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चुनावी सांसद योद्धाओं का दमखम परखने में लगी है भाजपा, कइयों का होगा पत्ता साफ।

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मोदी योगी सरकार यूपी में मिशन-80 के साथ लोकसभा चुनाव में उतरने वाली हैं। भाजपा कई स्तरों पर अपने चुनावी सांसद योद्धाओं का दमखम परखने में लगी है। अबकी बार 400 सौ पार के आंकड़े पर काम कर रही हैं।ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी द्वारा कराए गए विभिन्न सर्वेक्षणों के आधार पर कुछ सांसदों का पत्ता साफ होना तय हैं ऐसी भी चर्चा है कि कई सांसदों को दूसरी सीटों पर शिफ्ट भी किया जा सकता है। इस शिफ्टिंग की जद में केंद्रीय मंत्री भी आ सकते हैं। भाजपा पार्टी स्थानीय परिस्थितियों के साथ जीत के समीकरणों का गुणा- भाग करने में जुटी है।

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नमो ऐप ने बिगाड़ा कई सांसदों का खेल,टिकट कटना लगभग तय,देखे रिपोर्ट।

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भाजपा इस बार 2014 व 2019 के सीटों के रिकार्ड को यूपी में तोड़ना चाहती है। पार्टी का पूरा फोकस प्रत्याशी चयन में सामाजिक समीकरण साधने पर भी है। यही कारण है कि कुछ सीटों को मिलाकर क्लस्टर बनाए गए हैं। इन क्लस्टरों के हिसाब से सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखा जा रहा है।पिछले चुनाव में हारी हुई सीटों को जीतने के लिए भी खासी कवायद चल रही है। इस बार इन सीटों पर चुनावी ऐलान से पहले प्रत्याशी घोषित करने की योजना है ताकि तैयारी के लिए उम्मीदवारों को पर्याप्त समय मिल सके।

मोदी लहर पर सवार होकर पिछला लोकसभा चुनाव जीतने वाले सांसदों में से बहुतों ने वापस अपने क्षेत्र की मुड़कर नहीं देखा। नतीजा, यह हुआ कि कार्यकर्ताओं से लेकर जनता के बीच भी उन्हें लेकर आक्रोश की स्थिति है। पार्टी नेतृत्व तक इसकी खबर है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार सांसदों को क्षेत्र में सक्रिय रहने के निर्देश दे चुके हैं। अगला चुनाव नजदीक आता देख कई सांसद सक्रिय हो गए हैं। सूत्रों की मानें तो नमो एप के जरिए पार्टी ने सांसदों का फीडबैक लेरही हैं उसमे कइयों की कोशिश हैं किसी तरह पार्टी द्वारा कराए जा रहे सर्वेक्षणों के नतीजों को प्रभावित करने की है।

चर्चा है कि फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर पार्टी इस बार एक केंद्रीय मंत्री को भी उतार सकती है तो वहीं एक समय फ़िल्म इंडस्ट्री पर राज करने वाली ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी यदि 75 की उम्र के फेर में फंसीं तो उनकी सीट पर भी एक सांसद को शिफ्ट किया जा सकता है।ऐसा कयास भी लगाए जा रहे हैं या चर्चा हैं कि पश्चिम के एक दिग्गज केंद्रीय मंत्री की भी रणभूमि बदलने के फेर में हैं
खराब प्रदर्शन वाले कई सांसदों का टिकट कटना भी तय है। इनमें एक पूर्व केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं, जिनका अखाड़ा 2019 में बदल गया था। ऐसे में कुछ विधायकों की भी लॉटरी लग सकती है। पार्टी कुछ मंत्रियों को भी चुनाव लड़ा सकती है।

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