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@यूपी/अमेठी-डा आर के सक्सेना ने बताया कि नमी के कारण कोरोना संक्रमण का खतरा बढऩे की आशंका
चंदन दुबे की रिपोर्ट
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संयुक्त जिला चिकित्सालय मे कार्यरत वरिष्ठ परामर्श दाता एवं स्त्री रोग विशेसग्य डा.आर के सक्सेना ने कहा है कि बरसात के मौसम में लोग अपने घरों में और आसपास नमी न होने दें। हवा में नमी होने के कारण कोरोना वायरस के सक्रिय होने की आशंका बढ़ गयी है।उन्होंने कहा है कि सभी लोग मास्क जरूर लगाएं। मास्क लगाकर ही कोरोना से मुकाबला किया जा सकता है।
उन्होने बताया कि बारिश के मौसम में नमी बढ़ जाती है। ऐसे में ड्रापलेट्स सूखने में बहुत वक्त लगता है। नमी की वजह से कण सूखते नहीं हैं। ऐसी स्थिति में वायरस काफी देर तक जीवित रह सकता हैं। इसके अलावा इस मौसम में मौसमी बीमारियों के साथ ही फ्लू का खतरा भी रहता है। खांसी जुकाम या फ्लू होने पर वायरस के फैलने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में इसकी चेन बहुत लंबी हो सकती है।उन्होंने बताया कि अधिक तापमान में हवा में गर्मी होती है और ड्रापलेट्स जल्दी सूख जाते हैं।
उन्होने बताया कि बरसात के मौसम में कोरोना वायरस या दूसरी बीमारियों के बचाव के लिये वेंटीलेशन सिस्टम का दुरूस्त होना बहुत आवश्यक। नमी खत्म करने के लिये खुली हवा का क्रास होना बहुत जरूरी है, ताकि हवा में सूखापन बढ़े और नमी कम हो सके। इससे वायरस के खत्म होने की उम्मीद बढ़ जाती है।बरसात के कारण कोरोना के उपचाराधीनों की संख्या अचानक बढ़ गयी है। इसका सबसे बड़ा कारण है, हवा में नमी। नमी के कारण इंफेक्शन बढ़ रहा है। विभाग की ओर से इसके लिये लोगों को जागरूक किया जा रहा है।