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#आरक्षण का मामला फिर पहुंचा #इलाहाबादहाईकोर्ट,अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद नियत।

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आरक्षण का मामला एक बार फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ पहुँचा।

एक तरफ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की गर्माहट चारो तरफ शुरू हो गया है तो वही दूसरी तरफ आरक्षण का मामला एक बार फिर हाईकोर्ट पहुंच गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने (त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव) उत्तर प्रदेश पंचायत राज (स्थानों और पदों के आरक्षण और आवंटन) (12वें संशोधन) नियम 2021, 17 मार्च को जारी अधिसूचना व राज्य सरकार के आदेश और 26 मार्च को जारी पंचायत चुनाव की इस अधिसूचना को चुनौती देने वाली एक याचिका पर महाधिवक्ता को नोटिस जारी किया गया है।

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बृहस्पतिवार को इस मामले में राज्य सरकार और चुनाव आयोग को पक्ष पेश करने का निर्देश जारी ,मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद नियत।

नोटिस जारी होने की जानकारी उम्मीदवारों तक पहुंच रही हैं और प्रत्याशियों धड़कने धीरे धीरे बढ़ना शुरू हो गई है।
जारी हुए नोटिस में जिसमे न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को इस मामले में राज्य सरकार और चुनाव आयोग को पक्ष पेश करने का निर्देश जारी किया है और इस मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद नियत की है।

अनुच्छेद 243 डी (4) विशेष रूप से चक्रानुक्रम (रोटेशन) के लिए प्रावधान करता है। इस प्रकार रोटेशन के प्रावधान का संवैधानिक आधार है।

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याचिकाकर्ता दिलीप कुमार के
वकील अमित भदौरिया ने कहा कि रोटेशन के प्रावधान का संवैधानिक आधार है और तर्क दिया कि अनुच्छेद 243 डी (4) विशेष रूप से चक्रानुक्रम (रोटेशन) के लिए प्रावधान करता है। इस प्रकार रोटेशन के प्रावधान का संवैधानिक आधार है। वही याचिकाकर्ता दिलीप कुमार ने कहा कि एक बार शुरू होने वाली रोटेशन की प्रणाली को बीच में शून्य पर निर्धारित नहीं किया जा सकता है। मगर सरकार ने बारहवें संशोधन से इस प्रक्रिया को रोक दिया, जो कि संविधान के अनुच्छेद 243 डी (4) एवं 21 के विरुद्ध है।

सुनवाई के दौरान उस समय राज्य सरकार और चुनाव आयोग के वकील पेश हुए।

‘के कृष्ण मूर्ति बनाम भारत संघ’ के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए याची के अधिवक्ता ने जानकारी दी। और बताया कि इसमें कहा गया है कि यह नीति एक सुरक्षा कवच है, जिससे एक विशेष पद को हमेशा के लिए आरक्षित किए जाने की संभावना से बचाता है। उधर इस मामले पर सुनवाई के दौरान उस समय राज्य सरकार और चुनाव आयोग के वकील पेश हुए। श्रोतो के हवाले से खबर।

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