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पूर्वमंत्री गायत्री प्रजापति की फर्श से अर्श पर पहुंचने की देखे फिल्म सरीखी कहानी और देखे खबरों में बहू शिल्पा प्रजापति ने एमएलसी चुनाव के लिए किया नामांकन दाखिल।

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सुलतानपुर जनपद में एमएलसी प्रत्याशी के लिए आज नामांकन पत्र दाखिल किया गया।जहां एक तरफ भाजपा ने शैलेंद्र प्रताप सिंह को उतारा तो वही सपा ने सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की बहु शिल्पा प्रजापति को अपना प्रत्याशी बनाया अब हम आप को पहले सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की कहानी सुनाते हैं और फिर अगले अंक में जनपद में एमएलसी कहे जाने वाले शैलेंद्र प्रताप सिंह की पूरी कवरेज ले कर आएंगे पहले हम आप को पूर्व मंत्री की फर्श से अर्श की कहानी बताते हैं। देखे रिपोर्ट।

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पूर्वमंत्री गायत्री प्रजापति की फर्श से अर्श पर पहुंचने की देखे फिल्म सरीखी कहानी और बहू शिल्पा प्रजापति ने एमएलसी चुनाव के लिए किया नामांकन दाखिल।

गायत्री के आर्थिक रूप से मजबूत होने का सिलसिला वर्ष 2000 के बाद शुरू हुआ।

गौरीगंज (अमेठी)। गैंगरेप व पॉक्सो एक्ट के मामले में दोषी ठहराए गए गायत्री प्रसाद प्रजापति की समृद्धि का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। गायत्री के आर्थिक रूप से मजबूत होने का सिलसिला वर्ष 2000 के बाद शुरू हुआ। 1993 में राजनीति से जुड़कर 2012 में वे पहली बार विधायक फिर मंत्री बने तो उनकी उन्नति को पंख लग गए। गायत्री के फर्श से अर्श पर पहुंचने की कहानी फिल्म सरीखी है।

राजनीति का चस्का गायत्री प्राजापति के जीवन में बड़ा बदलाव लेकर आया।


गायत्री प्रसाद प्रजापति का जन्म 1963 में शहर से सटे परसावां गांव के एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। शुरुआत में ठेके के छोटे-छोटे काम करने वाले गायत्री प्रजापति 90 के दशक में राजनीति में आए। राजनीति का चस्का गायत्री प्राजापति के जीवन में बड़ा बदलाव लेकर आया। गायत्री 1993 में पहली बार बहुजन क्रांति दल के टिकट पर अमेठी से विधानसभा चुनाव लड़े और कुल 1526 वोट हासिल किया।

लगातार तीन चुनाव हारने व राजनीति में गहरी पैठ बनाने के बाद गायत्री ने प्रॉपर्टी के क्षेत्र में भाग्य आजमाना शुरू

इसके बाद 1996 मेें उन्हें समाजवादी पार्टी ने अमेठी से टिकट दिया और चुनाव में 25112 वोट पाकर वे तीसरे नंबर पर रहे। 2002 में सपा ने अमेठी विधानसभा क्षेत्र से फिर उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में भी 21764 वोट पाकर वे तीसरे स्थान पर रहे। लगातार तीन चुनाव हारने व राजनीति में गहरी पैठ बनाने के बाद गायत्री ने प्रॉपर्टी के क्षेत्र में भाग्य आजमाना शुरू किया। यह क्षेत्र भी उनके लिए मुफीद साबित हुआ। 2002 से 2012 के चुनाव तक गायत्री तकरीबन क्षेत्र से नदारद रहकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने में जुटे रहे।

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मुलायम सिंह यादव की कृपा से उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया


2012 में सपा ने एक बार फिर उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया। टिकट मिला तो गायत्री अपनी मजबूत आर्थिक स्थिति के बल पर लोगों को साधने में सफल रहे। 2012 में गायत्री प्रजापति को 58,434 वोट मिले। गायत्री पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे तो मुलायम सिंह यादव की कृपा से उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया। मंत्री बनने के बाद न सिर्फ गायत्री का प्रभाव बढ़ा बल्कि आर्थिक रूप से भी धन कुबेर की श्रेणी में शुमार होने लगे।

मंत्री रहते-रहते देश की राजधानी दिल्ली से लेकर आर्थिक राजधानी मुंबई तक फैल गया।

विधायक व मंत्री बनने से पहले अमेठी व लखनऊ में आर्थिक गतिविधि संचालित करने वाले गायत्री मंत्री बने तो मुड़कर पीछे नहीं देखा। पहले सिंचाई व बाद में भू-तत्व एवं खनिकर्म मंत्री बनने वाले गायत्री का आर्थिक साम्राज्य उनके मंत्री रहते-रहते देश की राजधानी दिल्ली से लेकर आर्थिक राजधानी मुंबई तक फैल गया। आज स्थिति यह हो गई है कि लोग गायत्री के पास कुल कितनी संपत्ति है इसका सिर्फ अंदाजा लगा सकते हैं।

शादी विवाह तक व मुंडन संस्कार से लेकर अंतिम संस्कार तक के नाम पर गायत्री से बड़ी मदद हासिल की।



गायत्री प्रसाद पर लक्ष्मी की कृपा बरसी तो अमेठी के लोगों को भी इसका लाभ मिला। गायत्री के विधायक व बाद में मंत्री बनने के बाद अमेठी का जो भी व्यक्ति अपनी परेशानी लेकर उनके पास गया वह खाली हाथ नहीं लौटा। बड़ी संख्या में लोगों ने इलाज से लेकर शादी विवाह तक व मुंडन संस्कार से लेकर अंतिम संस्कार तक के नाम पर गायत्री से बड़ी मदद हासिल की।

अमेठी के सभी चार ब्लॉकों के उनके खास समर्थक तक करोड़ों में खेलने लगे।


भू-तत्व एवं खनिकर्म मंत्री बनने के बाद गायत्री की तूती बोलने लगी। मंत्री बनने के बाद न सिर्फ गायत्री का आर्थिक साम्राज्य दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढ़ा बल्कि अमेठी के सभी चार ब्लॉकों के उनके खास समर्थक तक करोड़ों में खेलने लगे।

अमेठी-सुलतानपुर विधान परिषद सदस्य पद के लिए समाजवादी पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति की बहू शिल्पा प्रजापति को उम्मीदवार बनाया है। सोमवार को दोपहर बाद वह नामांकन पत्र दाखिल की। हम आप को उनके बारे में जानकारी देते हैं।

शिल्पा प्रजापति समाजशास्त्र से परास्नातक हैं। अब तक वह राजनीति से दूर रहीं। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अमेठी सीट से सपा प्रत्याशी व सास महाराजी देवी के लिए शिल्पा ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी। उनके पक्ष में मतदान करने के लिए महिलाओं को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई। शिल्पा के पति अनिल प्रजापति ने बताया की पत्नी की चुनावी रणनीति से उनकी मां को जीत हासिल हो सकी। मालूम हो की सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति चित्रकूट की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजा काट रहे।


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