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आखिर क्यों सगे भाइयों समेत 3 को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा?,देखे रिपोर्ट।

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सगे भाइयों समेत 3 को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा

सुलतानपुर/अमेठी। मुकदमे की पैरवी कर कोर्ट से घर जा रहे अधेड़ को रास्ते मे रोक गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में एडीजे चतुर्थ की अदालत ने सगे भाई समेत पाँच आरोपियो को ठहराया दोषी। सेशन जज जलाल मोहम्मद अकबर की अदालत ने तीन दोषियों को हत्या के अपराध के साथ-साथ आर्म्स एक्ट में भी माना दोषी। कोर्ट ने दोषियों को उम्र-कैद एवं कुल 56 हजार रुपये अर्थदंड की सुनाई सजा*

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अभियोगी प्रभाकर तिवारी के आरोप के मुताबिक सात फरवरी वर्ष-2019 की शाम करीब चार बजे मुकदमे की पैरवी कर सुलतानपुर कोर्ट से लौटते समय रास्ते मे वारिसगंज के पास ट्यूशन पढ़ा रहे अभियोगी के छोटे भाई राहुल तिवारी को साथ लेकर उसके पिता पुरुषोत्तम दत्त तिवारी (उम्र करीब 50 वर्ष) जा रहे थे घर। इसी दौरान वारिसगंज रेलवे स्टेशन हाल्ट के सामने योजनाबद्ध तरीके से पहुँचे बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें रोककर ताबड़तोड़ शुरू कर दी फायरिंग। हमलावरों की फायरिंग में गोली लगने के चलते अभियोगी के पिता पुरुषोत्तम दत्त तिवारी की हो गई थी मौत

अभियोगी की तहरीर पर मामले में उनके गांव के ही आरोपी इंद्रेश प्रताप सिंह उर्फ पिढई व आरोपी सगे भाई संग्राम सिंह,मलखान सिंह,उनके रिश्तेदार विजय सिंह निवासी चंदौकी-मुंशीगंज,दीपराज सिंह व विक्रम सिंह उर्फ विक्की निवासीगण कैमा-जगदीशपुर के खिलाफ हत्या सहित अन्य गम्भीर धाराओं में जगदीशपुर पुलिस ने दर्ज किया था मुकदमा। पुलिस ने छहो आरोपियो के खिलाफ सबूत जुटाकर उनके विरुद्ध भेजी थी चार्जशीट

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एडीजे चतुर्थ की अदालत में चला मामले का ट्रायल। बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यो एवं तर्को को प्रस्तुत करते हुए सभी आरोपियो को बताया था बेकसूर। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता ने आरोपियो को ही घटना का बताया असल दोषी। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात जज जलाल मोहम्मद अकबर ने उपलब्ध साक्ष्यो के आधार पर चार्जशीटेड विक्रम सिंह उर्फ विक्की को सन्देह का लाभ देते हुए किया बरी। कोर्ट ने शेष सभी को माना हत्या का दोषी। इसके अलावा कोर्ट ने इंद्रेश प्रताप सिंह, विजय सिंह व दीपराज सिंह को आर्म्स एक्ट का भी माना दोषी,इन्हीं तीनो के पास से बरामद हुआ था आलाकत्ल। जगदीशपुर थाना क्षेत्र के मखदूमपुर गांव से जुड़ा है मामला

*सेशन जज जलाल मोहम्मद अकबर की सक्रियता से मामलों की सुनवाई में आई तेजी। उनकी तैनाती के बाद से ही कई मामलों में आ चुका है फैसला। इस मामले में भी कोर्ट की सक्रियता से पीड़ित पक्ष को घटना से करीब सवा पांच साल बाद ही मिला न्याय। सेशन जज ने 77 पेज में सुनाया है अपना फैसला। कोर्ट के इस फैसले से हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले दोषियों को मिली बड़ी सबक,अब सलाखों के पीछे कटेगी उनकी जिंदगी।

सुल्तानपुर जिला पंचायत में आयोजित बोर्ड की बैठक गहमागहमी के बीच हुई संपन्न।

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