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#सुल्तानपुर – जो भी #जीवजंतु #गिरिराजगोवर्धन की #परिक्रमा करता है वह #84योनियों के #भ्रमण से हो जाता है #मुक्त।

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गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा से योनियों के भ्रमण से जीव जंतु मुक्त हो जाते हैं – आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री

शहर के दरियापुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा प्रवचन का छठवां दिन

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सुल्तानपुर – जो भी जीव जंतु गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा करता है वह 84 योनियों के भ्रमण से मुक्त हो जाता है । देवता , यक्ष ,गंधर्व समेत सभी देवी देवता गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा करते हैं यह वेद सम्मत कथन है । उसी तरह त्रिवेणी संगम में देवता , यक्ष , गंधर्व , अप्सराएं गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा करती है उक्त बातें शहर के दरियापुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा महापुराण के छठवें दिन कथा व्यास आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री ने कही । यह उन्होंने कहा अहंकार से भरे हुए देवराज इंद्र जब बृज में मूसलाधार बरसात करने लगे तो ग्वाल बाल समेत ब्रजवासी अधीर होकर भगवान श्री कृष्ण के पास पहुंचे और बोले कान्हा विपत्ति से हमें निजात दिला दीजिए । भगवान श्री कृष्ण ने छोटी उंगली पर गोवर्धन को धारण कर लिया देवराज इंद्र इसे देखकर हतप्रभ रह गए उनका अहंकार टूट गया वह जनार्दन की शरण में पहुंचकर क्षमा मांगने लगे । रविवार को श्रीमद् भागवत कथा के क्रम में कथा व्यास श्री शास्त्री ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं के साथ गोवर्धन महाराज के महत्व , देवराज इंद्र के अहंकार के दमन करने के लिए भगवान श्री कृष्ण की गोवर्धन लीला , रुक्मणी के विवाह व श्री राधे कृष्ण के महा रास की कथा का विस्तार से वर्णन किया । यहां मुख्य अजमान आनंद प्रकाश शुक्ला वेद प्रकाश शुक्ला , कथाचार्य बृजेश शास्त्री , अयोध्या प्रसाद शुक्ला , कैलाश नाथ शुक्ला , राजदेव शुक्ला , अरुण कुमार , राजमणि , इंद्रदेव , अरुण कुमार , आदि सहयोग में लगे रहे ।

#सुल्तानपुर-#मुलायमसिंहयादव के #जन्मदिन को लेकर #मरीजों में #बांटा गया #फल व #मिठाइयां।

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