसी तरह से साढ़े छ हजार रूपए वापस किया।बाकी रुपया वापस नहीं कर रहे हैं।अब देखना ये है कि दलालों से सावधान के लगे पोस्टर कम है या दलालों में अब दम है।अब सवाल उठता है कि भ्रष्टाचार में भाजपा सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति यहां काम करती है क्या।
बाइट-पवन कुमार श्रीवास्तव पीड़ित