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#सुलतानपुर-कोर्ट का फैसला आते ही रो पड़ी सास,जज ने कहा जेल जाना सिर्फ….,

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कोर्ट ने अत्यंत क्रूरतम जघन्य अपराध का दोषी मानते हुए दहेज हत्यारोपी पति ‘हाशिम’ को सुनाई उम्र कैद की सजा

बचाव पक्ष की अपील पर ‘शकीना’ की मौत के बाद उसकी एक वर्षीय पुत्री की देख-रेख करने व शिक्षा पर ध्यान देने वाले वृद्ध सास-ससुर पर कोर्ट ने बरती नरमी,सुनाई 10-10 साल की सजा

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सजा सुनकर रोने लगी दोषी सास से जज पूनम सिंह ने कहा जेल जाना सिर्फ कर्मक्षेत्र में बदलाव न हो परेशान,लेकिन इस अंजाम तक पहुँचने की वजह पर विचार जरूरी,बच्ची की देखरेख करने के चलते कम सजा मिलने पर कहा हमेशा अच्छे कर्मों का किसी न किसी रूप में मिलता है फल

एफटीसी कोर्ट ने सभी परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए दोषियों के कृत्य के अनुसार सुनाई सजा,साक्ष्य के अभाव में चार ससुराली जन हुए है बरी

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विवाहिता को जलाकर आठ वर्ष पूर्व ससुराली जनों ने उतारा था मौत के घाट,99 प्रतिशत जली थी ‘शकीना’,आई थी चोटें

केस के प्रत्येक पहलुओं पर ध्यान देकर काफी सूझ-बूझ एवं निष्पक्ष निर्णय लेने वाली जजों में पूनम सिंह की होती है चर्चा

मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र के इटकौली गांव से जुड़ा है।

रिपोर्ट-अंकुश यादव

सुलतानपुर। विवाहिता को जलाकर मार डालने के मामले में एफटीसी द्वितीय की अदालत ने दोषी करार दिए गए पति व सास-ससुर को सजा सुनाई है। जिसमें जज पूनम सिंह ने पति को उम्र कैद व सात हजार रूपए अर्थदंड एवं सास-ससुर को 10-10 वर्ष के कारावास एवं सात-सात हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने साक्ष्य के आभाव में चार आरोपी ससुरालीजनों को बरी कर दिया है।
मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र के इटकौली गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले हाशिम के साथ आठ वर्ष पूर्व अभियोगिनी साजिदा बेगम निवासिनी चौधरी का पुरवा मजरे अर्जुनपुर थाना गोसाईगंज ने अपनी बेटी शकीना बेगम की शादी सम्पन्न कराई थी। अभियोगिनी के मुताबिक शादी के बाद से ही ससुरालीजन शकीना को कम दहेज लाने का ताना देकर व दहेज की मांग को लेकर अक्सर प्रताड़ित करते रहे और सात अप्रैल 2012 को मांग न पूरी होने के चलते जलाकर मार डाला। बताया जा रहा है कि आरोपियों के क्रूरतम अपराध की वजह से शकीना करीब 99 प्रतिशत जल गई थी और उसे कई चोटें भी आई थी,जिसके लिए आरोपी ससुरालीजनों को जिम्मेदार बताया गया। इस मामले में मृतका शकीना की मां साजिदा की तहरीर पर पति व सास-ससुर सहित आठ लोगों के खिलाफ दहेज हत्या सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। तफ्तीश के दौरान साक्ष्य न मिलने के चलते आरोपी खुशनूर बानों को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी। शेष सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल हुआ। मामले का विचारण एफटीसी द्वितीय की अदालत में चला। इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता रणजीत सिंह त्रिसुंडी ने दो गवाहों एवं अपने साक्ष्यों व तर्काें को पेश करते हुए आरोपियों को बेकसूर बताया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे अभियोगिनी के निजी अधिवक्ता अरविन्द सिंह राजा व शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार दूबे ने आठ गवाहों को पेश करते हुए आरोपियों को ही घटना का जिम्मेदार ठहराया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात आरोपी नासिर, गुड़िया, बाबू, व शानू को न्यायाधीश पूनम सिंह ने साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया। वहीं अदालत ने विवाहिता को मार डालने के आरोप में पति हाशिम, ससुर मो. कसीम व सास मैमुन निशां को दोषी करार दिया और उनकी सजा के बिन्दु पर सुनवाई के लिए 26 नवम्बर की तारीख तय की। गुरूवार को दोषी ठहराए गए ससुरालीजनों की सजा के बिन्दु पर सुनवाई चली। इस दौरान बचाव पक्ष ने घटना के समय मात्र एक वर्ष की रही एवं वर्तमान में करीब आठ वर्ष की हुई एक बच्ची की देखरेख करने एवं सास-ससुर को वृद्ध होने की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए सजा में नरमी बरतने की अदालत से मांग की, वहीं अभियोजन पक्ष ने दोषियों को कड़ी-से-कड़ी सजा से दंड़ित किए जाने का पक्ष रखा । उभय पक्षों को सुनने के पश्चात न्यायाधीश पूनम सिंह ने पति हाशिम को अत्यंत क्रूरतम जघन्य अपराध का दोषी मानते हुए उम्र कैद व सात हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं शकीना की मृत्यु के बाद उसकी मासूम बच्ची की करीब आठ वर्षों से पालन-पोषण कर उसे उचित शिक्षा देने का निरन्तर प्रयास करने वाले वृद्ध सास-ससुर की सजा पर उदार दृष्टिकोण अपनाते हुए उन्हें दस-दस वर्ष के कारावास व सात-सात हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। इस दौरान कोर्ट का फैसला आने पर सास मैमुन निशा रो पड़ी,जिस पर जज पूनम सिंह ने कहा जेल जाना सिर्फ कर्मक्षेत्र में बदलाव,इससे परेशान न हो,लेकिन इस अंजाम तक पहुँचने की वजह पर विचार जरूर करना चाहिए कि आखिर ऐसा कर्म क्या किया जो ऐसा दिन देखने को मिला,वहीं कोर्ट ने बच्ची की देखरेख करने के चलते दोषी पति की अपेक्षा कम सजा मिलने पर कहा हमेशा अच्छे कर्मों का किसी न किसी रूप में फल मिलता है,इसलिए हमेशा अच्छे कर्मों को करते रहना चाहिए।

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