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दर्जनों ग़रीब परिवार की बेटियों के हाथ पीले करा चुके हैं इंजीनियर राम प्रकाश,कौन है राम प्रकाश देखे पूरी रिपोर्ट।

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दर्जनों बेटियों के हाथ पीले करा चुके हैं इंजीनियर राम प्रकाश

जरूरतमंदों की मदद कर इंजीनियर राम प्रकाश को मिलती है आत्मसंतुष्टि

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सुलतानपुर ।किसी ने खूब कहा है कि “भगवान का शुकर मानो की उसने तुम्हें देने के काबिल बनाया मांगने के लिए नही”यह बात महोबा जिले के मूल निवासी एंव सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता राम प्रकाश प्रजापति का जो पेशे से इंजीनियर है पर सटीक बैठती है।स
न जान न पहचान और न कोई रिश्ता । दीन- दुखियों और आपदा पीड़ितों से ही उनका वास्ता और सरोकार। मदद में निस्वार्थ भाव और अपनापन देख, कोई भी इन्हें फरिश्ता ही कहेगा । हर मुसीबत और बिपत में जरूरतमंदों और सताए हुए लोगों के साथ खड़े रहना । उन्हें भोजन -पानी, दवा – उपचार जैसी जरूरतों की पूर्ति करना ही इनका धर्म है । इनके साथ जो भी जुड़ता है, उसका एक ही संकल्प होता है, वह है मानवता की भलाई करना । जरूरतमंदों के लिए मदद का ग्रीन सिंगल लेकर खड़े हैं । अपने लिए तो हर कोई जीता है, लेकिन समाज के लिए जीना भी एक तपस्या है। क्योंकि समाज सेवा से बड़ा कोई भी धर्म नहीं है। इसका मौका भी हर किसी को नहीं मिलता, भगवान यदि किसी को इस लायक बनाता है तो उसे हर हाल में जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए। यह उत्तम विचार हैं महोबा जिले के मूल निवासी एंव सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता राम प्रकाश प्रजापति का जो पेशे से इंजीनियर है।अब तक दर्जनों गरीब बेटियों का विवाह करा चुके इंजीनियर राम प्रकाश प्रजापति कहते हैं की
मानव जीवन का उद्देश्य है कि अपने मन, वचन और काया से औरों की मदद करना। हमेशा यह देखा गया है कि जो लोग दूसरों की मदद करते हैं, उन्हें कम तनाव रहता है, मानसिक शांति और आनंद का अनुभव होता है। वे अपनी आत्मा से ज़्यादा जुड़े हुए महसूस करते हैं, और उनका जीवन संतोषपूर्ण होता है। जबकि स्पर्धा से खुद को और दूसरों को तनाव बना रहता है।कुछ अच्छा करने की मन में इच्छा हो तो हमें उसी तरह के लाेग मिलते चले जाते हैं।परोपकार करने से कभी मत चूकें ऐसा मैंने खुद अनुभव किया है। आगे उन्होंने बताया कि हर मां बाप का सपना होता है कि उनकी बेटी की शादी अच्छे घर में हो और धूमधाम से हो लेकिन कई गरीब व अति जरूरतमंद परिवार होते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह अपनी बेटी की शादी धूमधाम से नहीं कर पाते , तो हमें चाहिए कि हम उन बेटियों की शादी में जरूरत का सामान देकर उनकी सहायता करें ताकि लड़की व उसके मां-बाप का सपना पूरा हो सके ।

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गौरतलब हो कि कुछ इस तरह से ही इंजीनियर श्री प्रजापति सेमरी बाजार में एक बेहद गरीब परिवार की बेटी की शादी तथा दूबेपुर ब्लॉक के गांव में बिना मां-बाप के बेटी के विवाह का सारा भार अपने कन्धों पर उठा लिया और इस सामाजिक सेवा को तन,मन धन तीनों से ही अपने कंधे पर ले लिया।

चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को जब भी समाज की सेवा करने का अवसर मिले, उसे तुरंत अपना योगदान जरूर देना चाहिए नही तो वह इस धरती व समाज के लिए नश्वर है।

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