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एक परिवार में चार आईएएस-आईपीएस अधिकारी, कुछ लोग कहेंगे यह हमारे दिमाग की सिर्फ फितूर लेकिन यह हकीकत हैं ।देखे जबरदस्त स्टोरी,सिर्फ के.डी न्यूज़ यूपी पर।

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उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के लालगंज का यह रहने वाला परिवार सरकारी नौकरियों की खान है। परिवार में चार भाई-बहन, IAS और IPS अधिकारी हैं। चारों सामान्य परिवार से ऊपर उठे हैं और आज उच्च पदस्थ अधिकारी हैं।

क्या आप एक परिवार में चार आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की कल्पना कर सकते हैं? या उम्मीद है,और कुछ लोग कहेंगे यह हमारे दिमाग की सिर्फ फितूर सिर्फ है। लेकिन यह फितूर नही हकीकत हैं ।
उत्तर प्रदेश में एक परिवार है, जिसमें रहने वाले चारों भाई-बहन अधिकारी हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में क्या है कहानी।

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एक ऐसे परिवार की है कहानी,जिसमे सभी हैं आईएएस आईपीएस अधिकारी,देखे जबरदस्त स्टोरी,सिर्फ के.डी न्यूज़ यूपी पर।

आज हम आपको यह जानकारी देते हैं कि उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के लालगंज निवासी अनिल प्रकाश मिश्रा के चार बेटे-बेटियों हैं। और चारों बेटे-बेटियां आईएएस और आईपीएस अधिकारी हैं। चारों ने अपनी मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया है।

मिश्र परिवार के लिए उस समय का जीवन निरंतर संघर्षों का समय था

बच्चों के पिता अनिल मिश्रा एक ग्रामीण बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। दो कमरों के छोटे से घर में पत्नी और चार बच्चों के साथ छह लोगों का परिवार रहता था। मिश्र परिवार के लिए उस समय का जीवन निरंतर संघर्षों का समय था। लेकिन अनिल मिश्रा अपने बच्चों को सर्वोत्तम संभव शिक्षा प्रदान करने के अपने दृढ़ संकल्प से कभी विचलित नहीं हुए। उनकी नजर में बच्चों के बेहतर भविष्य की तस्वीरें थीं। और अंत में मिश्र परिवार की किस्मत ऐसे बदल गई जैसे कोई आकर जादू की छड़ी घुमा दे।

बेटियों में से एक, क्षमा, कर्नाटक के कोडागु जिले की एसपी हैं। दूसरी बेटी माधवी, जो हजारीबाग नगर निगम में आयुक्त

चार भाई-बहनों में दो भाई योगेश और लोकेश और दो बहनें क्षमा और माधवी हैं। परिवार के सबसे बड़े पुत्र योगेश मिश्रा वर्तमान में यूपी के शाहजहांपुर की आयुध निर्माणी में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। बेटियों में से एक, क्षमा, कर्नाटक के कोडागु जिले की एसपी हैं। दूसरी बेटी माधवी, जो हजारीबाग नगर निगम में आयुक्त थीं,और अब रामगढ़ जिले की उपायुक्त हैं और सबसे छोटा बेटा लोकेश कोडरमा के उप विकास आयुक्त हैं, इससे पहले वह रांची सदर के एसडीएम के पद पर कार्यरत थे।

यूपी के अमेठी, फिर मुंबई और फिर यूपी के शाहजहांपुर में अपना गृह राज्य पाया।

आईएएस अधिकारी योगेश मिश्रा बताते हैं कि हमारे परिवार में चार आईएएस और आईपीएस अधिकारी हैं जो देश की सेवा में लगे हैं। उन्हें इस बात का गर्व है कि उनके छोटे भाई-बहन भी अफसर बनकर देश की सेवा करते हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा लालगंज में हुई थी। उन्होंने 2014 में यूपीएससी की परीक्षा पास की और पहली नियुक्ति कोलकाता में हुई। इसके बाद उन्होंने यूपी के अमेठी, फिर मुंबई और फिर यूपी के शाहजहांपुर में अपना गृह राज्य पाया।

एक बार जब सभी भाई बहन राखी के त्योहार पर मिले तो उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास करने का वादा किया

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वह बताते हैं कि जब उन्होंने कई बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अन्य लोगों को असफल होते देखा, तो उन्होंने भी इस परीक्षा को पास करने का फैसला किया। एक बार जब सभी भाई बहन राखी के त्योहार पर मिले तो उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास करने का वादा किया और अगली बार इस परीक्षा को पास किया।आईएएस योगेश बताते हैं कि एमएनएनआईटी ने इलाहाबाद से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की, लेकिन बाद में उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी की और आईएएस ऑफिसर बनने के लिए परीक्षा पास की। वह बताते हैं कि उनके पिता अनिल मिश्रा उनकी प्रेरणा रहे हैं। आज वह उन्हीं के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं।

क्षमा और माधवी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थीं। क्षमा को यूपी की राज्य सेवाओं में नियुक्त किया

बीटेक पूरा होने के बाद, योगेश और लोकेश ने काम करना शुरू कर दिया, लेकिन वे अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं थे। वे जानते थे कि उनमें क्षमता है और उन्हें कुछ बड़ा हासिल करने के लिए आगे आना चाहिए। उनकी बहनें क्षमा और माधवी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थीं। क्षमा को यूपी की राज्य सेवाओं में नियुक्त किया गया था और माधवी ने भारतीय राजस्व सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की थी। लेकिन उन दोनों को अब तक यूपीएससी में सफलता नहीं मिली थी।

योगेश ने इस परीक्षा के पुराने प्रश्नपत्रों का अध्ययन किया

यह परिवार के लिए और खासकर योगेश के लिए बेचैन करने वाला समय था। वह समझ गए कि उसकी बहनें काबिल हैं लेकिन कहीं न कहीं कोई कमी है। इसलिए उसने तय किया कि वह पहले परीक्षा पास करेगे और अंत में उसका छोटा भाई लोकेश भी उसके साथ इस पारिवारिक अभियान में आया। योगेश ने इस परीक्षा के पुराने प्रश्नपत्रों का अध्ययन किया और उन सभी विषयों को विस्तार से पढ़ा।

योगेश बताते हैं कि जब क्षमा ने हम दोनों को अफसर बनते देखा तो उनकी भी इच्छा अफसर बनने की थी

आईएएस योगेश ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके भाई बहन भी आईएएस और आईपीएस अधिकारी हैं। जिसमें माधवी मिश्रा 2015 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लालगंज से प्राप्त की और झारखंड कैडर के अधिकारी हैं। वह वर्तमान में झारखंड के रामगढ़ में तैनात हैं। योगेश बताते हैं कि माधवी लिखने की कला में माहिर हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था में पारंगत हैं।इनके अलावा क्षमा मिश्रा एक आईपीएस अधिकारी हैं। वह 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उनके पास कर्नाटक कैडर है और वर्तमान में वे मदिकेरी कर्नाटक में हैं। उन्हें हिंदी से बेहद लगाव रहा है। योगेश बताते हैं कि जब क्षमा ने हम दोनों को अफसर बनते देखा तो उनकी भी इच्छा अफसर बनने की थी और उन्होंने कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया।

आईएएस अधिकारी झारखंड कैडर के अधिकारी हैं

इसके बाद लोकेश मिश्रा आते हैं, लोकेश ने पहले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली (IIT-D) से इंजीनियरिंग पूरी करके अपने परिवार को गर्व महसूस कराया था.सबसे कम उम्र के लोकेश मिश्रा 2016 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह झारखंड कैडर के अधिकारी हैं और इन दिनों झारखंड के कोडरमा में तैनात हैं. जानकारी देते हुए योगेश मिश्रा बताते हैं कि लोकेश ने भी अपने बड़े भाई-बहनों को देखकर यूपीएससी की तैयारी की और वह इस परीक्षा में सफल हुए।

क्षमा का सेलेक्शन 2015 में डिप्टी SP के रूप में हुआ था.इससे वह संतुष्ट नहीं थीं,

चौथे नंबर पर क्षमा हैं, जिन्होंने साल 2015 में यूपीएसी की परीक्षा पास की थी. उनकी 172वीं रैंक आई थी. बता दें, साल 2015 मिश्रा परिवार के लिए काफी शानदार था, क्योंकि उसी साल यूपीएससी CSE की लिस्ट में घर के दोनों बच्चों का नाम था. क्षमा का सेलेक्शन 2015 में डिप्टी SP के रूप में हुआ था.इससे वह संतुष्ट नहीं थीं, जिसके बाद उन्होंने 2016 में फिर से परीक्षा देने की सोची. जिसके बाद वह IPS बनीं।

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