पचीस साल से एमबीबीएस में दाखिला लिए जमे छात्रों पर अब केजीएमयू ने कार्रवाई की शुरू,चार छात्रों को केजीएमयू ने कैंपस से बाहर का दिखाया रास्ता।
लखनऊ: एमबीबीएस में दाखिला लेने के बाद 25 साल बाद भी परीक्षा पास न कर पाने वाले छात्रों पर अब केजीएमयू ने कार्रवाई शुरू कर दी है। ऐसे चार छात्रों को केजीएमयू ने कैंपस से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कार्यपरिषद से अनुमति के बाद उनका दाखिला रद्द कर दिया गया है। पिछले साल केजीएमयू ने इसकी नियमावली तैयार की थी और उसी के आधार पर इन्हें निकाला गया गया।
एनएमसी (नैशनल मेडिकल कमिशन) के नए नियमों में एमबीबीएस पास करने की अधिकतम आयु दस साल रखी गई है।
एनएमसी (नैशनल मेडिकल कमिशन) के नए नियमों के मुताबिक केजीएमयू में कंप्लीशन कोर्स को मंजूरी दी गई है। इसके तहत एमबीबीएस पास करने की अधिकतम आयु दस साल रखी गई है। साथ ही एक साल तक अगर छात्र क्लास न करें तो उनका दाखिला रद कर दिया जाएगा। दाखिला रद करने से पहले उन्हें क्लास के लिए पत्राचार करने का भी नियम है। इसके अलावा जिस साल परीक्षा देने आएंगे उस साल का सिलेबस पढ़ना होगा, दाखिला चाहे जब का हो। इसके अलावा चार साल तक लगातार फेल होने पर दाखिला निरस्त कर दिया जाएगा। प्रवक्ता केजीएमयू डॉ सुधीर सिंह ने बताया कि एनएमसी के मानकों के आधार पर बनी नियमावली के अनुसार जिन छात्रों का पंजीकरण बहुत पुराना है और वह नियम शर्तें पूरी नहीं कर रहे तो उनका दाखिला रद्द किया जा रहा है।
केजीएमयू ने जिन छात्रों को निकाला है उसमें एक छात्र ने 1997 में दाखिला लिया था, जबकि एक 1999, एक 2001 और एक छात्र 2006 बैच का है। दरअसल केजीएमयू में अब तक एमबीबीएस परीक्षा पास करने के लिए अधिकतम अवधि निर्धारित नहीं थी। इसकी वजह से ये छात्र हर साल परीक्षा फॉर्म भरकर परीक्षा में शामिल हो जाते थे। दो साल पहले ऐसे 37 छात्रों को चिह्नित किया गया और उन्हें परीक्षा पास कर एमबीबीएस पूरा करने का मौका दिया गया। इनके लिए अतिरिक्त कक्षाओं की भी व्यवस्था की गई। हालांकि केजीएमयू ने एक शर्त यह भी जोड़ी थी कि अब छात्रों को क्लास करनी होगी। पुराने छात्र जब तक एक साल तक क्लास नहीं करेंगे तब तक उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं किया जाएगा। ऐसे में जो छात्र नई नियमावली के तहत पढ़ाई नहीं कर रहे थे अब केजीएमयू ने उन पर कार्रवाई शुरू कर दी है जिसके तहत चार छात्रों का दाखिला निरस्त किया गया है।