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सुलतानपुर/अमेठी/लखनऊ। बहुचर्चित गुंगवांछ हत्याकांड में पुलिस अधिकारियों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत,

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सुलतानपुर/अमेठी/लखनऊ। बहुचर्चित गुंगवांछ हत्याकांड में पुलिस अधिकारियों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत,हाईकोर्ट ने जिला एवं सत्र न्यायालय के जरिये बीते 16 मई को एसपी सहित तीन पुलिस अफसरों के खिलाफ आपराधिक वाद दर्ज कर जांच किये जाने सम्बंधी पारित आदेश के प्रभावी किये जाने पर लगाई रोक,अब फाइनल बहस में सब कुछ होगा साफ,तीन हफ्ते बाद केस हो सकता है सूचीबद्ध

अमेठी जिले के इस चौहरे हत्याकांड में एसपी अमेठी,तत्कालीन कोतवाल अमेठी उमाकांत शुक्ला व क्राइम ब्रांच निरीक्षक परशुराम ओझा के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पांडेय की अदालत ने बीते 16 मई को दिया था मुकदमे का आदेश,पुलिस महकमे में मच गई थी खलबली

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कोर्ट ने तीनो अफसरों के खिलाफ केस पंजीकृत कर विस्तृत जांच का दिया था आदेश,आदेश का अनुपालन कराने के लिए मुख्य सचिव(गृह), आईजी लखनऊ व डीआईजी अयोध्या को प्रति भेजने का दिया था आदेश

हाईकोर्ट के आदेश से अमेठी पुलिस अधीक्षक इलामरन जी.,वर्तमान में क्राइम ब्रांच में तैनात निरीक्षक उमाकांत शुक्ला व परशुराम ओझा की थम गई है मुश्किलें,चार लोगों की हुई जघन्य हत्या के केस में नियमों की उड़ाई गई थी धज्जियां,नीचे से ऊपर तक के पुलिस अफसरों की मिलीभगत से जमकर हुआ है तफ्तीशी खेल,पुलिस का कारनामा देखकर जिला जज का ठनक गया था माथा,पुलिसिया खेल पर संज्ञान लेते हुए जिला जज जयप्रकाश पांडेय ने कड़ी टिप्पणी करते हुए जारी किया था कड़ा आदेश,चार्ज पर सुनवाई के दौरान तीन अभियुक्तों की तरफ से पड़ी डिस्चार्ज अर्जी को खारिज कर कोर्ट ने जारी किया था आदेश

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अमेठी कोतवाली क्षेत्र के पूरे तिवारी मजरे गुंगवांछ गांव में 15 मार्च 2022 को लाठी-डंडों और सरिया से हमला कर एक ही परिवार के चार लोगों की हुई थी हत्या,अभियोगी अमरजीत यादव ने मामले में राम दुलारे यादव,उनके पुत्र अखिलेश यादव,बृजेश यादव,अभिषेक यादव उर्फ छोटू एवं मौजूदा ग्राम प्रधान आशा तिवारी,उनके पति राम शंकर तिवारी व पुत्र नितिन तिवारी के खिलाफ नामजद हत्या सहित अन्य आरोपों में अमेठी कोतवाली में दर्ज कराया था मुकदमा

तफ्तीश के दौरान तत्कालीन अमेठी कोतवाल ने सभी नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित अन्य आरोपों में पहले भेजी थी चार्जशीट और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ विवेचना रखी थी जारी,जिसके बाद दौरान तफ्तीश विवेचक ने मनमानी तफ्तीश कर प्रधान पति रामशंकर तिवारी को क्लीन चिट देते हुए सीजेएम कोर्ट में प्रेषित की थी 169 सीआरपीसी की रिपोर्ट और इसी आधार पर कोर्ट से रामशंकर तिवारी की रिहाई के लिए की थी मांग,शेष छहो आरोपियों के खिलाफ भेजी थी पूरक चार्जशीट

तत्कालीन सीजेएम ने विवेचक की 169 की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए आरोपी रामशंकर तिवारी को रिहा करने का जारी किया था आदेश,उस दौरान आरोपी की रिहाई के लिए बचाव पक्ष से अधिवक्ता ने की थी पैरवी,वर्तमान में भी रामशंकर तिवारी परिवार के आरोपियों की वही कर रहे पैरवी,शेष की अन्य अधिवक्ता कर रहे पैरवी,उस समय हत्यारोपी रामशंकर तिवारी को जेल से बाहर निकालने में मिल गई थी सफलता

एक मुल्जिम को राहत दिला लेने के बाद अन्य आरोपियों को भी बचाने के लिए निष्पक्ष जांच की आड़ मे आरोपी पक्ष ने पुलिस अधिकारियों को भेजी थी अर्जी, जिसके क्रम में एसपी अमेठी ने मामले में अग्रेतर विवेचना का दे दिया था निर्देश,एसपी के निर्देशन में जांच कर रहे क्राइम ब्रांच के निरीक्षक परशुराम ओझा ने पूर्व में चार्जशीटेड हुए आरोपीगण आशा तिवारी,नितिन तिवारी व अभिषेक यादव उर्फ छोटू को भी अपनी तफ्तीश में क्लीन चिट देते हुए सीजेएम कोर्ट में पेश की थी 169 सीआरपीसी की रिपोर्ट,तीनो हत्यारोपियों को रिहा करने के लिए दी थी अर्जी,फिलहाल तत्कालीन सीजेएम ने 169 की रिपोर्ट को कर दिया था खारिज और छहों आरोपियों की पत्रावली सेशन कोर्ट के कर दिया था सुपुर्द

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