सुलतानपुर-भेंटवार्ता के दौरान जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम से हुए पांच सवाल?,कहा हमारे रहते अपराधियों के नेटवर्क हुए ध्वस्त,देखिए बेबाकी से दिये जबाब सवाल की रिपोर्ट।
हमारे सहयोगी संस्थान के.डी न्यूज़ की भेंटवार्ता में जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम से पांच सवाल?,दिए बेबाकी से जबाब।
जिला कारागार में कैद बंदियो को बनाया जाएगा हुनरमंद।
बंदियों को पीएम कौशल विकास योजना के तहत किया जाएगा प्रशिक्षित।
सुलतानपुर । प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से जोड़कर कैदियों के कौशल को निखार कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की तैयारी जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम की अगुवाई में चल रही है। विभिन्न अपराधों के जुर्म में निरुद्ध बंदियों को लेकर जिला कारागार में यह सार्थक पहल ज़ोरों पर चल रही है । इस बात की जानकारी पर (अवधी तक) सहयोगी संस्थान के.डी न्यूज़ के संवाददाता ने जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम से मुलाकात की। इस भेंटवार्ता के दौरान पांच सवाल किया गया जिसका बेबाकी से जेल अधीक्षक द्वारा जबाब दिया गया।
पहला सवाल-प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत क्या बंदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है?
जबाब-जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम ने सवाल के जबाब पर बताया कि इस सार्थक पहल से जेल की दीवारों के पीछे कैद बंदियो को हुनरमंद बनाया जाएगा । इससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा, या यूं कहें कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से जुड़ कर बंदियों को एक नया जीवन जीने का शुभ अवसर मिलेगा । पीएम कौशल विकास योजना के तहत 120बंदियो को चिन्हित किया गया है, लेकिन पहले चरण में 70 बंदियों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए रजिस्ट्रेशन किया गया है।
दूसरा सवाल- के.डी न्यूज़ के संवाददाता ने
आगे दूसरा सवाल किया गया कि इस प्रशिक्षण से कैदियों को कितना फायदा मिलेगा?
जबाब– तो इस सवाल के जबाब में जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम ने बताया कि आप का सवाल वाज़िब हैं, इस लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत जेल में अच्छा व्यवहार करने वाले बंदियों को वरीयता के आधार पर प्रशिक्षण दिलाया जाएगा । इसके तहत कारपेंटर, प्लंबर आदि कौशलों का प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें कुशल बनाया जाएगा ।
तीसरा सवाल-वही जब जेल अधीक्षक से संवाददाता द्वारा तीसरा सवाल किया गया कि आप का बंदियों को प्रशिक्षण दिलाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
जबाब-अधीक्षक श्री गौतम ने कहा कि जेल में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत बंदियों को प्रशिक्षण दिलाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि बंदी जेल से रिहा होने के बाद जुर्म, जरायम और अपराध का रास्ता छोड़कर आत्मनिर्भर बनकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें । कार्य कुशलता के आधार पर नौकरी या फिर खुद का रोजगार भी कर सकें । बंदियो को प्रशिक्षण दिलाए जाने के बाद उन्हें मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा ।
चौथा सवाल -आप को लगता है कि जेल से रिहा होने के बाद यह बंदी आत्मनिर्भर बन समाज की मुख्य धारा से जुड़ेंगे?
जबाब– जबाब में श्री गौतम ने बताया कि जिला जेल में पीएम कौशल विकास योजना के तहत बंदियो का हुनर निखारने का मौका मिल रहा है ।इससे जेल से रिहा होने के बाद बंदी आत्मनिर्भर बन सकेंगे और वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे । बंदियों को कौशल विकास योजना से जोड़ने के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना से जुड़ने से बंदियों का भविष्य उज्वल होगा। इसके साथ ही वे समाज की मुख्य धारा से भी जुड़ सकेंगे।
पांचवा सवाल।के.डी न्यूज़ के संवाददाता द्वारा पांचवा व अंतिम सवाल किया गया कि कुछ शातिर अपराधी जेल में रहकर अपने आपराधिक नेटवर्क चलाते हैं जिससे कानून व्यवस्था छिन्न भिन्न होती हैं?
जबाब-जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम ने बड़े बेबाकी से जबाब देते हुए बताया कि हमारे कार्यकाल में अपराधियों का नेटवर्क ध्वस्त कर दिया गया है यहां कोई भी अपराधी मोबाइल फोन नही रख सकता है ना ही कोई अन्य किसी से बात करा सकता है।समय समय पर बैरकों की तलासी ली जाती हैं।मेरे जेल अधीक्षक रहते यह सम्भव नहीं है।