यूपी/अमेठी-डाकघर रामगंज में आधार कार्ड न बनाएं जाने से परेशान ग्रामीण जनता,व्यापार मण्डल के बैनर तले दिया गया ज्ञापन
चंदन दुबे की रिपोर्ट
अखिल भारतीय उद्योग ब्यापार मण्डल रामगंज अमेठी के बैनर तले ब्यापार मण्डल अध्यक्ष दीपक अग्रहरि व महामंत्री रामसेवक बिस्वकर्मा के साथ बाजार और गाँव के लोग भारतीय डाकघर में आ पहुँचे और नारेबाजी करने लगे।अपनी मांगों को लेकर की डाकघर में आधार बनाने की मशीन आये 6 महीने से ज्यादा हो गया तो क्यो अभी तक काम चालू नही हुआ।जनता परेशान है।स्कूल के बच्चों का कोई फॉर्म ऑनलाइन नही हो पा रहा है बिना आधार के पहले गाँव मे कैम्प लगा के जो आधार बने थे उसमे मोबाईल नम्बर नही ऐड है। बिना नम्बर लगे उनका आधार बन गया था अब वो अगर स्कालरशिप के लीये ऑनलाइन करवाने जा रहे है तो नही हो पा रहा है क्योकि आधार में मोबाईल नम्बर नही फिड है।ऐसे ही जब पहले आधार बना तो जन्म तिथि आधार बनाने वाले अंदाज से लिख दिये अब मार्कसीट से वो भी मेल नही खा रहा।जिसके करेक्सन के लिये जनता परेशान है जिले में जहाँ बन रहा है वहाँ लम्बी लम्बी लाइने लगी हुई है 45 किलोमीटर लोग जाते है पता चलता है कि आज आप का नही हो पायेगा लोग मायूस उदास होकर वापस आ जाते है जनता में सरकार के प्रति असंतोष ब्याप्त है कर्मचारी मस्त है जनता त्रस्त है।
इसी सिलसिले में शिवशंकर साहू,दसरथ कसौधन,संजय कसौधन,अंकित जायसवाल अनिल,शमसुद्दीन ,सन्तोष त्रिलोकीनाथ मिश्रा,बिपिन यादव आदि लोग एकत्रित होकर रामगंज डाकखाने में ज्ञापन दिया कि जल्द ही आधार कार्ड की मशीन को चालू करवाये अपने उच्च अधिकारियों से कह कर नही तो उधोग ब्यापार मण्डल रामगंज आंदोलन करने को मजबूर हो जायेगे।बच्चों के आधार कार्ड न बन पाने क्षेत्रवासी पूरी तरह से परेशान हुआ हैरान है।
अमेठी स्थित ग्रामीण बैंक,यूको बैंक, प्रधान डाकघर,स्टेट बैंक आईसीआईसीआई बैंक व सेंट्रल बैंक अमेठी में आधार कार्ड बनवाने के लिए लंबी-लंबी लाइने लग रही हैं। इन बैंकों के बाहर सुबह 6:00 बजे से लाइन लगना प्रारंभ हो जाती है।गेट खोलते समय ही 200 से 300 अभ्यर्थी आधार कार्ड के लिए जमा हो जाते हैं।किसी भी बैंक में आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं रह गई है।क्षेत्रवासियों का आरोप है कि हफ्ते भर लाइन लगाने के बाद भी 400 से ₹500 प्रति आधार कार्ड बनवाने के लिए ऑपरेटर को देना पड़ रहा है जबकि सरकार द्वारा नया आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया निशुल्क है।आधार कार्ड की प्रक्रिया में सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह से फेल नजर आ रही है।