सुल्तानपुर-सीएमओ द्वारा जनपदवासियों से फाइलेरिया से बचने की दवा खाने की, कि गयी अपील।
मुख्य अतिथि/भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का आज किया गया शुभारम्भ।
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी द्वारा दवा खाकर लोगों को दवा खाने हेतु किया गया प्रेरित।
सीएमओ द्वारा जनपदवासियों से फाइलेरिया से बचने की दवा खाने की, कि गयी अपील।
सुलतानपुर 10 अगस्त/फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम व मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान (10 अगस्त से 28 अगस्त तक) के अन्तर्गत मुख्य अतिथि/भाजपा जिलाध्यक्ष डाॅ0 आर0ए0 वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ओम प्रकाश चैधरी द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का शुभारम्भ माॅ सरस्वती के चित्र पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। जिला मलेरिया अधिकारी बंसीलाल द्वारा मा0 मुख्य अतिथि सहित सीएमओ, सीएमएस का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। फाइलेरिया नियंत्रण यूनिट इंचार्ज डाॅ0 प्रियंका त्रिपाठी द्वारा फाइलेरिया से सम्बन्धित दवाओं का सेवन करने हेतु जागरूक किया गया। इस अवसर पर उपस्थित सभी चिकित्सकों व अधिकारियों द्वारा एक साथ फाइलेरिया उन्मूलन से सम्बन्धित दवाओं का सेवन कर लोगों दवा खाने हेतु प्रेरित किया गया। इसी प्रकार सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, आशा, एएनएम सहित कई अन्य विभागों द्वारा भी फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
जिलाधिकारी जसजीत कौर, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक सहित कई अन्य विभागों को जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा फाइलेरिया से सम्बन्धित दवाओं का सेवन कर लोगों को दवा खाने हेतु जागरूक किया गया। इसी प्रकार सभी शिक्षण संस्थाओं, घरों में आशा बहनों द्वारा दवाओं का वितरण किया गया। सीएमओ ने कहा कि फाइलेरिया या हाथीपांव, सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह रोग मच्छर के काटने से फैलता है। इस बीमारी के उन्मूलन के लिए जनपद में 10 अगस्त से 28 अगस्त तक सामूहिक दवा सेवन यानि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान शुरू हो रहा है। जनपदवासी खुद भी दवा खाएं और अपने लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें। सीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) व काइलूरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है। इससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में एल्बेंडाजोल दवा भी खिलाई जाती है जो बच्चों में होने वाले कृमि रोग का उपचार करती है जो सीधे तौर पर बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायक होता है।
जिला मलेरिया अधिकारी बंसीलाल ने बताया कि जनपद की जनसंख्या करीब 29.57 लाख है। इसमें दो वर्ष से ऊपर के सभी जनपदवासियों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि जनपद में अब तक 2500 केस फाइलेरिया और 600 केस हाइड्रोसील के पाए गए हैं। इस बार के एमडीए अभियान में 2489 टीम बनाई गई हैं। अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए 14 ब्लाक पर 442 सुपरवाइजर तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज, काशीराम अर्बन, धनपतगंज, जयसिंहपुर और लंभुआ सीएचसी पर बूथ भी बनाए जाएंगे।
फाइलेरिया नियंत्रण यूनिट इंचार्ज डॉ प्रियंका त्रिपाठी ने फाइलेरिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह बीमारी किस तरह शरीर में लिम्फ नोंड्स व लिम्फेटिक सिस्टम को प्रभावित करती है। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान मेडिकल कालेज, काशीराम अर्बन, धनपतगंज, जयसिंहपुर और लंभुआ सीएचसी पर बूथ भी बनाए जाएंगे जहां जाकर लोग दवा खा सकते हैं। इस मौके पर पाथ संस्था की कार्यक्रम अधिकारी डॉ जसप्रीत कौर, पीसीआई के राकेश कुमार, जिला सूचना अधिकारी धीरेन्द्र और सीफार के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
लक्षणः-
किसी भी व्यक्ति में सामान्यतः फाइलेरिया के लक्षण संक्रमण के पांच से 15 वर्ष बाद दिखते हैं। इन लक्षणों में प्रमुख हैं कई दिनों तक रुक-रुक कर बुखार आना, शरीर में दर्द, लिम्फ नोड (लसिका ग्रंथियों) में सूजन जिसके कारण हाथ व पैरों में सूजन (हाथी पांव), पुरुषों में अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसील) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन
क्या करें
- सामूहिक दवा सेवन यानि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के तहत दवा अवश्य खाएं
- दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रोगों से ग्रसित को इन दवाओं का सेवन नहीं करना है
- दवा खाली पेट नहीं खानी है और दवा को चबाकर खाना है
- घर और आस-पास मच्छरजनित परिस्थितियों को नष्ट करें
- रुके हुए पानी में कैरोसिन छिड़ककर मच्छरों को पनपने से रोकें
- साफ-सफाई रखें और फुल आस्तीन के कपड़े पहनें
- मच्छरदानी का उपयोग करें और मच्छररोधी क्रीम लगाएं
8. दरवाजों और खिड़कियों में जाली का उपयोग करें
जिला सूचना कार्यालय सुलतानपुर द्वारा जनहित में प्रसारित।
सुल्तानपुर गौशाला प्रकरण पर एडीओ पंचायत ने प्रधान,सचिव व केयर टेकर पर कराया मुकदमा दर्ज तो डीपीआरओ ने भी सफाईकर्मी पर कर दी कार्यवाही।