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फेमिली प्लानिंग से मातृ व शिशु मृत्यु दर में आएगी कमी-शालू गुप्ता
चंदन दुबे की रिपोर्ट
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28 सितंबर 2020 दिन सोमवार को जिला अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर स्टाल लगाकर नवदंपति व लोगों को गर्भ निरोधक साधनों के प्रति जागरूक किया गया।पहले बच्चे के बाद दूसरे बच्चे के बीच कम से कम तीन साल के अंतर रखने के लिए प्रेरित किया गया।छोटे परिवार के फायदे बताए गए।उक्त जानकारी डीएचईआईओ शालू गुप्ता ने दी।
डीएचईआईओ शालू गुप्ता ने बताया कि लोगों को अपनी पसंदीदा परिवार नियोजन संसाधन अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।अनचाहे गर्भ से बचने के लिए लोग स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुहैया कराए जा रहे गर्भ निरोधक साधनों (बास्केट ऑफ च्वाइस) में से अपनी सुविधा अनुसार कोई भी साधन अपना सकते हैं।गर्भनिरोधक गोली तीन महीने तक हफ्ते में दो गोली तथा चौथे महीने से हफ्ते में एक गोली लेनी होती है। दूध पिलाने वाली माताओं पर उनके दूध पर कोई असर नहीं पड़ता।गर्भनिरोधक गोली छाया,प्रसव के तुरंत बाद लगने वाली पीपीआईयूसीडी और कंडोम की पूर्ण सुविधा की जानकारी आशा, आंगनबाड़ी एवं एएनएम के द्वारा दी जा रही है।अन्य समस्याओं के मदद के लिए अंतरा केयर हेल्पलाइन 1800-103-3044 द्वारा काउंसलर से फोन कर बात कर सकती है।इस नंबर पर महिलाएं बेहिचक अपनी सारी समस्याओं को बता सकती हैं।परिवार नियोजन का मतलब यह तय करना कि आपके कितने बच्चे हों और कब हों? इसके लिए तमाम उपलब्ध साधनों में से कोई एक साधन चुन सकते हैं।इससे माताएं व बच्चे ज्यादा स्वस्थ रहेंगे। क्योंकि जोखिम पूर्ण गर्भों की रोकथाम हो जाती है। एक या दो बच्चे होने से उन्हें बेहतर शिक्षा मिलती है।असुरक्षित गर्भपात की समस्याओं के कारण महिलाएं मौत का शिकार हो जाती हैं। इनमें अनके मौतों को परिवार नियोजन के द्वारा रोका जा सकता है।