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सुलतानपुर-क्षमता से तीन गुना बंदियों का भार ढो रहा जिला कारागार

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क्षमता से तीन गुना बंदियों का भार ढो रहा जिला कारागार

जेल की बैरकों में भेड़- बकरियों की तरह भरे पड़े हैं बंदी।

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जेल में बंदियो को सोने तक की नहीं मिल रही हैं जगह।

चार बैरेक नई बन चुकी है बस पार्टिशन वाल व सर्किल वाल का काम कम्पलीट होते ही कुछ बंदी उसमे शिफ्ट कर दिए जाएंगे-जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम।

सुलतानपुर ।  साल 1891 में 569 कैदियों /बंदियो को रखने की क्षमता वाली जिस जिला कारागार को अंग्रेजों ने बनवाया था , उस जेल में क्षमता से करीब तीन गुना बंदियो/कैदियों की संख्या बढ़ गई है । जिला जेल में वर्तमान समय में तकरीबन 1471 कैदियों/ बंदियो को रखा गया है । बंदियो /कैदियों की संख्या जेल की क्षमता से तकरीबन तीन गुना बढ़ जाने से जिला कारागार की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं । जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम के अनुसार जिला कारागार में क्षमता से तकरीबन तीन गुना ज्यादा कैदियों के बढ़ जाने से जेल में संभावना ये बन रही है कि जेल में कैदियों के खाने-पीने, रहने-सहने ,उठने-बैठने और सोने की किल्लत हो सकती है। 
                   जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम कहते हैं कि जेल में कैदियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।  कैदियों की संख्या जेल की क्षमता से कहीं अधिक पहुंच गई है। इससे सबसे अधिक समस्या यहां टॉयलेट जाने और नहाने तक के लिए कैदियों की लाइनें लग रही हैं। उन्होंने बताया कि जिला जेल में कुल बंदियों/कैदियों की संख्या 1471 है । जिसमें सजायाप्ता 256 कैदी हैं , 79 महिला बंदी हैं । इन 79 महिला बंदियो के अलावा 18 सजायाप्ता महिला कैदी जेल में बंद हैं । इतना ही नहीं है , जेल में महिलाओं-पुरुषों के साथ 3 बच्चे भी कारागार में निरुद्ध हैं । जहां तक पुरूष बंदियो/कैदियों की बात है तो जिला जेल में कुल 1392 बंदी/कैदी बंद हैं । जेल अधीक्षक श्री गौतम कहते हैं कि यहां चार बैरेक नई बन चुकी है बस पार्टिशन वाल व सर्किल वाल का काम कम्पलीट होते ही कुछ बंदी उसमे शिफ्ट हो जायेगे।

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