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एक शातिर चोर ने की ऐसे धोखाधड़ी,दो महीने जज को छुट्टी पर भेज कर खुद ही जज की कुर्सी संभाली,दिया कई फैसला,पढे हैरतअंगेज कारनामा।

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ऐसी धोखाधड़ी की कि दो महीने जज को छुट्टी पर भेज खुद ही कुर्सी सम्भाल बाकायदा उसपर बैठकर कई फैसला भी सुनाया।

देश में बड़े चोरो का नाम आये धनी राम मित्तल का नाम ना यह हो नही सकता।यह एक ऐसा चर्चित नाम हैं जिसे आपने ने अगर नही सुना हो शायद यह आप की बदकिस्मती जरूर हैं अगर नही सुना होगा तो हम आप को बताते हैं।यह शख्स भारत का सबसे शातिर चोर के रूप जाना माना जाता है।इस चोर की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इसने ऐसी धोखाधड़ी की कि दो महीने तक जज की कुर्सी सम्भाल और बाकायदा उसपर बैठकर फैसला भी सुनाया। अब ऐसे शख्स को आप क्या कहेंगे दिमाग का शातिर चोर । अगर नही कहेंगे तो तो और क्या कहेंगे। आइये इस चोर के बारे में जो शोसल श्रोतो से आया है कुछ आप से जानकारियां शेयर करे।

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लोगों का मानना है कि धनी राम मित्तल ने 25 साल की उम्र में ही शातिर चोरी बन कर इस को अपना मुख्य पेशा बना लिया था। सन 1964 में पहली बार पुलिस ने इसे चोरी करते रंगे हाथ पकड़ा था।

चोर इतना शातिर की दो महीने तक जज की कुर्सी पर बैठकर कई मुकदमों का फैसला भी सुनाया

कहानी यही नही खत्म होती हैं धनी राम का सबसे रोचक और अजीब कारनामा आप ने नही सुना होगा कि वह दो महीने तक जज की कुर्सी पर बैठकर कई मुकदमों का फैसला भी सुनाता था और इसके बारे में किसी को भी कानों कान खबर नही हो पाई थी।दुनिया में ऐसा कारनामा शायद ही कही देखा व सुना गया हो। अब आप को बताते हैं कि यह मामला कैसे हो पाया था दरअसल उसने फर्जी कागजात तैयार कर हरियाणा के झज्जर कोर्ट के एडिशनल सेशल जज को लगभग दो महीने की छुट्टी पर भेज दिया ,यही भर नही उनके बदले वह ऐसा कागजात तैयार किया कि खुद ही जज की कुर्सी पर बैठ गया । यहाँ तक कहा जाता है कि इन दो महीनों में उसने लगभग दो हजार से ज्यादा अपराधियों को जमानत पर रिहा कर दिया और कईयों को उसने अपने फैसले से जेल भी भिजवाया दिया था। हालांकि बाद में जब तक यह मामला खुलता वह पहले ही वहां से भाग खड़ा हुआ।इसके बाद जज के वापस आने पर जिन अपराधियों को उसने जमानत पर रिहा किया था, उन्हें फिर से पकड़कर जेल में ठूसा गया।

धनी राम मित्तल ने एलएलबी की भी पढ़ाई की थी। लेकिन सबसे बड़ी बात उसकी हैंडराइटिंग विशेषज्ञ था और ग्राफोलॉजी की डिग्री भी हासिल की थी


गौरतलब हो कि जानकारी प्राप्त हुई कि धनी राम मित्तल ने एलएलबी की भी पढ़ाई की थी। लेकिन सबसे बड़ी बात उसकी हैंडराइटिंग विशेषज्ञ था और ग्राफोलॉजी की डिग्री भी हासिल की थी। उसकी यह डिग्रियां अपनी चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद यह सब काम देती थी। इन डिग्रियों या यह कह ले की हुनर की बदौलत वह गाड़ी चुराता था और उसके फर्जी कागजात तैयार करके उन्हें अच्छे दामो में बेच देता था।

धनी राम मित्तल की एक नही अनेक कहानी है इसी जुड़ी एक रोचक और कहानी है।

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कई साल पहले उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया था। चूंकि उस समय जो जज थे,वह इस शातिर चोर को कई बार अपनी अदालत में देख चुके थे,लिहाज़ा उसको देख कर खीझ उठे ,उन्होंने कहा कि तुम मेरी अदालत से बाहर जाओ। इतना सुनते ही वह उठ कर चला गया। उसके साथ आए दो पुलिसकर्मी भी उठकर उसके साथ बाहर चले गए। इसके बाद वो वहीं से कही गायब हो गया।इधर जब अदालत में उसका नाम फिर से पुकारा जाने लगा तो पुलिस के हाथ-पांव फूल गए, क्योंकि वो तो झांसा दे कर भाग चुका था।उस वक्त के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उसने पुलिसकर्मियों को ये कहा था कि जज साहब ने कह दिया जाने के लिए तो वह वहाँ से चला गया।

यह शातिर चोर गिरफ्तार किया जाने वाले पहला और इकलौता चोर रहा होगा–

चोरी के बारे में अगर कही इतिहास लिखा गया होगा तो उसमें धनी राम मित्तल सबसे ज्यादा बार गिरफ्तार किया जाने वाले पहला और इकलौता चोर रहा होगा और किताब में दर्ज की गई होगी।आखिरी बार पुलिस ने उसे साल 2016 में चोरी करते गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में वह पुलिस को चकमा देकर वहां से भी भाग गया था।
कहते हैं कि धनीराम अब तक करीब एक हजार से ज्यादा गाड़ियां चुरा चुका है। सबसे खास बात यह है कि यह चोर सिर्फ दिन में ही चोरी की वारदात को अंजाम दिया करता है।

फिलहाल उसकी उम्र करीब 81 साल हो चुकी है। हालांकि अब किसी को भी नहीं पता है कि यह चोर कहां है और किस स्थिति में है


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