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करीब आधा दर्जन गोवंशों की मौत की शिकायत पर सीडीओ अतुल वत्स की बड़ी कार्यवाही, मचा हड़कंप।

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उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गौशाला योजना का जनपद में बहुत बुरा हाल चल रहा है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने कई बार की लेकिन नतीज़ा ढाक के तीन पात ही निकले,यहाँ के कागजों में भले ही सब ठीक ठाक नजर आए लेकिन सच्चाई कोसों दूर नज़र आ रही है। हम बात कर रहे हैं सुल्तानपुर जनपद का जहां यह मामला देखने को मिल रहा है । क्षेत्रीय ग्रामीणों ने इन गोवंश आश्रय स्थल पर अधिकारियों को बीते कुछ दिनों में करीब आधा दर्जन गोवंशों की मौत की जानकारी दी। जानकारी मिलते ही जब मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया तो हड़कम्प मच गया । आनन फानन में सीडीओ अतुल वत्स, डीडीओ और डीपीआरओ के साथ गौशालाओ का निरीक्षण किया जहां खामियां देखी गई जिनको देख कर वह भी दंग रह गए। फिलहाल एक कर्मचारी को निलंबित करने के साथ साथ दो कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।

दरअसल ये मामला है कादीपुर कोतवाली के तवक्कलपुर नगरा गांव का। इसी गांव में प्रशासन द्वारा अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल का संचालन कराया जा रहा है। कहने को इस गोवंश आश्रय स्थल पर गोवंशों के लिये तीन शेड , पानी भूसा इत्यादि का भी इंतजाम है। सैकड़ों गोवंशों के देखरेख के लिये दर्जन भर कर्मचारी सहित पशु चिकित्सक भी तैनात किए गए हैं। लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी यहां बुरा हाल है। हफ्ते भर के भीतर यहां करीब आधा दर्जन गोवंशों की मौत हो चुकी है। लेकिन इसके बाद भी कागजों में सब कुछ ठीक है।

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ग्रामीणों की शिकायत पर सीडीओ अतुल वत्स की बड़ी कार्यवाही, एक पर निलंबन,दो पर हुई लिखापढ़ी।

वीओ-फिलहाल गोवंश आश्रय स्थल में पशुओं की मौत पर कुछ स्थानीय लोगों ने आवाज उठाई तो अब जाकर हड़कम्प मचा हुआ है। मामला संज्ञान में आते ही डीएम रवीश गुप्ता के निर्देश पर गुरुवार को सीडीओ अतुल वत्स, डीडीओ और डीपीआरओ तवक्कलपुर नगरा गांव पहुंचे। और गौशाला की स्थिति देखे। कहने को इस गोवंश आश्रय स्थल का प्रभार पशुधन प्रसार अधिकारी को सौंपा गया है, बावजूद इसके पशुधन अधिकारी द्वारा वहां का फॉलोअप भी नही किया जा रहा है। लापरवाही इतनी कि महीनों भर से वहां का रजिस्टर तक मेनटेन नहीं किया गया था। चुनाव के बाद आज तक पशुधन प्रसार अधिकारी द्वारा वहां का निरीक्षण भी नही किया गया। सीडीओ अतुल वत्स की माने तो कर्मचारियों के अनुसार कुछ दिनों पहले वहां दो पशु अस्वस्थ थे,लेकिन आज निरीक्षण में दौरान मौके पर केवल एक ही पशु अस्वस्थ मिला जिसका पशु चिकित्सक द्वारा इलाज किया जा रहा है। फिलहाल लापरवाही के आरोप में एक कर्मचारी को तत्काल निलंबित करने के साथ साथ दो कर्मचारियों प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।

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मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय से जारी हुआ प्रेसनोट

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दिनांक 13.05.2021 को गोवंश आश्रय स्थल मलिकपुरबखरा, विकास खण्ड मोतिगरपुर तथा गोवंश आश्रय स्थल तवक्कलपुरनगरा, ब्लाॅक कादीपुर का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय उपायुक्त श्रम रोजगार, जिला पंचायतराज अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी तथा पशु चिकित्साधिकारी कादीपुर उपस्थित थे। निरीक्षण टिप्पणी निम्नवत् हैः-

  1. गोवंश आश्रय स्थल मलिकपुरबखरा, ब्लाॅक मोतिगरपुर –

 दैनिक गोवंश पंजिका का अवलोकन किया गया, जिसमें पाया गया कि वर्तमान में कुल 63 गोवंश को आश्रय स्थल पर संरक्षित किया गया है, जिसमें 33 नर व 30 मादा है। अवगत कराया गया कि सभी गोवंश स्वस्थ्य है तथा कोई भी जानवर मृत नही पाया गया।
 खण्ड विकास अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि गोवंश आश्रय स्थल की बाउण्ड्री के रूप में निर्मित सुरक्षा बंधे की ऊँचाई कम हो गयी है, जिस कारण गोवंश बाहर चले जाते है। इस सम्बन्ध में उपायुक्त श्रम रोजगार द्वारा सुझाव दिया गया की शेड 10 से 12 फीट का निर्माण कराया जाना उचित होगा। उपायुक्त श्रम रोजगार को निर्देशित किया गया कि मनरेगा द्वारा सुरक्षा खाई एवं बंधे का पुर्ननिर्माण कर यथोचित ऊँचाई दी जाए ताकि गोवंशो की पर्याप्त सुरक्षा हो सके। गोवंश आश्रय स्थल पर केवल एक शेड निर्मित है। जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जिस प्रकार गोवंश आश्रय स्थल सौराई में नये शेड का निर्माण कराया गया है, उसी प्रकार यहां भी एक अतिरिक्त शेड बनवाया जाए।
 गत निरीक्षण के दौरान गोवंश आश्रय स्थल के द्वार पर गेट का निर्माण कराये जाने के निर्देश दिये गये थे। तत्क्रम में गोवंश आश्रय स्थल पर द्वार पर गेट का निर्माण कराया गया है, जिसके लिए सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) की प्रशंसा की जाती है।
 भूसा गोदाम का निर्माण गत सप्ताह किया गया एवं केयर टेकर के शेड का निर्माण भी किया गया है। निर्देशित किया गया कि उचित दर से भूसा क्रय कर गोदाम में रखा जाए।
 गोवंश आश्रय स्थल परिसर में बाड़ लगाकर चरी उगाई गई है।
 गोवंश आश्रय स्थल पर तीन केयर टेकर की ड्युटी लगायी गयी है। निरीक्षण के दौरान अवगत कराया गया कि पिछले माह के मानदेय का भुगतान किया गया है परन्तु लगभग 01 वर्ष पूर्व कुछ माह के मानदेय का भुगतान नही प्राप्त हुआ है। निर्देशित किया गया कि यथाशीघ्र नियमानुसार मानदेय का भुगतान कराया जाए।

  1. गोवंश आश्रय स्थल तवक्कलपुरनगरा, ब्लाॅक कादीपुर –

 उक्त गोवंश आश्रय स्थल के सम्बन्ध में शिकायत प्राप्त हुई थी कि यहां गोवंश का रख-रखाव उचित नही है। सर्वप्रथम साफ-सफाई के बारे में पूछा गया, जो ठीक नही पायी गयी। दैनिक गोवंश पंजिका का अवलोकन किया गया, जिसे मई माह में बनाया नही गया है। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी महोदय एवं अधोहस्ताक्षरी द्वारा कई बार निर्देशित किये जाने के बावजूद भी उक्त पंजिका को अद्यतन नही किया गया है और न ही किसी के द्वारा अवलोकित किया जा रहा है। यह अत्यंत लापरवाही का परिचायक है। गत दिवस पर उक्त गोवंश आश्रय स्थल पर कई गोबंश मृत होने की सूचना प्राप्त हुई थी। मौके पर यह पाया गया कि पिछले कुछ दिनों में 02 गोवंश की मृत्यु हुई है, परन्तु पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त का पोस्टमार्टम नहीं किया गया है और न ही पंजिका में अंकित किया गया है। इस प्रकार शासन के शीर्ष प्राथमिकतावाले कार्य के प्रति इनकी शिथिलता तथा लापरवाही गम्भीर है। इसके लिए पशु चिकित्सा अधिकारी को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान की जाती है। चूंकि इनके द्वारा दैनिक गोवंश पंजिका नहीं बनाया गया, अतएव पशुओं की संख्या, उनके रखरखाव तथा उनकी मृत्यु की सूचना के संदर्भ में कुछ भी स्पष्ट कहने योग्य नहीं है। सोनकर, पशुधन प्रसार अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए इनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित की जाती है। साथ ही उक्त ग्राम पंचायत में कार्यरत पंचायत सचिव को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान की जाती है। वर्तमान में कुल 199 गोवंश संरक्षित है, जिसमें 110 नर तथा 89 मादा गोवंश है। पशु चिकित्साधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि गोवंश आश्रय स्थल पर 02 गोवंश बीमार है, जिनका समुचित उपचार किया जा रहा है।
 मौके पर उपस्थित खण्ड विकास अधिकारी द्वारा पशु गणना करवाने पर 199 गोवंश का संरक्षित होना, बताया गया, जिसमें 110 नर तथा 89 मादा हैं। तदुपरान्त निरीक्षण पंजिका का अवलोकन किया गया। गत निरीक्षण दिनांक 10.5.2021 को किया गया, परन्तु निरीक्षण टिप्पणी में पशुओं की संख्या व उनके स्वास्थ्य के बारे में उल्लेख नहीं किया गया है। निर्देशित किया गया कि आगामी निरीक्षणों में उक्त का उल्लेख अवश्य किया जाए।
 खण्ड विकास अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि गोवंश आश्रय स्थल की सुरक्षा खांई एवं बन्धा छोटे हो गये हैं, जिस कारण कुत्ते एवं सियार के द्वारा पशुओं को नुकसान किया जा सकता है। निर्देशित किया गया कि मनरेगा के द्वारा इसे यथोचित ऊंचाई तक बनवा लिया जाए, जिससे गोवंश सुरक्षित रह सके। जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देशित किया गया कि केयर टेकर हेतु कक्ष का निर्माण करायें। गोवंश आश्रय स्थल पर 07 केयर टेकर की तैनाती की गयी है तथा उन्हें नियमित रूप से उनको वेतन दिया जा रहा है। इसके बावजूद गोवंश आश्रय स्थल पर साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं थी। पंचायत सचिव अपनी उपस्थिति में दिन में दो बार साफ कराना सुनिश्चित करें तथा शेड के नीचे लगाये गये खडंजे को पानी के उच्च दबाव से साफ कराना सुनिश्चित करें। साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र से समन्वय स्थापित कर गोवंश आश्रय स्थल पर नेपियर घास एवं तेज बढ़ने वाले प्रजाति के वृक्ष लगवायें।
 खण्ड विकास अधिकारी व प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि भविष्य में किसी भी पंजिका के रखरखाव में त्रुटि परिलक्षित होने पर उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जायेगी। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर अद्यतन कराना सुनिश्चित करें।

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