प्रतापगढ़ – केंद्र सरकार का निर्णय आयुर्वेद के लिए मील साबित होगा
केंद्र सरकार का निर्णय आयुर्वेद के लिए मील साबित होगा
रिपोर्ट अद्वैत दशरथ तिवारी
प्रतापगढ़। केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए पाठ्य क्रम में शल्य चिकित्सा को शामिल करने तथा आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा सर्जरी की अनुमति देने की सराहना की है।आयुष इंटरनेशनल मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य आचार्य एडी तिवारी वैद्य ने कहा कि 1014 में जब से मोदी सरकार बनी तब से आयुर्वेद चिकित्सा की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।सबसे पहले आयुष मंत्रालय की स्थापना कर भारतीय चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा मिलना शुरू हुआ। प्रधानमंत्री ने यूएनओ से योग दिवस घोषित कराकर विश्व पटल पर भारत का डंका बजा दिया। राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा आयोग विधेयक बिल 2019 एक महत्वपूर्ण रहा।उन्होंने आगे कहा कि कोरोनावायरस के भयानक संक्रमण काल के दौरान आधुनिक चिकित्सा विज्ञान विवश हो गया।इस महामारी में भारतीय चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद से संक्रमण में रुकावट आई। पूरी दुनिया ने आयुर्वेद,योग का भरपूर उपयोग किया।भूतल पर शल्यतंत्र ( शर्जरी) की खोज महान शल्य वैज्ञानिक आचार्य सुश्रुत ने किया था। लेकिन मुगल, अंग्रेज तथा आजादी के बाद सत्तासीन सरकार ने राष्ट्र की वैभव शाली वैज्ञानिकता को नष्ट करने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ी। केंद्र सरकार का निर्णय आयुर्वेद चिकित्सा के लिए मील का पत्थर साबित होगा।