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कूरेभार सुल्तानपुर-श्री मद भागवत कथा में सुदामा चरित्र का प्रसंग सुन भाव विभोर हो उठे श्रद्धालु

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कूरेभार क्षेत्र के मदनपुर गांव में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा। कथा व्यास श्री श्री 1008 यमुनाचार्य जी महराज ने अंतिम दिन सुदामा चरित्र की कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि सुदामा संसार में सबसे अनोखे भक्त रहे हैं। वह जीवन में जितने गरीब नजर आए, उतने वे मन से धनवान थे। उन्होंने अपने सुख व दुखों को भगवान की इच्छा पर सौंप दिया था। श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। उन्होंने कहा कि जब सुदामा भगवान श्रीकृष्ण ने मिलने आए तो उन्होंने सुदामा के फटे कपड़े नहीं देखे, बल्कि मित्र की भावनाओं को देखा। मनुष्य को अपना कर्म नहीं भूलना चाहिए। अगर सच्चा मित्र है तो श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह होना चाहिए। जीवन में मनुष्य को श्रीकृष्ण की तरह अपनी मित्रता निभानी चाहिए। महिलाओं ने भजन कीर्तन किए। कथा सुनने आए श्रद्धालुओं ने भक्ति रस का पान किया। समापन पर कथा व्यास श्री श्री 1008 यमुनाचार्य जी महराज ने कथा का समापन कराया। इसके बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया। मोहल्लेवासियों ने गाजे- बाजे के साथ श्रीमद्भागवत कथा का रसपान किया। कथा में सात्विक मिश्रा (राजा) को सुदामा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर भीमसेन पाण्डेय एवं सुशीला देवी, संगम पाण्डेय, सुजिल पाण्डेय, अर्जुन पाण्डेय, युधिष्ठिर पाण्डेय, रत्नेश पाण्डेय, विपिन पाण्डेय, कर्णदेव पाण्डेय, किसन पाण्डेय, भानू प्रताप पाण्डेय, गौरव पाण्डेय, सम्पूर्णानंद पाण्डेय, अमन पाण्डेय, सौरभ मिश्रा आदि अनेक लोग मौजूद रहे।

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