सुलतानपुर। माँ की सेवा से ऊबकर कलयुगी पुत्र ने काटा गला। अदालत ने सुनाई उम्र-कैद की सजा।
सुलतानपुर। माँ की सेवा से ऊबकर उसकी गला काटकर हत्या करने के मामले में कलयुगी पुत्र को एडीजे चतुर्थ जलाल मोहम्मद अकबर की अदालत ने सुनाई उम्र-कैद की सजा,कोर्ट ने ठोंका 15 हजार रुपये का अर्थदंड,करीब साढ़े दस साल पहले वारदात को दिया गया था अंजाम
जयसिंहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित जयसिंहपुर खुर्द गांव में आरोपी पुत्र महेंद्र विश्वकर्मा ने अपनी माँ रामलली का किया था कत्ल,अभियोगी पिता सुकई के आरोप के मुताबिक घटना के दिन बीमार पत्नी रामलली के लिए वह दवा लाने गया था बाजार,जहां से लौटने पर देखा तो बेटे महेंद्र ने अपनी माँ का सिर काटकर धड़ से कर दिया था अलग और धड़ को रख दिया था रजाई में लपेट कर,दवा लेकर घर पहुँचे पिता ने यह घटना देख बेटे महेंद्र से माँ के सिर के बारे में पूंछा तो उसने पास के कुएं में फेंकने की बात की कबूल,आरोपी बेटे ने माँ के जरिये नल के पास रोज-रोज लैट्रिंग कर देने व उसे साफ करते -करते स्वयं को ऊब जाने की बात कहकर माँ को मौत के घाट उतारने की बताई थी वजह,जिसके बाद पिता ने स्वयं सनकी बेटे के खिलाफ पुलिस को दी थी सूचना
पिता की तहरीर पर माँ की हत्या के मामले में आरोपी बेटे महेंद्र के खिलाफ वर्ष 2014 के पहले दिन नये वर्ष के अवसर पर जयसिंहपुर थाने में दर्ज हुआ मुकदमा, पुलिस ने आरोपी महेंद्र को गिरफ्तार कर भेजा था जेल,मामले में आरोपी महेंद्र के खिलाफ हत्या व साक्ष्य मिटाने के प्रयास के मामले में चार्जशीट हुई दाखिल
एडीजे चतुर्थ की अदालत में चला मामले का ट्रायल,शासकीय अधिवक्ता ने कड़ी पैरवी कर केस को किया साबित और कलयुगी पुत्र को कड़ी से कड़ी सजा से दण्डित किये जाने के लिए कोर्ट से की मांग,वहीं बचाव पक्ष आरोपी महेंद्र की दिमागी स्थिति ठीक न होने का करता रहा दावा और उसे इस अपराध में बताते रहे बेकसूर,फिलहाल उपलब्ध साक्ष्यो के आधार पर कोर्ट ने पैंतीस वर्षीय महेंद्र विश्वकर्मा को माना दोषी और जेल की सलाखों के पीछे जिंदगी काटने की सुनाई सजा,जिस मां ने बेटे को पैदा किया और उसे पाल-पोश कर बड़ा किया उसी मां की सेवा से ऊबकर दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम देने वाले कलयुगी बेटे को मिली बड़ी सबक
सुल्तानपुर-अब जिला कारागार में महिला मुलाकाती की जाँच पड़ताल के लिए बना नया केबिन,साथ ही एंट्री गेट पर खड़े होने को लगा छायादार सेड