- Advertisement -

प्रतापगढ़-श्रम विभाग की 13 योजनायें निर्माण श्रमिकों के जीवन में हो रही है वरदान सावित।

0 221

श्रम विभाग की 13 योजनायें निर्माण श्रमिकों के जीवन में हो रही है वरदान सावित।

- Advertisement -

रिपोर्ट अद्वैत दशरथ तिवारी

- Advertisement -

प्रतापगढ़।उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के निर्माण श्रमिकों के जीवन में श्रम विभाग प्रतापगढ़ की 13 योजनायें वरदान सावित हो रही है। श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के लिये मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना, सन्त रविदास शिक्षा सहायता योजना, मेधावी छात्र पुरस्कार योजना, आवासीय विद्यालय योजना, कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना, निर्माण कामगार कन्या विवाह सहायता योजना, सौर ऊर्जा सहायता योजना, निर्माण कामगार आवास सहायता योजना, चिकित्सा सुविधा योजना, गम्भीर बीमारी सहायता योजना, महात्मा गांधी पेंशन सहायता योजना, निर्माण कामगार मृत्यु, विकलांगता एवं अक्षमता पेंशन योजना तथा निर्माण कामगार अन्त्येष्टि सहायता योजनायें संचालित की जा रही है।
मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना के अन्तर्गत पंजीकृत महिला श्रमिक के संस्थागत प्रसव की दशा में निर्धारित न्यूनतम वेतन की दर से 03 माह के वेतन के समतुल्य धनराशि एवं रूपये 1000 का चिकित्सा बोनस देय होगा। पंजीकृत पुरूष कामगारों को रूपये 6000 दो किस्तों में देय होगा। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के अधिकतम दो नवजात शिशुओं के पौष्टिक आहार हेतु वर्ष में एक बार एक मुश्त लड़का पैदा होने पर रूपये 20000 वार्षिक तथा लड़की पैदा होने की स्थिति में रूपये 25000 प्रति शिशु की दर से शिशु की दो वर्ष की आयु पूर्ण होने तक देय होगा। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के प्रथम संतान लड़की होने अथवा दूसरी सन्तान भी लड़की होने पर रूपये 25000 बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिये होगा भुगतान किया जायेगा। जन्म से दिव्यांग बालिकाओं को रूपये 50000 बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिये होगा भुगतान किया जायेगा।
निर्माण कामगार मृत्यु, विकलांगता एवं अक्षमता पेंशन योजना के अन्तर्गत दुर्घटना से मृत्यु होने पर रूपये 5 लाख, सामान्य मृत्यु पर रूपये 2 लाख, स्थायी अपंगता पर रूपये 3 लाख एवं आंशिक अपंगता पर रूपये 2 लाख, कार्य स्थल से इतर स्थायी अपंगता पर रूपये 2 लाख तथा कार्यस्थल से इतर अस्थायी आंशिक विकलांगता पर रूपये 1 लाख की आर्थिक सहायता एवं श्रमिक के पंजीकृत न होने की दशा में कार्यस्थल पर मृत्यु हो जाने पर 50 हजार की आर्थिक सहायता दी जाती है। कार्यस्थल पर दुर्घटनाग्रस्त होने पर पूर्ण स्थायी अपंगता पर रूपये 1000 से 1500 प्रतिमाह आजीवन अक्षमता पेंशन दी जाती है।
निर्माण कामगार आवास सहायता योजना अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिक के आश्रयहीन होने अथवा अधिकतम दो कच्चे कमरे वाले पर होने पर अपनी जमीन पर मकान बनाने अथवा मकान क्रय हेतु रूपये 100000 की आर्थिक सहायता दो समान किश्तों में दी जायेगी। यदि पंजीकृत निर्माण श्रमिक के पास स्वयं की रिहायसी मकान है तो उसे मकान मरम्मत हेतु एक मुश्त रू0 15000 की धनराशि प्रदान की जाती है। स्वयं के आवास होने पर शौचालय की सुविधा न होने पर शौचालय निर्माण हेतु रूपये 12000 की दो समान किश्तों में दी जायेगी। निर्माण कामगार आवास सहायता योजना के लाभ हेतु श्रमिक कम से कम 5 वर्ष तक अंशदान जमा किया हो। चिकित्सा सुविधा योजना के अन्तर्गत पंजीकृत विवाहित निर्माण श्रमिक को प्रति वर्ष रूपये 3000 एवं अविवाहित निर्माण श्रमिक को रूपये 2000 प्रतिवर्ष बैंक खाते में स्थानान्तरित की जाती है। गम्भीर बीमारी सहायता योजना के अन्तर्गत हृदय की शल्य क्रिया, गुर्दा का प्रत्यारोपण, लीवर (यकृत) का प्रत्यारोपण, मस्तिष्क की शल्य क्रिया, रीढ़ की हड्डी की शल्य क्रिया, पैर के घुटने बदलना, कैंसर का इलाज, एच0आई0वी0 एड्स की बीमारी, आंख/पथरी/अपेन्डिस/हाइड्रोसील/महिलाओं में होने वाले स्तन कैन्सर/सर्विकल (बच्चेदानी/योनि) कैन्सर की शल्य क्रिया बीमारी आदि गम्भीर बीमारियों के ईलाज में सरकारी संस्था/सरकारी मेडिकल कालेज में किये गये व्यय की शत प्रतिशत क्षतिपूर्ति दी जाती है।
निर्माण कामगार अन्त्येष्टि सहायता योजना के अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु पर अन्त्येष्टि हेतु रूपये 25000 की आर्थिक सहायता दी जाती है।
सन्त रविदास शिक्षा सहायता योजना अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के 25 वर्ष तक के अधिकतम 02 बच्चों (पुत्र/पुत्रियों) को कक्षा-1 से उच्चतर शिक्षा हेतु न्यूनतम रूपये 150 मासिक से रूपये 2000 मासिक तक विभिन्न दरों से छात्रवृत्ति का भुगतान पाठ्यक्रम आईटीआई/वोकेशनल कोर्स/प्रोफेशनल सरकारी संस्थाओं/कालेज के वार्षिक शुल्क के समान धनराशि देय है। इसी योजना के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की दो पुत्रियों तथा कक्षा 10 से कक्षा 11 एवं कक्षा 12 से स्नातक में प्रवेश करने पर विद्यालय/महाविद्यालय जाने के लिये बोर्ड द्वारा उन्हें साइकिल उपलब्ध करायी जायेगी।
मेधावी छात्र पुरस्कार योजना के अन्तर्गत मेधावी छात्र/छात्राओं को कक्षा 05 से लेकर उच्च शिक्षा हेतु रूपये 4000, रूपये 22000 तक की वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। आवासीय विद्यालय योजना के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के 06 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को आवासीय सुविधा के साथ गुणवत्तापरक शिक्षा की निःशुल्क सुविधा बोर्ड द्वारा प्रदान की जाती है। कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना* के अन्तर्गत श्रमिक या उसके पुत्र/पुत्री के व्यावसायिक प्रशिक्षण पर व्यय की गयी धनराशि की प्रतिपूर्ति तथा प्रशिक्षण काल में श्रमिकों के मजदूरी का भुगतान किया जाता है। निर्माण कामगार कन्या विवाह सहायता योजना* के अन्तर्गत श्रमिकों के पुत्रियों के विवाह हेतु रूपये 55000, अन्तर्जातीय विवाह में रूपये 61000 प्रति विवाह बोर्ड द्वारा अनुदान दिया जाता है यह अनुदान श्रमिकों की दो पुत्रियों तक ही दिया जाता है। सामूहिक विवाह की स्थिति में रूपये 65000 तथा 5000-5000 वर-कन्या को पोशाक हेतु दिया जाता है। सौर ऊर्जा सहायता योजना* के अन्तर्गत रूपये 250 में पंजीकृत श्रमिक के आवास पर सोलर पैनल, बैट्री, दो लाइट व पंखे की सुविधा प्रदान की जाती है। महात्मा गांधी पेंशन सहायता योजना* के अन्तर्गत निर्माण श्रमिक के 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर तत्समय पूर्ववर्ती 10 वर्ष तक लगातार अंश्दान जमा करने पर रूपये 1000 की आजीवन मासिक पेंशन दी जाती है। सभी योजनाओं का लाभ केवल पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिये ही है। अंशदान नियमित रूप से जमा करायें, अंशदान जमा न होने पर कोई हितलाभ देय नही होगा। किसी पंजीकृत श्रमिक के 18 वर्ष से कम आयु के पुत्र/पुत्री श्रमिक के रूप में कार्य करते हुये पाये जाने पर सहायता नहीं दी जायेगी तथा पूर्व में दी गई सहायता वापस ले ली जायेगी।
उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत श्रम विभाग में पंजीकरण हेतु पात्रता एवं प्रक्रिया के बारे में बताया गया है कि ऐसे सभी निर्माण श्रमिक जो कि 18 से 60 वर्ष की आयु के है और उन्होने पंजीकरण के समय पिछले 12 महीनों में 90 दिन तक निर्माण श्रमिक के रूप में कार्य किया है पात्र होगें। पंजीकरण के फार्म के साथ 01 पासपोर्ट साइज की फोटो, आयु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड की छायाप्रति, बैंक पासबुक की छायाप्रति, राशन कार्ड नम्बर तथा आश्रितों के आधार नम्बर के साथ 90 दिन कार्य करने का प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.