शिद्दत से याद किए गए मुंशीप्रेमचंद,आज कहानी सम्राट मुंशीप्रेमचंद की 142 वीं जयंती
शिद्दत से याद किए गए मुंशीप्रेमचंद,आज कहानी सम्राट मुंशीप्रेमचंद की 142 वीं जयंती
जयंती पर अखिलभारतीय कायस्थ महासभा ने लिया मुंशीप्रेमचंद की विशालकाय प्रतिमा लगवाने का संकल्प
सुल्तानपुर-साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की आज 142वीं जयंती है।अखिलभारतीय कायस्थ महासभा के संयोजन में नगर के बढ़ैयाबीर मोहल्ले में स्थित मुंशीप्रेमचंद पार्क में स्थापित मुंशीप्रेमचंद की प्रतिमा पर महासभा के पदाधिकारियों,कार्यकर्ताओं एवं अन्य तबके के लोगों ने किया माल्यर्पण।अखिलभारतीय कायस्थ महासभा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने कहानी सम्राट मुंशीप्रेमचंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए नगर के प्रमुख चौराहे पर विशाल प्रतिमा लगवाने के लिया संकल्प।बताते चलें कि प्रेमचंद ऐसे कालजयी उपन्या्सकार थे, जिन्होंने अपनी लेखनी के दम पर पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाई। मुंशी प्रेमचंद का व्यक्तित्व बड़ा ही साधारण था। उनकी कालजयी रचना कफ़न,गबन,नमक का दरोगा बचपन की याद दिलाती है।
आखिर सुबह सुबह ही क्यों चल गये लाठी व डंडे और हो गए लहूलुहान,क्या थी पूरी कहानी ,देखे वीडियो रिपोर्ट।
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