यूपी/अमेठी-मां की जागरूकता से जुड़ा है बच्चे का स्वास्थ्य मां का दूध बच्चे के लिए अमृत समान
चंदन दुबे की रिपोर्ट
स्तनपान को बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य का आधार माना जाता है।स्तनपान की महत्ता को समझाने के लिए विश्व स्तनपान सप्ताह शुरू हुआ।सात अगस्त तक चलने वाले इस सप्ताह के अंतर्गत आशा एनएमएम और आगंनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर धात्री महिलाओं को स्तनपान के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी शालू गुप्ता ने बताया कि जनपद में स्तनपान सप्ताह शुरू हो गया है। स्वस्थ समाज के लिए स्तनपान का संकल्प लेना होगा,उन्होने कहा कि जन्म के बाद पहला घंटा शिशु और मां दोनों के लिए महत्वपूर्ण होता है।मां के दूध में वह सभी पोषक तत्व होते हैं जो बच्चे के जीवन के लिए अमूल्य हैं। मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए अमृत हैए जो नवजात शिशु को रोगों और संक्रमण से बचाता है।जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराने से शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है।उन्होंने बताया जनपद में बच्चे के जन्म के उपरांत अगले 60 मिनट में 95 प्रतिशत महिलाएं अपने शिशु को स्तनपान करा रही हैं।उन्होंने बताया विश्व स्तनपान सप्ताह सात अगस्त तक मनाया जाएगाए ताकि बच्चे को मां के दूध का सर्वश्रेष्ठ आहार देने की परंपरा में बढ़ोतरी हो सके।काोरोना संक्रमण या गंभीर रोगग्रस्त होने पर माताएं तत्काल डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।बच्चा दुधमुंहा है और मां उपचाराधीन है तो ऐसी स्थिति में परिवार की अन्य महिलाओं को जिम्मेदारी निभानी चाहिये।वह शिशु को छूने से पहले और बाद में हाथों को सैनिटाइज करें।बच्चे की जरूरत के सभी सामान को भी सैनिटाइज करें। किसी भी स्थिति में बच्चा मां के दूध से वंचित न रहे।स्तनपान बच्चे और मां के बीच भावनात्मक लगाव को बढ़ाता है।स्तनपान कराते समय मास्क अवश्य लगाये,स्तनपान कराने से महिलाओं में स्तन और डिम्बग्रंथी के कैंसर व एनीमिया होने की आशंका भी कम हो जाती है।
उन्होंने कहा कि बच्चे का स्वास्थ्य मां की जागरूकता से जुड़ा होता हैए इस लिए मां का जागरूक होना बहुत जरूरी है।