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KDNEWS/सुल्तानपुर-बीजशोधन/भूमिशोधन से फसल की रोगों से सुरक्षा कर, ले सकते हैं किसान भाई अधिक पैदावार-जिला कृषि रक्षा अधिकारी।

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किसान भाई बीजशोधन/भूमिशोधन से फसल की रोगों से सुरक्षा कर, ले सकते हैं अधिक पैदावार-जिला कृषि रक्षा अधिकारी।

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           सुलतानपुर 09 अक्टूबर/जिलाधिकारी रवीश गुप्ता के दिशा निर्देश पर जिला कृषि रक्षा अधिकारी विनय वर्मा ने बताया कि बीज जनित एवं भूमि जनित रोगों से आगामी रबी की बोई जाने वाली फसलों के बचाव हेतु बीजशोधन एवं भूमिशोधन अत्यन्त महत्वपूर्ण है। जनपद के किसान भाई फसलों के रोगों से बचाव के लिये बीजशोधन/भूमिशोधन अत्यन्त सरल एवं सस्ता उपाय से फसल को लगने वाले रोगों से सुरक्षा कर अधिक पैदावार ले सकते हैं। 
        जिला कृषि रक्षा अधिकारी श्री वर्मा ने बताया कि जनपद के किसान भाई बीजशोधन कर गेहूँ में करनालवण्ट एवं अनावृत्त कण्डुआ के नियंत्रण हेतु थीरम 75 प्रतिशत 2.5 ग्राम या कार्बेण्डाजिम 50 प्रतिशत 2.0 ग्राम या कार्बाक्सिन 75 प्रतिशत 2.0 ग्राम या टुबुकोनाजोल 2 प्रतिशत 1.0 ग्राम एवं चना, मटर व मसूर में उकठा रोग के नियंत्रण हेतु ट्राइकोडारमा हार्जिएनम 1.0 प्रतिशत 5.0 ग्राम या थीरम 75 प्रतिशत प्लस कार्बेण्डाजिम 50 प्रतिशत (2ः1) 3.0 ग्राम , राई/सरसों में झुलसा रोग के लिये थीरम 75 प्रतिशत 2.5 ग्राम तुलसिता एवं सफेद गेरूई के लिये मेटालैक्सिल 35 प्रतिशत 2.0 ग्राम, प्रति कि0ग्रा0 बीज के दर से तथा आलू में झुलसा रोग के लिये एम0ई0एम0सी0 6 प्रतिशत 1.0 प्रतिशत कि0ग्रा0 प्रति हे0 बीज (25 कुन्तल) एवं गन्ना में लाल सड़न एवं चाबुक कण्डुआ रोग के नियंत्रण हेतु गन्ने के टुकड़ों को 52 डिग्री सेण्टीग्रेट तापक्रम वाले पानी में 02 घण्टे डुबों कर निकाल लें तथा 2.0 कि0ग्रा0 एम0ई0एम0सी0 6 प्रतिशत हे0 बीज (50 कुन्तल) के दर से बीजशोधन करें। 

उन्होंने बताया कि किसान भाई भूमिशोधन कर भूमि जनित रोगों एवं कीटों से सुरक्षित रखने हेतु फसल की बुआई व रोपाई से पूर्व भूमिशोधन करना आवश्यक है। दीमक, सफेद गिडकर, सूत्रकृमि, जड़ की सूड़ी, कटवर्म आदि भूमिगत कीटों के नियंत्रण हेतु ब्यूवेरिया बैसियाना 1 प्रतिशत 2.5 कि0ग्रा0 अथवा क्लोरोपाइरीफास 20 प्रतिशत ई0सी0 2.5 लीटर अथवा कार्बोफ्यूरान 3 प्रतिशत 25-30 कि0ग्रा0 अथवा फेनवेलरेट 0.4 प्रतिशत 20 कि0ग्रा0 प्रति हे0 की दर से प्रयोग करें। इसी तरह भूमि जनित रोगों जैसे उक्ठा, तनासड़न, जड़विगलन, लालसड़न आदि रोगों के रोकथाम हेतु ट्राईकोडरमा अथवा स्यूडोमोनास 1.0 प्रतिशत की 2.5-3 कि0ग्रा0 मात्रा अथवा कार्बेन्डाजिम 2 कि0ग्रा0 प्रति हेक्टेयर दर से प्रयोग करें।

जिला सूचना कार्यालय सुलतानपुर द्वारा जनहित प्रसारित।

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