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जल्द ही प्रदेश के चुनिंदा जेलों में सुलतानपुर जिला कारागार हो जाएगा शुमार, बन रहा है कैदी बंदी मिलन केंद्र,देखे रिपोर्ट।

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जल्द ही प्रदेश के चुनिंदा जेलों में सुलतानपुर जिला कारागार हो जाएगा शुमार, बन रहे कैदी बंदी मिलन केंद्र में मिल सकते हैं मुलाकाती।देखे रिपोर्ट।

हाई रिस्क कैदी, गैंगस्टर्स और आतंकवादियों को इस तरह मुलाकात की सुविधा नहीं।-अनिल कुमार गौतम

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ऐसे कैदी , बंदी जिन्हें टीबी, एचआईवी या यौन संक्रमित रोग हों, उन्हें भी इस तरह से मुलाकात करने की अनुमति नहीं, जेल के डॉक्टर से क्लीयरेंस लेने के बाद मुलाकात संभव- अनिल कुमार गौतम

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जल्द ही प्रदेश के चुनिंदा जेलों में सुलतानपुर जिला कारागार हो जाएगा शुमार, बन रहे कैदी बंदी मिलन केंद्र में मिल सकते हैं मुलाकाती,एक मुलाकात के दौरान जेल अधीक्षक ने दी जानकारी।

सुलतानपुर । जिला जेल में बंद बंदियो -कैदियों से मुलाकात अब खुले आसमान के नीचे नहीं होगी , क्योंकि जिला जेल के अंदर बनकर तैयार ” कैदी-बंदी मिलन केंद्र ” में बहुत जल्द ही बंदियो -कैदियों से उनकी पत्नियां, उनके बच्चे , उनके परिजन और उनके प्रियजनों की मुलाकात बड़े इत्मीनान के साथ संभव होने जा रही है । यह सब संभव होने जा रहा है जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम के सार्थक प्रयास से । श्री गौतम के इस प्रयास के बाद “बंदी-कैदी मिलन केंद्र” में बंदियो और कैदियों से मिलन का इंतजाम कराने वाला जिला कारागार सुलतानपुर प्रदेश की कुछ चुनिंदा जेलों में शुमार हो जाएगा ।
सुलतानपुर जिला जेल में बंद कैदियों, बंदियो को अब एक ऐसी सुविधा मिलने जा रही है, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है । इसके पहले शायद ही किसी ने इस बात की कभी कल्पना भी की होगी कि जेल में अब पति-पत्नी एकांत में बात कर पाएंगे और परिजन , प्रियजन जेल में बंद बंदियो -कैदियों से बिना किसी अतिरिक्त शुल्क दिए इत्मीनान से मुलाकात कर उनकी हालचाल जान सकेंगे । जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम बताते हैं कि जेल में कैदियों को किसी भी मिलने आने वाले वाले से शारीरिक संपर्क की इजाजत नहीं थी । जो भी मिलने आता था वे एक निश्चित दूरी पर खड़े होकर बात कर सकते थे । उन्होंने बताया कि जेल में बंद कैदियों और बंदियो से कई शिफ्ट में मुलाकात की व्यवस्था की जाती थी । लेकिन मिलन केंद्र बन जाने से ऐसा नहीं होगा ।बन जाने के बाद एक साथ सारे मुलाकातियों को जेल के अंदर बंदियो से मुलाकात का मौका मिलेगा । इससे दूर-दराज से आए हुए मुलाकातियों का समय बचेगा ।

जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम ने बताया कि गैंगस्टर्स और ज्यादा खतरनाक कैदियों को इस तरह की मुलाकात की अनुमति नहीं होगी । उन्होंने कहा कि नियमों के मुताबिक हाई रिस्क कैदी, गैंगस्टर्स और आतंकवादियों को इस तरह मुलाकात की सुविधा नहीं मिलेगी , साथ ही ऐसे कैदी , बंदी जिन्हें टीबी, एचआईवी या यौन संक्रमित रोग हों, उन्हें भी इस तरह से मुलाकात करने की अनुमति नहीं मिलेगी । ऐसे मामलों में जेल के डॉक्टर से क्लीयरेंस लेनी होगी और जेल में अच्छा आचरण न करने वालों और जेल का अनुशासन तोड़ने वालों को भी इसकी सुविधा नहीं मिलेगी । ऐसे कैदियों और बंदियो से मुलाकात के लिए अलग व्यवस्था की जायेगी ।

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