#इलाहाबाद #हाईकोर्ट के #पंचायतचुनाव आरक्षण व आवंटन की रोक पर प्रत्याशीयो की अटकी साँसे,अब क्या खेला होबे।
याची के अधिवक्ता मो. अल्ताफ मंसूर ने तर्क दिया कि 16 सितंबर 2016 का शासनादेश अभी भी प्रभावी है। ऐसे में वर्तमान चुनाव के लिए आरक्षण के रोटेशन के लिए 2015 को ही बेस वर्ष माना जाना चाहिए।
आरक्षण के रोटेशन के लिए 2015 को ही बेस वर्ष माना जाना चाहिए। याची ने 11 फरवरी 2021 को जारी उस शासनादेश को चुनौती दी हैं
राज्य सरकार को इस वर्ष भी 2015 को बेस वर्ष मानकर आरक्षण को रोटेट करने की प्रक्रिया करना था किंतु सरकार मनमाने तरीके से 1995 को बेस वर्ष मानकर आरक्षण प्रकिया पूरी कर रही है
याची के अधिवक्ता मो. अल्ताफ मंसूर ने तर्क दिया कि 16 सितंबर 2016 का शासनादेश अभी भी प्रभावी है। ऐसे में वर्तमान चुनाव के लिए आरक्षण के रोटेशन के लिए 2015 को ही बेस वर्ष माना जाना चाहिए। याची ने 11 फरवरी 2021 को जारी उस शासनादेश को चुनौती दी जिसके जरिये वर्तमान में पंचायत चुनाव में आरक्षण प्रकिया पूरी की जा रही है। याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की प्रकिया को अंतिम रूप देने पर रोक लगा दी और सरकार व चुनाव आयोग से जवाब तलब कर लिया।
कहा गया कि राज्य सरकार को इस वर्ष भी 2015 को बेस वर्ष मानकर आरक्षण को रोटेट करने की प्रक्रिया करना था किंतु सरकार मनमाने तरीके से..
हाई कोर्ट में याचिका में कहा गया है कि जिला एवं क्षेत्र पंचायत चुनावों में आरक्षण की रोटेशन व्यवस्था के लिए 1995 को आधार (बेस) वर्ष माना जा रहा है और उसी आधार पर आरक्षण किया जा रहा है। जबकि, राज्य सरकार ने 16 सितंबर 2015 को एक शासनादेश जारी कर बेस वर्ष 2015 कर दिया था और उसी आधार पर पिछले चुनाव में आरक्षण भी किया गया था। कहा गया कि राज्य सरकार को इस वर्ष भी 2015 को बेस वर्ष मानकर आरक्षण को रोटेट करने की प्रक्रिया करना था किंतु सरकार मनमाने तरीके से 1995 को बेस वर्ष मानकर आरक्षण प्रकिया पूरी कर रही है और 17 मार्च 2021 को आरक्षण सूची घोषित करने जा रही है।
अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि शासन के अगले आदेश तक पंचायत सामान्य निर्वाचन 2021 के लिए आरक्षण व आवंटन की प्रक्रिया को अंतिम रूप न दिया जाए।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के फैसले के बाद अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि शासन के अगले आदेश तक पंचायत सामान्य निर्वाचन 2021 के लिए आरक्षण व आवंटन की प्रक्रिया को अंतिम रूप न दिया जाए। पंचायत चुनाव में जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत के स्थानों और पदों का आरक्षण व आवंटन के लिए 11 फरवरी, 2021 को अधिसूचना जारी की गई, जिसके विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
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