मुंबई ट्रेन में फायरिंग मामले में आखिर क्या थी वजह,जीआरपी के कमिश्नर डॉ. रविंद्र शिसवे ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर दी जानकारी।
मुंबई ट्रेन में फायरिंग मामले में जीआरपी के कमिश्नर डॉ. रविंद्र शिसवे ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि जांच अभी शुरुआत स्तर पर है इसलिए फ़िलहाल किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। सभी वीडियो और बयान की जांच की जा रही है। चेतन आरपीएफ की एस्कॉर्ट टीम में शामिल था। जीआरपी के सूत्रों की मानें तो आरोपी ने कुल बारह राउंड गोलियां चलाई थी। चेतन सिंह ने ट्रेन के बी 5 कोच में एएसआई टीकाराम मीणा समेत दो लोगों को गोली मारी। इसके बाद उसने कोच नंबर एस 6 और पैंट्री कार में भी एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या की।
यह बात भी सामने आई है कि वह अपने ट्रांसफर से भी नाराज था। आरोपी आरपीएफ जवान लोअर परेल आरपीएफ में तैनात था। पहले उसकी पोस्टिंग गुजरात में थी। बाद में उसे मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक परिवार में दिक्कत और तबादले की वजह से चेतन मानसिक तनाव में था। ट्रेन के अंदर पहले चेतन और टीकाराम के बीच में झगड़ा हुआ फिर आरोपी ने मृतक के ऊपर गोली चला दी।
फायरिंग करने वाले आरपीएफ के जवान से कड़ी पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू है। वापी से ट्रेन निकलने के बाद आरोपी में बोगी संख्या बी- 5 में अपने सीनियर टीकाराम फायरिंग कर दी। उसके बाद उसने ट्रेन में मौजूद तीन अन्य लोगों पर भी फायरिंग की। इसके बाद जब गाड़ी मीरा रोड स्टेशन के पास पहुंची तब एक यात्री ने जान बचाने के लिए गाड़ी की चेन खींची। उसी समय आरोपी चेतन सिंह ट्रेन उतर कर भागने लगा। लेकिन वहां मौजूद आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने उसे पकड़ लिया।यह भी कहा जा रहा है कि आरोपी चेतन सिंह काफी दिन से मानसिक रूप से बीमार चल रहा था, वह डिप्रेशन में था। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक वह बेचैनी का शिकार था।
जीआरपी के कमिश्नर रविंद्र शिसवे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आरोपी चेतन के हर बयान की बारीकी से जांच की जा रही है। उसने अब तक जितनी भी बातें कही हैं और जितने भी वीडियो सामने आये हैं। उनकी तफ्तीश शुरू है। आरोपी ने पहले अपने सीनियर को गोली मारी फिर तीन अन्य लोगों पर फायरिंग की।
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