- Advertisement -

#सुल्तानपुर-पूर्व विधायक स्वर्गीय इन्द्रभद्र सिंह की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि के लिए हजारों की संख्या में लोग गांव पहुंचे।

0 981

सुल्तानपुर के गौरव कर्मवीर प्रख्यात समाजसेवी बाबू इंद्र सिंह की आज गुरुवार 22 मई को पुण्यतिथि है पुण्यतिथि के मौके पर उनके पैतृक गांव मयंक में महायज्ञ का आयोजन किया गया है जिसमें उनके पुत्र एवं पूर्व विधायक चंद्र सिंह सोनू व पूर्व प्रमुख यश भद्र सिंह मोनू समेत तमाम परिवारीजन शामिल हुए और बाबू इंद्रजीत सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।बताते चलें कि जिले के कूरेभार थाना क्षेत्र के गांव मयांग में संत ज्ञानेश्वर ने आश्रम बना रखा था, आश्रम का विरोध करना ही बाबू इंद्र सिंह को महंगा पड़ गया इसी विरोध के चलते ही संत ज्ञानेश्वर ने अपने चेलों के माध्यम से 21 जनवरी 1999 नगर के दीवानी चौराहे के पास बम मार कर पूर्व विधायक की हत्या कर दी थी, तब से हर वर्ष पूर्व विधायक चंद्र सिंह सोनू द्वारा महायज्ञ और पूर्णाहुति का आयोजन करवाया जाता है जिसमें हजारों लोग श्रद्धांजलि देने शामिल होते हैं ।
अपने जमाने के मशहूर राष्ट्रीय स्तर के वालीबॉल खिलाड़ी रहे विधायक की याद में यहां के खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जाता है।इसौली विधानसभा से दो बार विधायक रहने के साथ साथ ब्लाक प्रमुख और सहकारी बैंक के डारेक्टर के पद पर भी रह चुके है। खास बात यह रही कि अपने राजनीतिक कार्यकाल में मोटरसाइकिल से ही चुनाव प्रचार करते और लोगों के दुख सुख में शामिल होते हैं।
उन्हीं के पद चिन्हों पर आज उनके दोनों बेटे चंद्र भद्र सिंह सोनू और यश भद्र सिंह मोनू उनकी राजनीतिक विरासत को संभाल रहे फिलहाल आज पुण्यतिथि के मौके पर हजारों की संख्या में लोग गांव पहुंच रहे हैं और पूर्व विधायक स्वर्गीय बाबू इन्द्रभद्र सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किय।

- Advertisement -

जनसेवा की प्रतिमूर्ति थे ठाकुर इन्द्रभद्र सिंह

सुल्तानपुर:- बिना किसी राजनैतिक दल के समर्थन के मोटरसाइकिल से चुनाव प्रचार कर निर्दलीय विधायक बनकर जिले के राजनीतिज्ञ को अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवाने वाले पूर्व विधायक ठाकुर इन्द्रभद्र सिंह जनसेवा की प्रतिमूर्ति थे!

- Advertisement -

आज गुरुवार को उनकी 22वी पुण्यतिथि है! पुण्यतिथि पर हजारों समर्थक उन्हें याद कर श्राद्धजलि देगे।

स्व: इन्द्रभद्र सिंह का जन्म सन 1954 में धनपतगंज ब्लॉक् के मायंग गाँव के ठाकुर शारदा प्रसाद के घर तीसरे पुत्र के रूप में हुवा ,

उनके पिता ठाकुर शारदा प्रसाद सिंह आजादी से लेकर सन 1988 तक धनपतगंज के ब्लॉक प्रमुख रहे, स्व ठाकुर इन्द्रभद्र सिंह अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए समाज सेवा के क्षेत्र में उतरे,बालीबाल के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे ठाकुर इन्द्रभद्र सिंह कमला नेहरू सामाजिक संस्थान सुल्तानपुर में ब्यायम प्रबंधक के रूप में कार्य किये,शिक्षादान के साथ राजनीतिक के क्षेत्र में वह सन 1978 से 1981 तक धनपतगंज व बल्दीराय के ब्लॉक के सहकारी बैंक के डारेक्टर रहे, संजय गांधी के करीबियों के शुमार इन्द्रभद्र सिंह ने सन 1988 में कॉग्रेस छोड़ जनता दल पार्टी के हिस्सा बन के राजनीतिक की शुरुआत की ,

सन 1988 में धनपतगंज के ब्लाक प्रमुख बने सन 1989 में जनता दल पार्टी के टिकट पर इसौली विधानसभा से चुनाव लड़े और विधायक बने उन्हें तकरीबन 44000 वोट मिला सन 1993 में निर्दल ही विधानसभा के चुनावी समर में उतर पड़े अपनी लोकप्रियता का लोहा बनवाते हुए उन्होंने विधानसभा चुनाव में जीत का झंडा गाढ़ा इसमें उन्हें करीब 38000 मत हासिल हुवा,उस समय उत्तर प्रदेश में 8 विधायक निर्दल जीते थे जिसमें स्वर्गीय इंद्र भद्र सिंह भी थे खास बात यह रही कि श्री सिंह ने विधानसभा चुनाव मोटरसाइकिल से लड़ा था गलियों व नुक्कड़ चौराहे पर अपने मोटरसाइकिल से पहुंचकर वोट मांगना आज भी लोगों के जिहान से नहीं उतरता है समाजसेवी विसावा निवासी नंदलाल जायसवाल जी कहते हैं कि पहले की राजनीति व राजनेता दूजे किस्म के थे स्वर्गीय इन भद्र सिंह जमीन से जुड़े नेता थे मोटरसाइकिल से ही चलते थे उन्हें ना विरोधियों का भय था और ना ही अपनी सुरक्षा की चिंता उनका है या अंजदा इस सावली की जनता को आज भी याद है स्वर्गीय श्री इंद्र भद्र सिंह ने सन 1996 का चुनाव भी निर्दल लड़े लेकिन सफलता नहीं मिली बावजूद वह विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे हर व्यक्ति के सुख दुख में पहुंचते लेकिन 21 जनवरी सन 1999 को दिन उनके लिए मनहूस साबित हुआ रोजाना की तरह वह जिला मुख्यालय पर आए थे दीवाने चौराहे के निकट अराजक तत्वों ने उनके ऊपर बहुत से जानलेवा हमला बोल दिया जिनमें उनकी मौत हो गई पिता की राजनीति विरासत अब उनके जेष्ठ पुत्र चंद्र भद्र सिंह सोनू को मिली चंद्र सिंह सोनू ने सन उन्नीस सौ एक से लेकर सन 2012 तक तीन बार विधायक बने

सन 2019 में सोनू सिंह गठबंधन से बसपा के सिम्बल से लोकसभा का चुनाव सुल्तानपुर से लड़े पर भाजपा लहर में वे हर का मुंह देखना पड़ा

Leave A Reply

Your email address will not be published.