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राजू श्रीवास्तव को के.डी न्यूज़ यूपी की तरफ से भावभीनी श्रद्धांजलि,क्या आप जानते हैं “बलई काका”इनके कौन थे, देखे इनके जीवन का पूरा परिचय।

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लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कहा,” ये बहुत दुखद है। यूपी की संस्कृति, यहां के सामाजिक जीवन को उन्होंने कॉमेडी में उतारा था। अवध और कानपुर को दुनिया के सामने लाने के लिए वो अमर चुके हैं। मेरी उनकी पत्नी शिखा से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि हम राजू को वापस लाएंगे। मगर ईश्वर को कुछ और की मंजूर था।”

दिल्ली एम्स में कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का निधन हो गया। हार्ट अटैक आने के बाद 42 दिन से उनका इलाज चल रहा था। उनके रिश्ते के साले आशीष श्रीवास्तव ने उनकी मौत की पुष्टि की है। सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने उनके देहांत पर शोक व्यक्त किया है।

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राजू श्रीवास्तव के फैंस का कहना , सबको हँसाने वाले राजू आखिरकार जाते जाते सबको रुला कर गए।

राजू के परिवार में उनकी पत्नी शिखा, बेटी अंतरा, बेटा आयुष्मान, बडे़ भाई सीपी श्रीवास्तव, छोटे भाई दीपू श्रीवास्तव, भतीजे मयंक और मृदुल हैं।
हार्ट के बड़े हिस्से में 100% ब्लॉकेज मिला था

राजू श्रीवास्तव का असली नाम सत्य प्रकाश श्रीवास्तव है। उनका जन्म 25 दिसंबर 1963 को कानपुर के नयापुरवा में हुआ था। उन्होंने 1993 में हास्य की दुनिया में कदम रखा। 1980 में वो घर छोड़कर कानपुर से मुंबई गए थे। उनके पड़ोसी बताते हैं कि उन्हें भागते हुए देखकर वो चिल्लाए, तो उन्होंने जवाब दिया कि अब नाम कमाकर ही लौटूंगा।

राजू को 10 अगस्त को सुबह हार्ट अटैक आया था। इसके बाद उन्हें दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उनके सिर का सीटी स्कैन कराया तो दिमाग के एक हिस्से में सूजन मिली थी। AIIMS में राजू की एंजियोप्लास्टी की गई थी। इसमें उनके हार्ट के एक बड़े हिस्से में 100% ब्लॉकेज मिला था।

राजू के पिता रमेश चंद्र श्रीवास्तव उर्फ बलई काका हास्य के बड़े कवि थे। वे उनके साथ कार्यक्रमों में भी जाया करते थे। उन्होंने बचपन में ही कॉमेडियन बनने का फैसला कर लिया था। कानपुर में उनके पैतृक आवास को काका कोठी के नाम से जाना जाता है। उनकी मां का नाम सरस्वती श्रीवास्तव था। दोनों का निधन हो चुका है।

राजू श्रीवास्तव सात भाई बहनों में 4 नंबर पर थे। उनके पिता कवि थे। आज भी नयापुरवा में उनका पैतृक निवास है। परिवार के लोग वहीं पर रहते हैं। 17 मई 1993 को उनकी शादी इटावा की रहने वाली शिखा श्रीवास्तव के साथ हुई थी। उनके एक बेटा आयुष्मान श्रीवास्तव (स्टूडेंट और सितार वादक) और एक बेटी अंतरा श्रीवास्तव (असिस्टेंट डायरेक्टर) हैं।

फिल्मों में आने से पहले राजू श्रीवास्तव डीडी नेशनल के मशहूर शो टी टाइम मनोरंजन का हिस्सा बने। यहां से उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। 2005 में शुरू हुए द ग्रेट इंडियन लाफ्टर शो में पहली बार राजू ने गजोधर कैरेक्टर पर कॉमेडी की। इसे लोगों ने खूब पसंद किया। गजोधर, संकठा, बिरजू जैसे कैरेक्टर के माध्यम से राजू ने लोगों को खूब हंसाया।

मुंबई में कुछ दिन गुजर बसर के बाद जब पैसे खत्म हो गए तो उन्होंने ऑटो चलाना शुरू किया। उनके दोस्त श्याम शुक्ला ने बताया कि ऑटो में ही उन्हें पहले स्टैंडअप कॉमेडी शो का मौका मिला था। इसके लिए उन्हें 50 रुपए मिले थे। उन्हें ही देश में स्टैंडअप कॉमेडी की शुरुआत करने वाला माना जाता है।

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राजू ने फिल्म तेजाब से बॉलीवुड में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की, जिसे 1988 में रिलीज किया गया था। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों जैसे मैंने प्यार किया, बाजीगर, आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया, बिग ब्रदर, बॉम्बे टू गोवा आदि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कुल 16 फिल्मों और 14 टीवी शो में काम किया।

राजू ने अभिनय के साथ पॉलिटिक्स में भी खूब नाम कमाया। मौजूदा समय में भाजपा सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा है। वह उ.प्र. फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष हैं। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कानपुर लोकसभा सीट से उन्हें मैदान में उतारा था।


राजू ने द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज, एक स्टैंड-अप कॉमेडी शो से सबसे बड़ी सफलता हासिल की। जिसमें वह दूसरे रनर-अप थे। उन्होंने अन्य टीवी धारावाहिकों जैसे शक्तिमान, बिग बॉस, कॉमेडी का महा मुकाबला, कॉमेडी सर्कस, कॉमेडी नाइट्स विद कपिल समेत कई शो में भी काम किया है।

राजू के पीआरओ गर्वित नारंग ने बताया,” “राजू श्रीवास्तव दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से मुलाकात करने के लिए आए थे। उनकी मुलाकात का समय तय था। वो होटल में रुके थे। कमरे में कुछ देर रुकने के बाद बुधवार सुबह वे जिम करने चले गए। वहीं पर हार्ट अटैक आया। उसी दिन शाम को डॉक्टरों ने उनकी एंजियोप्लास्टी की, लेकिन उनका ब्रेन रिस्पांस नहीं कर रहा था। पल्स भी 60-65 के बीच था।”

राजू ने 11 मार्च 2014 को टिकट वापस कर दिया और कहा कि उन्हें पार्टी की स्थानीय इकाइयों से पर्याप्त समर्थन नहीं मिला है। जिसके बाद में वह 19 मार्च 2014 को
भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। वहीं राजू श्रीवास्तव ने मच्छर चालीसा तैयार की थी, जिसके चलते उन्हें हिंदू कट्टरपंथियों द्वारा कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

राजू का हाल जानने के लिए कानपुर से पूर्व विधायक सतीश निगम भी एम्स पहुंचे थे। उन्नाव सदर से विधायक पंकज गुप्ता ने फोन पर उनका हालचाल लिया। PMO और मुख्यमंत्री ऑफिस से लगातार उनका अपडेट लिया जा रहा था।

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