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KDNEWS/सरकार का दावा धान की खरीद लगभग19सौ रुपये प्रति कुंतल, लेकिन हकीकत में मंडी में खरीद हो रही हैं खरीद 11सौ प्रति कु.। विचौलियों व आढतियों के खेल में फंसा किसान,देखे पूरी रिपोर्ट

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ANCHOR- सरकार के लाख दावों के बावजूद धान क्रय केंद्रों का बुरा हाल है। धान के सरकारी क्रय केंद्रों पर जहाँ सन्नाटा पसरा हुआ है वही आढ़तियों के यहाँ धड़ा धड़ धान की बोरियां उतारी जा रही हैं। हाल ये है कि कम रेट पर ही किसान बिचैलियों को धान देने पर मजबूर हैं।

वीओ- ये नजारा है सुल्तानपुर जनपद के नगर अमहट स्थित नवीन मंडी स्थल का। इस मंडी स्थल पर जिला प्रशासन द्वारा दो धान केंद्र बनाए गए हैं। बीते 15 अक्टूबर से धान खरीद की बात भी कही जा रही है लेकिन शहर के बीचोबीच स्थित इस क्रय केंद्र पर सन्नाटा पसरा हुआ है। एक क्रय केंद्र पर करीब 10 क्विंटल की धान खरीद हुई है जबकि दूसरे क्रय केंद्र पर फैन न होने के चलते शुरूवात भी नही हो सकी है। धान बेचने के लिये क्या प्रक्रिया है पहले आप उसे जान लीजिए। पहले अपनी खतौनी, आधार कार्ड, बैंक पास बुक लेकर उसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाइये। उसके बाद रजिस्ट्रेशन कार्ड और सैंपल लेकर धान क्रय केंद्र पर जांच करवाइये। यहाँ से एप्रूवल होने पर ही आप अपना धान क्रय केंद्र ले जाइए फिर उसकी साफ़ सफाई कर 1865 रुपए में आपके धान की खरीद की जायेगी।

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वीओ- वहीँ इसी मंडी परिसर में बने एफसीआई के क्रय केंद्र की स्थिति तो और ही ख़राब है। बीते 15 अक्टूबर से शुरू हुई धान खरीब के बावजूद संसाधन न होने के चलते यहां खरीद शुरू ही नही हो सकी है।

वीओ-दिलचस्प बात तो ये है कि जहाँ सरकारी क्रय केंद्रों पर सन्नाटा है वहीँ मंडी में लगे आढ़तियों के यहाँ धान उतारने के लिये प्राइवेट लोगों की लाइन लगी हुई है। गांव से किसानों का अनाज खरीब कर गाड़ियों से लाया जा रहा है। सरकार ने जहाँ 18 से ज्यादा रुपए धान क्रय के लिये निर्धारित किया है वहीँ ये आढ़ती महज 11-12 सौ रूपये क्विंटल धान की खरीद कर रहे हैं। किसानों की माने तो सरकारी क्रय केंद्र पर इतना परेशान कर दिया जाता है कि किसान वहां जाना ही नहीं चाहता और कम दामों पर ही धान बेचने को मजबूर है।

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