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सुल्तानपुर- जिन्होंने थामी ज़िंदगी की डोर, उनके लिए क्यों बंद हुए सभी डोर?

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जिन्होंने थामी ज़िंदगी की डोर, उनके लिए क्यों बंद हुए सभी डोर?

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सुल्तानपुर। ये आवाज़ है उन कोरोना योद्धाओं की जिन्होंने कोविड-19 में अपने जीवन की चिंता छोड़ दूसरों को स्वास्थ सुविधाएं देने में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ कंधे से कंधा मिला कर पूरा सहयोग किया। आपको बताते चलें कि कोविड-19 आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मियों को सीएमओ द्वारा डूडा कार्यालय को 31 जुलाई 2024 तक सेवा समाप्ति किए जाने के सम्बन्ध में पत्र जारी करने पर आज एक डेलिगेशन सीएमओ ऑफिस पहुंचा और सेवा विस्तार करने की मांग उठाई है। जिस पर सीएमओ ने आश्वाशन देते हुए कहा कि नई भर्ती प्रक्रिया चालू होने पर आगे की कार्यवाही की सुनिश्चित की जाएगी। वहीं लंभुआ सीएचसी पर कार्यरत ओटी टेक्नीशियन जय प्रकाश शुक्ला का कहना है कि पूर्व में सेवा विस्तार को लेकर दो बार डिप्टी सीएम से मुलाक़ात कर अपनी समस्या बता चुके हैं जिसपर डिप्टी सीएम की तरफ से लिखित आश्वाशन दिया गया था कि सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को किसी न किसी योजना के अंतर्गत जिला स्तर पर समायोजित किया जाएगा और सेवा विस्तार होता रहेगा। अब देखना होगा कि सरकार ऐसे आउटसोर्स बेरोजगार होने वाले कर्मचारियों के लिए क्या करती है और क्या कदम उठाती है ये तो आने वाला समय ही बताएगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से मिथिलेश यादव, सुमित्रा विश्वकर्मा, जयप्रकाश शुक्ला, गौरव पाल, मोइन अहमद, अतुल अग्रहरि, आशीष तिवारी, रंजन यादव, सबरीन, रविंद्र पाल, सुनील पाठक, अखिलेश विश्वकर्मा, शुभम पांडे, राकेश, बालमुकुंद, निहाल, विनय कुमार रावत, फिरदौस अहमद,बृजेश कुमार, जय चंद्र, अमन पांडे, सलीम, ज्योति, अमित, जंग बहादुर, हनीफ, लक्ष्मण आदि लोग मौजूद रहे।

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