राजा भइया ने भाजपा को दिया झटका तो वही बाहुबली धनंजय सिंह ने क्यों थाम लिया भाजपा का दामन, देखे सियासी उठापटक की जबरदस्त रिपोर्ट।
उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के दो बड़े बाहुबली और नेता- रघुराज प्रताप सिंह और धनंजय सिंह की आज हम लोकसभा चुनाव को लेकर आमजन में हो रही चर्चा पर बात करेंगे। आइये जानते है कि इन दो नेताओं के निर्णय का यूपी की तीन लोकसभा सीटों जौनपुर, प्रतापगढ़ और कौशांबी पर कितना असर पड़ सकता है।
राजा भइया ने भाजपा को आखिर क्यों दिया झटका, वही धनंजय सिंह ने क्यों थामा दामन, देखे सियासी उठापटक की रिपोर्ट।
गौरतलब हो कि जौनपुर और प्रतापगढ़ का छठे चरण में 25 तारीख और कौशांबी लोकसभा सीट का पांचवे चरण में 20 तारीख को आमजनता अपने वोट देने जा रही है जिसको लेकर सियासी पारा हाई हो गया है।अब आगे का चुनाव इन तीनों सीटों पर काफी रोचक होने जा रहा है।
पूर्वांचल के दो बड़े नेता – रघुराज प्रताप सिंह और धनंजय सिंह ने राजनीति में अहम सियासी फैसला ले लिया है।
अपने दर्शकों का ध्यान आकर्षित करेंगे कि साल 2019 के चुनाव में बीजेपी जौनपुर छोड़कर बाकी दोनों सीटें जीती थी।
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता और बाहुबली रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने बीजेपी को झटका देते हुए कहा कि वह किसी को समर्थन नहीं देंगे और उन्होंने अपने समर्थकों को छूट दी है कि वह जिसे चाहें उसे समर्थन कर सकते हैं। राजा भैया के इस फैसले का प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में असर पड़ सकता है।
राजा भैया के इस निर्णय से प्रतापगढ़ और कौशांबी में बीजेपी को और मेहनत करनी पड़ सकती है।बीजेपी ने कौशांबी से विनोद सोनकर को और प्रतापगढ़ से संगम लाल गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है. माना जाता है कि कौशांबी लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी और राजा भैया के बीच आंतरिक समीकरण ठीक नहीं हैं। बीते दिनों सोनकर के एक बयान से भी सियासत में गर्मी आ गई थी।
वही बाहुबली धनंजय सिंह ने मंगलवार शाम कहा कि मैं बीजेपी का साथ दूंगा। मैंने अपने समर्थकों से कह दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ हूं। मेरी पत्नी श्रीकला बीजेपी ज्वाइन कर सकती है।
धनंजय के इस निर्णय का जौनपुर लोकसभा सीट पर असर पड़ सकता है।भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से कृपाशंकर सिंह, सपा-कांग्रेस अलायंस ने बाबू सिंह कुशवाहा और बसपा ने श्याम सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले बसपा ने इस सीट पर धनंजय की पत्नी श्रीकला को प्रत्याशी बनाया था हालांकि नामांकन के आखिरी दिन मायावती ने प्रत्याशी बदल दिया और श्याम सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया।
धनंजय सिंह के इस फैसले पर मीडिया से बातचीत करते हुए जौनपुर से बीजेपी प्रत्याशी कृपा शंकर सिंह ने कहा कि त्रिकोण वन टू वन हो गया अब वन होगा। धनंजय से अदावत पर बीजेपी नेता ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है मैंने ऐसा कुछ सुना ही नहीं मुझे छठा द्वार पता था, सातवां इन लोगों ने तोड़वा दिया, मैं चाहूँगा की बाबू सिंह कुशवाहा भी हमे जॉइन करें।