सुलतानपुर- अति विवादित हेडमास्टर एवं गम्भीर आरोपों से घिरी सहायक अध्यापिका को बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने किया निलंबित।
सुलतानपुर- अति विवादित हेडमास्टर अजयराज एवं गम्भीर आरोपों से घिरी सहायक अध्यापिका को बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने किया निलंबित,शिक्षक अजयराज को खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय-लम्भुआ से किया गया सम्बद्ध,वहीं निलंबित सहायक अध्यापिका को खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय-कूरेभार से किया गया सम्बद्ध।पुलिस विभाग में तैनात सहायक अध्यापिका के पति ने अपनी शिक्षिका पत्नी एवं लोहारिया प्राथमिक विद्यालय में तैनात हेडमास्टर अजयराज के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाते हुए डीएम एवं बीएसए सहित अन्य अधिकारियों से साक्ष्यो के साथ की थी लिखित शिकायत,बीते मार्च माह में अवकाश आये एक पुलिस इंस्पेक्टर पर हमला करने एवं विद्यालय में गलत माहौल पैदा करने समेत लगे थे अन्य गम्भीर आरोप,करौंदीकला खण्ड शिक्षा अधिकारी को मिली थी शिकायत की जांच,जांच अधिकारी ने दोनों अध्यापकों को आठ-आठ गम्भीर आरोपो में अपनी जांच में पाया है दोषी,जांच रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए बीएसए ने तत्काल प्रभाव से दोनों अध्यापकों को किया निलंबित।हेड मास्टर अजयराज की करतूतों से परेशान रहे क्षेत्र के अभिभावक,शिक्षक की गरिमा को तार-तार करने का अजयराज एवं सहायक अध्यापिका पर लगा था आरोप,दोनों के ट्रांसफ़र व उनके विरुद्ध कार्यवाही को लेकर सीएम एवं जिले की सांसद तक भी पहुँच चुकी थी शिकायत,डीएम ने बीएसए को जांच कराकर कार्यवाही का दिया था निर्देश।प्राथमिक विद्यालय लोहरिया के हेड मास्टर अजयराज अक्सर रहते है विवादों में,आये दिन उनकी करतूतें होती रही उजागर,कभी नीलीबत्ती लगाकर स्वयं को अधिकारी बताकर तो कभी सड़क पर पुलिस वाले पर हमला कर तो कभी विद्यालय में अपने विवादित कार्य व्यवहार को लेकर विवादों में बने रहे शिक्षक अजयराज, अजयराज के कारनामे से परेशान अभिभावको व ग्रामीणों ने ऐसे विवादित शिक्षक की वजह से पैदा गन्दे माहौल से बच्चों के भविष्य को बताया था खतरा।विवादित शिक्षक की करतूतों से ग्रामीणों में रहा आक्रोश,कुछ अभिभावकों ने बच्चों के ड्रेस न देने समेत अन्य आरोप लगाते हुए भी की है शिकायत,लगातार उठ रही थी ट्रांसफर व कार्यवाही की मांग,ट्रांसफर व कार्यवाही न होने पर बवाल बढ़ने की जताई जा रही थी सम्भावना,आरोप के मुताबिक प्रतापगढ़ जिले में तैनात एक सीओ को अपना करीबी बताकर अजयराज स्थानीय प्रशासन से लेता रहा संरक्षण,शायद इसी वजह से जिम्मेदारो के जरिये नहीं की जा रही थी अपेक्षित कार्यवाही,फिलहाल बीएसए दीपिका चतुर्वेदी के निर्देशन में चली जांच में नहीं काम आई विवादित शिक्षकों की पहुँच और जांच में दोषी मिलने के बाद हो गई निलम्बन की कार्यवाही।