सुलतानपुर-राणा प्रताप कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा शैक्षिक भ्रमण संपन्न
राणा प्रताप कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा शैक्षिक भ्रमण संपन्न
सुल्तानपुर। राणा प्रताप महाविद्यालय सुल्तानपुर के राजनीति विज्ञान विभाग का शैक्षिक टूर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के लिए रवाना हुआ, देश का ऐसा जिला जिसने भारतवर्ष को अधिकतम प्रधानमंत्री दिए । महाविद्यालय से राजनीति विज्ञान विभाग के छात्र-छात्राएं, विभागाध्यक्ष डॉ अभय सिंह, डॉ मंजू ठाकुर, डॉ अंजना सिंह और डॉक्टर आलोक पाण्डेय के नेतृत्व में प्रातः 8:00 बजे प्रयागराज के लिए निकला । मार्ग में छात्र-छात्राओं ने दोहा -चौपाई ,गीत -लोकगीत पर आधारित अंताक्षरी का आनंद लिया। मार्ग में विश्वनाथगंज में शनि धाम के संदर्भ में डॉ मंजू ठाकुर ने सभी छात्र-छात्राओं को बताया की किस प्रकार कर्म जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है और कर्म का फल भगवान शनि से संबंधित है इसलिए सभी को अपने कर्मों पर विशेष ध्यान देना चाहिए और छात्र होने के नाते यह धर्म है की न केवल अपने पठन-पाठन पर ध्यान दें बल्कि नैतिकता पूर्ण आचरण को भी ना भूले ।प्रयागराज पहुंचने पर टूर के सभी छात्र-छात्राओं को आनंद भवन, स्वराज भवन ,गंगा नदी ,अक्षय वट वृक्ष ,अकबर का किला आदि स्थान प्राध्यापकों के नेतृत्व में न केवल देखे बल्कि डॉक्टर अभय सिंह , डॉक्टर मंजू ठाकुर , डॉक्टर आलोक पाण्डेय और डॉ अंजना सिंह के द्वारा स्थान विशेष के संदर्भ में विषयगत जानकारी भी प्रदान की गई। आनंद भवन पहुंचने पर डॉ मंजू ठाकुर ने सभी छात्र-छात्राओं को बताया की नेहरू रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले पंडित मोतीलाल नेहरू एवं भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ,श्री राजीव गांधी तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन से संबंधित और उनके द्वारा प्रयोग की गई। महत्वपूर्ण वस्तुएं जो स्वराज भवन और आनंद भवन में रखी गई है के संदर्भ में जानकारी दी। गंगा नदी के तट पर पहुंचकर छात्र-छात्राएं अत्यंत प्रसन्न हुए क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा था की प्रकृति की गोद में आ गए हैं। डॉ अभय सिंह ने सभी को यह बताया की प्रकृति जिस प्रकार हमें आनंद देती है उसका सानिध्य हमें स्वस्थ रखता है ठीक उसी प्रकार से हमारे भी कुछ उत्तरदायित्व है हमें अपनी नदियों को जहां स्वच्छ रखना चाहिए ।वही वृक्षों की कटाई नहीं करनी चाहिए। डॉ आलोक पाण्डेय ने छात्र-छात्राओं को बताया कि हम यदि प्रकृति के संरक्षण के बारे में नहीं कर्तव्य निष्ठ होंगे तो निश्चित रूप से आने वाला कल में और अधिक प्रदूषण होगा ।अपनी आने वाली पीढियां को एक सुंदर और संपन्न भारत देश हमारा दायित्व है और अपने मौलिक कर्तव्य को निभाते हुए हम निश्चित रूप से अपना अंशदान दे सकते हैं । डॉ अंजना सिंह ने छात्र-छात्राओं को बताया की जहां हमे अपने मौलिक अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए वही अपने मौलिक कर्तव्यों का भी निर्वहन संपूर्ण उत्तरदायित्व के साथ करना चाहिए । वापसी से पहले सभी छात्र-छात्राओं ने प्रयागराज के प्रसिद्ध बड़े हनुमान जी के दर्शन किए और ईश्वर का आशीर्वाद लेने के बाद सभी छात्र-छात्राओं ने चारों प्राध्यापकों का धन्यवाद किया कि उनके मार्गदर्शन और निर्देशन में उन्हें यह अनूठा अनुभव प्राप्त हुआ।