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प्रधान पर सैकड़ों तवायफों ने रंगदारी मांगने का लगाया आरोप,आखिर क्या है पूरा मामला, देखे के.डी न्यूज़ यूपी की रिपोर्ट।

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आखिर क्यों सैकड़ों तवायफों ने प्रधान के खिलाफ एसडीएम से मिल की फरियाद।
क्या था पूरा मामला हम आप को आगे की स्टोरी में बताएंगे।

आखिर क्यों प्रधान इस धंधे को चलाने के लिए रंगदारी की कर रहे हैं मांग ।और एसडीएम ने इस मामले पर क्या किया निर्णय

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यह कहानी किस जनपद की है आइये हम आप को बताते है।


आखिर तवायफों ने एसडीएम से कर की फ़रियाद, लगाई प्रधान पर रंगदारी मांगने का आरोप।

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ऐसा गांव है जो तवायफों के गांव के नाम से जाना जाता है. ये गहमर थाना क्षेत्र का बासुका गांव. इस गांव में 90 फीसद तवायफ रहती हैं. ये लोग मुजरा, गीत-संगीत और नाच गाकर आजीविका चलाते हैं. यहां सैकड़ों सालों से ये परंपरा चली आ रही है. लेकिन पिछले दो महीनों से इनके पुश्तैनी धंधे पर ग्रहण लग गया है. वजह है कि गांव के प्रधान इसे बंद कराने की बात कर रहे हैं और चालू रखने के लिए रंगदारी की मांग कर रहे हैं. यहां रहने वाली तवायफों ने अब इस संबंध में एसडीएम सेवराई को शिकायत पत्र दिया है.
दरअसल बासुका गांव में रहने वाली तवायफों ने गहमर थाने पहुंचकर अपने ही गांव के ग्राम प्रधान और एक मौलाना सहित दर्जनों लोगों पर छेड़खानी करने एवं रंगदारी मांगने का तहरीर दी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि लोग सैकड़ों सालों से चली आ रही पुश्तैनी नृत्य-संगीत परंपरा को बंद करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नृत्य कला ही उनकी आजीविका का एकमात्र साधन है. इसके बंद हो जाने से वो भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे।

एसडीएम राजेश प्रसाद ने तवायफों को दिया आश्वासन ।

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इस मुद्दे को लेकर विगत कई दिनों से थाना, चौकी व तहसील में चली आ रही मैराथन बैठक के पश्चात शुक्रवार की दोपहर एसडीएम राजेश प्रसाद ने तवायफों को आश्वासन दिया कि वे शांति पूर्वक अपना कार्य करें और जो भी अनावश्यक रूप से इसमें व्यवधान उत्पन्न करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. एसडीएम के आश्वासन के बाद यहां कि महिलाओं ने राहत की सांस ली है. उनका कहना है कि अब एक बार फिर से इस गांव की गलियों से गुजरने वालों को तबले की थाप और घुंघरू की झंकार सुनाई देंगी।

जो भी अराजक तत्व अनावश्यक रूप से इसमें व्यवधान उत्पन्न करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी-एसडीएम राजेश प्रसाद।

इस बारे में और जानकारी देते हुए एसडीएम राजेश प्रसाद ने बताया कि नृत्य-संगीत के लिए उनके पास वैधानिक लाइसेंस है. इसके जरिये वे अपना कार्य कर सकती है. जो भी अराजक तत्व अनावश्यक रूप से इसमें व्यवधान उत्पन्न करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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