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KDNEWS/अमेठी-जांच के नाम पर चकबंदी विभाग के अधिकारी कर रहे हैं खाना पूर्ति,लेखपाल की गलत आख्या से पीड़ित परेशान

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चंदन दुबे की रिपोर्ट

जांच के नाम पर चकबंदी विभाग के अधिकारी कर रहे हैं खाना पूर्ति,लेखपाल की गलत आख्या से परेशान पीड़ित

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सरकार की जड़ों में मट्ठा डालने का काम कर रहे जांच अधिकारी|

अमेठी।मामला जनपद अमेठी के विकास खंड भादर अंतर्गत ग्राम सोनारी का है जो चकबंदी अधीन है जहां पर श्री राम अवतार मौर्य के गाटा संख्या 4069 व अशोक पांडे आदि के गाटा संख्या 4068 के मध्य विवाद है रामअवतार द्वारा गाटा संख्या 4069 में एसओसी द्वारा दिनांक 26-02-2020 को एकपक्षीय मकान निर्माण आदेश पारित हुआ ।परंतु अशोक पांडे द्वारा उक्त आदेश के विरुद्ध दिनांक 6-3-2020 को वाद दायरा कर एसओसी द्वारा स्थगन आदेश करवा दिया गया ।पूर्व में कई बार उक्त गाटों की पैमाइश भी हो चुकी है ।गाटा संख्या 4069 के काश्तकार रामअवतार द्वारा माना भी नहीं जा रहा है और बार-बार पैमाइश करने के लिये शिकायती प्रार्थना पत्र भी दिया जाता चकबंदी विभाग की मिलीभगत से बार-बार झूठी शिकायत की जाती है । परंतु चकबंदी विभाग द्वारा 182 आदि कि कोई कार्रवाई ना कर प्रार्थी का निरंतर आर्थिक मानसिक एवं सामयिक शोषण कराया जा रहा है।

बताते चलें कि चकबंदी विभाग को हमवार कर आई जी आर एस द्वारा माह सितंबर में पुनः पैमाइश हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया। जिससे शिकायतकर्ता संबंधित चकबंदी कर्ता तथा लेखपाल की मिलीभगत से पैमाइश करने मौके पर आए बिना पूर्व सूचना के द्वितीय पक्ष अशोक पांडे आदि के उपस्थित न रहने पर बैरंग वापस चले गए और विभाग के अनुचित प्रलाभ से ग्रसित होने के कारण बिना पैमाइश के हजम कैसे हो। अस्तु जाते ही दिनांक 04-09-2020 को पैमाइश हेतु चपरासी भेज कर दिनांक 02-09-2020 को आनन-फानन में नोटिस थमाया गया ।द्वितीय पक्ष के नोटिस हाथ लगते ही तुरंत माननीय मुख्यमंत्री को आई जी आर एस संदर्भ संख्या 40020320015187 मोबाइल नं.-7054140924 द्वारा प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया ।उक्त प्रकरण मे एसओसी के यहां वाददायरा व स्थगन आदेश होते हुए तथा पूरे देश में कोविड-19को दृष्टिगत लाकडाउन होते हुए और और चकबंदी अधिनियम के विरुद्ध ग्रीष्म ऋतु के बजाय बरसात में खड़ी फसलों के मध्य पैमाइश कराई गई। जबकि चारों तरफ खड़ी फसलों व जलभराव के कारण बिना चौहद्दी से पैमाइश किए सही पैमाइश हो ही नहीं सकती ।विधि विरुद्ध पैमाइश है इसे अभी रोकवायी जाय परंतु अनुचित प्रलाभ से ग्रसित चकबंदी विभाग कैसे मान सकता है। नोटिस थमा पाने के बाद दिनांक 04-09-2020 को संबंधित चकबंदी कर्ता एवं लेखपाल द्वारा खड़ी फसलों के मध्य पैमाइश की गई पर विरोध में आई जी आर एस पर उक्त आशय से प्रेषित प्रार्थना पत्र की विधि विरुद्ध पैमाइश की जब जांच आई तो स्वेच्छाचारी जांच अधिकारी धीरेंद्र तिवारी लेखपाल द्वारा यह झूठी आख्या प्रेषित कर दी गई कि “मौके पर धान की फसल खड़ी होने के कारण पैमाइश किया जाना संभव नहीं है। फसल कटने के बाद पैमाइश की जाएगी। इस बात पर दोनों लोग सहमत थे और अपने अपने हस्ताक्षर बनाएं”। इस तरह से जांच का स्वांग रच कर प्रार्थना पत्र का इतिश्री कर दिया गया ।ऐसा प्रतीत होता है कि अन्य सरकारों के समय की तरह ये अधिकारी लूट खसोट ना कर पाने के कारण सरकार से पूर्णतया असंतुष्ट होकर जांच के नाम पर जनता को तरह-तरह से परेशान कर रहे हैं।शिकायत होने पर जांच के नाम पर खानापूर्ति करते हुए झूठी आख्या प्रेषित कर जनता का सरकार के प्रति मोह भंग कर सरकार की जड़ों में मट्ठा डाल रहे हैं। उक्त प्रकरण की शिकायत में पोर्टल से जांच रिपोर्ट देखकर स्वेच्छाचारी जांच अधिकारियों की झूठी आख्या से क्षुब्ध होकर शिकायतकर्ता अशोक पांडे ने आईजीआरएस संदर्भ संख्या 40020320018644 मो.-9598713480 द्वारा पूर्व शिकायती पत्र,जांच रिपोर्ट व पैमाइश होने पर बनाया गया वीडियो की प्रति माननीय मुख्यमंत्री समेत शासन प्रशासन को प्रेषित कर कठोर कार्रवाई की मांग की है।

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