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@यूपी/अमेठी-उप मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि बरसात केे मौसम में फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ा
चंदन दुबे की रिपोर्ट
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बारिश का खुशनुमा मौसम अपने साथ अक्सर उमस लेकर भी आता है। ऐसे मौसम में त्वचा पर फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है।उमस के दौरान निकलने वाला पसीना त्वचा पर होने वाले इंफेक्शन को बढ़ा देता है।इस मौसम में घमोरिया (हीट रैश) के साथ ही दो उंगलियों के बीच में सूजन, अंडरआर्म्स और थाइज़ में जलन और खुजली होना,दाद और बालों का झड़ना जैसी कई समस्याएं हो जाती हैं।
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उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा नवीन कुमार मिश्र ने बताया कि बारिश और उमस भरे मौसम में कुछ सामान्य तरीकों को अपना कर आप अपनी त्वचा की देखभाल करने के साथ ही इन सभी परेशानियों से बच सकते हैं। गर्मी और उमस भरे मौसम में हल्के रंग के और कॉटन के ढीले कपड़े पहनें।कपड़े साफ-सुथरे हों।धूप में निकलते समय सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।साथ ही कोरोना महामारी के दौरान मॉस्क,सैनेटाइजर व सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करें।
उन्होने बताया कि लाल रंग के दाने में उत्पन्न होने वाली यह समस्या पसीने से होती है,जिससे रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। घमोरिया खत्म होने में कुछ दिन लगते हैं।खुजा लेने से इनका इंफेक्शन बढ़ता है, इसलिए कोशिश करें हल्के कॉटन या लिनन के कपड़े पहने।
उन्होने बताया कि स्किन पर लाल रंग के धब्बे पड़ने के साथ ही खुजली की भी समस्या हो जाती है, नहाते समय एंटी-बैक्टीरियल साबुन, फेस वॉश और टैलकम पाउडर का ही इस्तेमाल करें।
इसके अलावा बारिश के मौसम में कई बार नेल इंफेक्शन हो जाता है।ऐसे में हमारे नाखून सुस्त और फीके दिखाई देते हैं।बड़े नाखून रखने से बचें, क्योंकि इस सीजन में नाखून में गंदगी बैठती है,जिससे फंगल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।बरसात के मौसम मे अपने को सूखा रखना आवश्यक है, इसके बावजूद चिकित्सा हेतु चिकित्सक से सम्पर्क करे।