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सुल्तानपुर-युवक की हत्या के मामले में अंबेडकरनगर जिले के कमरुद्दीन को एफटीसी कोर्ट ने सुनाई उम्र-कैद की सजा।

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युवक की हत्या के मामले में अंबेडकरनगर जिले के कमरुद्दीन को एफटीसी कोर्ट ने सुनाई उम्र-कैद की सजा,ठोंका 50 हजार रुपये का अर्थदंड

एफटीसी प्रथम अंकुर शर्मा की अदालत ने दोषी कमरुद्दीन की सजा पर सुनाया अपना फैसला,कोर्ट ने सह आरोपी महिला शहनाज को साक्ष्य के अभाव में किया है बरी,तीसरे आरोपी शीबू के सम्बंध में लम्बित है ट्रायल

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दोस्तपुर थाना क्षेत्र स्थित कस्बा कजियाना के रहने वाले नजमुद्दीन ने करीब पौने नौ साल पहले अपने भाई मैनुद्दीन की गोली मारकर हुई हत्या के संबंध में स्थानीय थाने में दर्ज कराया था मुकदमा

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आरोपियों की मर्जी के मुताबिक शादी न करने के चलते मैनुद्दीन को उतारा गया था मौत के घाट,शासकीय अधिवक्ता दान बहादुर वर्मा ने अभियोजन पक्ष से की पैरवी

रिपोर्ट-अंकुश यादव

सुलतानपुर/अम्बेडकर नगर। आरोपी पक्ष की मर्जी के मुताबिक शादी न करने के चलते गोली मारकर करीब पौने नौ साल पहले हुई युवक की हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम अंकुर शर्मा की अदालत ने दोषी ठहराए गए अभियुक्त कमरुद्दीन पर अपना फैसला सुनाया। अदालत ने दोषी को उम्र-कैद एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मामला दोस्तपुर थाना क्षेत्र के कस्बा कजियाना से जुड़ा है। जहां के रहने वाले नजमुद्दीन ने 14 जुलाई वर्ष 2014 को हुई घटना का जिक्र करते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक मामले में आरोपी बनी शहनाज अपनी बहन की शादी अभियोगी के भाई मैनुद्दीन से कराना चाहती थी, लेकिन मैनुद्दीन ने उसकी बहन से शादी करने से इंकार कर दिया था और दूसरी लड़की से उसकी शादी तय हो गई थी। आरोप के मुताबिक शहनाज ने मैनुद्दीन के बारे में अफवाह बनाकर उसकी शादी तोड़वा दी और अपनी बहन से शादी न करने की रंजिश के चलते टांडा-अंबेडकर नगर के रहने वाले भाई कमरुद्दीन व आरोपी शीबू निवासी कजियाना-दोस्तपुर के साथ मिलकर हत्या की साजिश रच डाली। आरोप के मुताबिक इसी रंजिश को लेकर घटना के दिन गोली मारकर मैनुद्दीन की हत्या कर दी गई। मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और आरोप पत्र भी दाखिल हुआ। मामले के आरोपी शीबू के अवयस्क होने के चलते उसका विचारण अलग चल रहा है,शेष आरोपी कमरुद्दीन व शहनाज के खिलाफ एफटीसी प्रथम की अदालत में विचारण चला। इस दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को पेश कर आरोपियों को बेकसूर साबित करने का प्रयास किया। वहीं शासकीय अधिवक्ता दान बहादुर वर्मा ने अपने साक्ष्यो एवं तर्को को प्रस्तुत कर आरोपियों को ही घटना का जिम्मेदार ठहराया। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात साक्ष्य के अभाव में एफटीसी जज अंकुर शर्मा ने महिला आरोपी शहनाज को बरी कर दिया है,वहीं कोर्ट ने मुख्य आरोपी कमरुद्दीन को हत्या का दोषी मानते हुए उसकी सजा पर कल फैसला सुनाया। अदालत ने दोषी कमरुद्दीन को उम्र-कैद व 50 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अदालत ने अर्थदंड की धनराशि की 80 प्रतिशत रकम बतौर क्षतिपूर्ति पीड़ित पक्ष के हक में देने का फैसला सुनाया है।

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