- Advertisement -

लखनऊ-योगी सरकार का दूसरा शपथ ग्रहण समारोह होगा कब कितने बन रहे है अबकी डिप्टी सीएम देखे रिपोर्ट।

0 939

लखनऊ-

योगी सरकार का दूसरा शपथ ग्रहण समारोह 21 मार्च को प्रस्तावित।

- Advertisement -

सारी तैयारी 2024 के लोकसभा चुनाव को मद्देनजर कर शुरू हुई रणनीति।

उत्तर प्रदेश में भाजपा को विधानसभा चुनाव में जिस तरह से हर जाति, वर्ग और क्षेत्र से भरपूर वोट मिला है, उसने पार्टी के लिए चुनौतियां और बढ़ा दी हैं। उम्मीदों का बोझ बढ़ा हुआ है, जिसकी शुरुआत मंत्रिमंडल के गठन की प्रक्रिया से ही हो चुकी है। चूंकि, अब सारी तैयारी 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी करनी है, इसलिए हर क्षेत्र और जाति-वर्ग के बीच संतुलन बनाए रखना है।

शपथ ग्रहण समारोह यादगार और भव्य बनाने के लिए तैयारियां जोर शोर से शुरू,किसको दिया गया निमंत्रण।

योगी सरकार का दूसरा शपथ ग्रहण समारोह यादगार और भव्य बनाने के लिए उसे राजधानी स्थित अटल बिहारी बाजपेयी इकाना स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री की उपलब्धता के आधार पर तिथि परिवर्तित हो सकती है, वैसे अभी तक यह समारोह 21 मार्च को प्रस्तावित है। सूत्रों ने बताया कि समारोह का न्योता पार्टी की ओर से सभी राज्यों के मुख्यमंत्री सहित प्रमुख विपक्षी नेताओं को भी भेजना तय हुआ है। इनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अलावा उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेताओं में शामिल सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती शामिल हैं।

भाजपा को मजबूती देने वाले युवाओं पर भी नज़र

 बड़े और दिग्गज जैसे शब्दों से परे योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में वही चेहरे जगह पाएंगे, जो पार्टी के ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ मंत्र का प्रतीक नजर आएंगे। पार्टी नेतृत्व ने तय किया है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को मजबूती देने वाले युवाओं की ऊर्जा, आधी आबादी की प्रतिनिधि महिलाओं, योगी सरकार-1 में योजनाओं को जमीन पर उतारने में सहयोगी रहे मंत्रियों के अनुभव और 2024 ही नहीं, भविष्य के लिए भाजपा के लिए उम्मीद के चेहरों का योग योगी मंत्रिमंडल में दिखेगा।

अवधी तक चैनल पर कवियों का धमाल,कल तक तो कोई पर्दा भी ना था आज है क्यों दीवाल,मनाओ होली का त्योहार।

अपडेट ख़बरों के लिए awadhi tak और kd news up यूटयूब चैनल करें सब्सक्राइब।


अवधी तक-कल तक तो कोई पर्दा भी ना था आज है क्यों दीवाल,मनाओ होली का त्योहार होली पर देखे कवियों का धमाल।

- Advertisement -

दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ हुई वार्ता के बाद प्राथमिक तौर पर सरकार का स्वरूप तय।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से पहले ही विस्तृत चर्चा कर इस संबंध में दिशा-निर्देश ले चुके हैं।

पीएम मोदी के निर्देशानुसार मंथन इसी बिंदुओ पर शुरू।

बुधवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ नई दिल्ली स्थित केंद्रीय मुख्यालय में उनकी बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डा. दिनेश शर्मा भी शामिल हुए।
सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी के निर्देशानुसार मंथन इसी बिंदु को ध्यान में रखकर हुआ है कि योगी मंत्रिमंडल में उन चेहरों को तरजीह दी जाए, जो लंबे समय तक जनता के बीच पार्टी का चेहरा बने रहें और संगठन को मजबूती दें। इस लिहाज से तय है कि नए विधायकों में जो युवा हैं, उनमें कई को मंत्री बनाया जाएगा।

महिलाओं की भागीदारी पहले की तुलना में जा सकती है बढ़ाई?

महिलाओं ने भाजपा को अच्छा समर्थन दिया है, इसलिए महिलाओं की भागीदारी पहले की तुलना में बढ़ाई जा सकती है। इसी तरह अब तक पार्टी का चेहरा बने रहे जो अनुभवी मंत्री योगी के पिछले मंत्रिमंडल में शामिल रहे, उन्हें फिर जगह दी जाएगी। विधानसभा चुनाव के परिणाम की समीक्षा कर उनके क्षेत्रीय-जातीय प्रभाव को देखकर कई का कद बढ़ाया जा सकता है।

भाजपा को जिन क्षेत्रों में मिली अधिक सीटें वहां मजबूती बनाए रखने के लिए मंत्रियों के रूप में मिल सकता है इनाम?

नई सरकार के गठन के पैमाने में यह बिंदु भी शामिल है कि जिन क्षेत्रों में भाजपा को अधिक सीटें मिली हैं, वहां मजबूती बनाए रखने के लिए मंत्रियों के रूप में इनाम देना है तो कमजोर रहे क्षेत्रों को पार्टी से जोड़नो के लिए यह दांव चलना होगा।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि केशव प्रसाद मौर्य बेशक सिराथू से चुनाव हार गए हैं, लेकिन पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले संगठन के मजबूत नेता के रूप में उन्हें फिर से सरकार में सम्मानजनक पद मिल सकता है।

बेबीरानी मौर्य दलित वर्ग से उपमुख्यमंत्री की हो सकती है प्रबल दावेदार?

वहीं, आगरा ग्रामीण से विधायक चुनी गईं उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य दलित वर्ग से हैं। वह महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी करती हैं। ऐसे में उन्हें बड़ी कुर्सी मिलना तय है। यह उपमुख्यमंत्री की हो सकती है या दूसरा विकल्प विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने का भी है। संगठन के परिश्रम का ऐसा ही पुरस्कार प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को भी मिल सकता है।

श्रोता के हवाले से खबर

सुल्तानपुर-पुलिस डायरी से,जनपद में हुई कार्यवाही की देखे रिपोर्ट।

Leave A Reply

Your email address will not be published.