कही वरुण गांधी को लेकर भाजपा कुछ बड़ा करने के फेर में तो नही, प्लान आने से सियासी गलियारों में मच जाएगी हलचल?।
भाजपा वरुण गांधी को लेकर कुछ बड़ा कर सकती है प्लान ,सियासी गलियारों में मच जाएगी हलचल?।
(अंदर खाने की चर्चा)भारतीय जनता पार्टी ने अपनी बहुप्रतीक्षित लोकसभा उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। दरअसल मेरठ, गाजियाबाद, सुल्तानपुर, बरेली, पीलीभीत समेत यूपी की कई ‘हॉट’ सीटों पर उम्मीदवारी का ऐलान होना था।इसमें सबसे ज्यादा नजर सुल्तानपुर और पीलीभीत लोकसभा सीट को लेकर रही जिसका पार्टी की तरफ से ओपन कर दिया गया।
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वरुण गांधी को लेकर भाजपा का बड़ा प्लान?,सियासी गलियारों में मचेगी हलचल।
पहले आमजनमानस में कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा इस बार सुल्तानपुर से मेनका गांधी और पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट काट सकती है। लोगों का यह भी मानना है कि वरुण गांधी के अपनी ही सरकार विरोधी रवैये से पार्टी ने यह फैसला लिया है।
अब सवाल यह उठ रहा है कि वरुण गांधी की आगे की रणनीति क्या होगी? क्या वरुण, भाजपा छोड़ेंगे या निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ेंगे? सवाल ये भी है कि क्या सपा-कांग्रेस वरुण को बाहर से समर्थन देंगी? इन सभी सवालों को लेकर सियासी गलियारों में काफी चर्चाएं हैं।
उसी को लेकर लोगों की राय व सूत्रों की जानकारी से यह रिपोर्ट तैयार की गई है। दरअसल पिछले दिनों वरुण गांधी के सचिव ने पीलीभीत से नामांकन पत्र खरीदा था. ऐसे में तय माना जा रहा था कि वरुण गांधी पीलीभीत से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।राजनीतिक पंडितों की माने तो भाजपा ने मां मेनका गांधी को तो टिकट दे दिया, लेकिन बेटे वरुण का टिकट काट दिया।सियासी पंडितों का ये भी मानना है कि वरुण गांधी पीलीभीत से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं।वह अपने दम पर पीलीभीत से सियासी ताल ठोक सकते हैं।
भाजपा की क्या हो सकती हैं असली रणनीति, चर्चा?
नम्बर-1-शायद वरुण गांधी को लेकर भाजपा पार्टी कुछ नया करने जा रही हो जो किसी ने सोचा ही ना हो,
नंबर-2-दरअसल जो दिख रहा है वह असली खेल ना हो, भाजपा कुछ आने वाले समय में बड़ा करने जा रही हो जिसकी भनक किसी को नही लग पा रही हो।वह चाहे चुनाव के बाद ही हो?
भाजपा की क्या हो सकती हैं रणनीति, चर्चा?
असल मे यह जो दिख रहा है वह लोगो द्वारा समीक्षा व चर्चा भर है। लेकिन सब यह भूल भी रहे हैं कि यह भाजपा है जो सब सोचते हैं उससे उलट उसका फैसला होता है, शायद वरुण गांधी को लेकर भाजपा पार्टी कुछ नया करने जा रही हो जो किसी ने सोचा ही ना हो, दरअसल जो दिख रहा है वह असली खेल नही है भाजपा कुछ बड़ा करने जा रही हो जिसकी भनक किसी को नही लग पा रही है। बानगी समझना हो तो आप सब को याद दिला दे कि अभी हाल में ही में हुए मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा दिखा चुकी हैं आमजनमानस में चर्चा किसी और कि और अंदर खाने से आदेश आते ही सेहरा बंधा किसी और पर जो कोई सोच भी ना सका। यह भी सभी को सोचना है कि क्या मेनका गांधी अपने पुत्र वरुण गांधी के राजनीतिक जीवन को इस तरह दांव पर लगा कर सुलतानपुर की सीट मिल जाने पर संतोष कर अपनी आंखें मूंद सकती है ?। भाजपा वरुण गांधी को लेकर शायद कुछ अलग से बड़ा करने जा रही हो,जो सबके माइंड से परे हो,वह चाहे अब हो या चुनाव बाद ?। देखना दिलचस्प होगा।