- Advertisement -

KD NEWS-नई शिक्षा नीति को लेकर SFI ने किया विरोध प्रदर्शन,

0 288

@सुल्तानपुर/खरसोम बाजार-आज दिनाँक 9 अगस्त 2020 को अखिल भारतीय किसान सभा/अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन/सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन/स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया/भारत की जनवादी नौजवान सभा/अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के संयुक्त नेतृत्व में किसानों को फसल की लागत का डेढ़ गुना दाम दो,किसानों को एकमुश्त 12000 हजार रूपये की आर्थिक मदद दो, सार्वजनिक सम्पत्तियों के निजीकरण पर रोक लगाओ,ऑन लाइन परीक्षा के नाम पर अभिभावकों और छात्रों की लूट पर रोक लगाओ,छात्र विरोधी नई शिक्षा नीति वापस लो, गैर आयकरदाताओं को 6 माह तक 7500 रूपये की आर्थिक मदद दो,प्रवासी मजदूरों और नौजवानों को काम न मिलनें तक बेरोजगारी भत्ता दो आदि मांगों के साथ दर्जनों गांव कमेटियों में विरोध कार्यवाहियां आयोजित की गयीं।इस मौके पर किसान सभा के जिला अध्यक्ष राजबहादुर यादव ने कहा कि हमारी सरकार किसानों और मजदूरों के लिए किये गए अपने सारे वादों को भूलकर किसान और मजदूर विरोधी फैसले कर रही।वस्तु अधिनियम अध्यादेश सहित तीन किसान विरोधी अध्यादेश इसी महामारी के दौरान ले आयी है।किसान की आलू दो रुपये में भी नही खरीदी गई थी,लेकिन आज वही आलू 30 रूपये प्रति किलो से ऊपर पहुंच गयी है।इस मौके पर नौजवान सभा के जिला संयुक्त सचिव अरविन्द श्रीवास्तव ने कहा कि इस महामारी के समय 12 करोड़ से ऊपर नौजवानों का रोजगार छिना है।सरकार ने कहा कि वह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को 125 दिन काम देगी।हमारा जनपद भी सरकार की लिस्ट में में लेकिन अभी तक किसी भी ग्राम सभा में किसी प्रवासी मजदूर को काम नही मिला है।हमारी मांग है कि रोजगार न मिलनें तक सरकार प्रवासी मजदूरों और बेरोजगार नौजवानों को भत्ता दे जिससे इस महामारी में अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें।एस.एफ.आई.जिला मंत्री सौरभ मिश्रा ने कहा कि ऑन लाइन परीक्षा के नाम पर छात्रों और अभिभावकों के जेब पर डाका डाला जा रहा।सरकार द्वारा लाई नयी शिक्षा नीति में केन्द्रीयकरण और निजीकरण को बढ़ावा देनें की बात कही गयी है,जो गरीब समुदाय से आने छात्रों को शिक्षा से वंचित करेगी।इस शिक्षा नीति में पोगापंथ को बढ़ावा देनें की भी खूब वकालत की गयी है,जबकि आज के समय हमें पुरानें रूढ़िवादी समझ से बाहर निकलकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करनें की जरूरत है।अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के जिला सचिव ओमप्रकाश कोरी ने कहा कि जिस मनरेगा की हमारे प्रधानमंत्री खिल्ली उड़ाते थे आज उसी के द्वारा लोगों को रोजगार दिए जानें का आंकड़ा गिना रहे हैं।मनरेगा में 200 दिन का काम और 350 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी देकर सरकार ग्रामीण भारत और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बना सकती है अन्यथा अन्य नारों की तरह यह भी खोखला ही साबित होगा।
आज के इस विरोध कार्यवाही में खरसोमा,देवकली,पखनपुर,मानापट्टी,बरौला,दखिनवारा,साधोभारी,अखण्डनगर,कुन्दा भैरोपुर, नरसिंहपुर,बधुआकला,सैदखानपुर,सहित सहित दर्जनों गांवों में विरोध कार्यवाहियां आयोजित की गयी।
इन विरोध कार्यवाहियों का नेतृत्व राधेश्याम वर्मा, शिवनाथ मिश्र, बाबूराम मौर्य,श्री कृष्ण बरनवाल,पीयूष वर्मा,लालबिहारी मौर्य फूलचंद मिश्रा,नीरज,सैफ,वारिस, अफजल आदि ने किया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.