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पीएम फसल बीमा योजना के तहत इंश्‍योरेंस कराए जाने की अंतिम तिथि 25 अगस्‍त तक गई बढ़ाई।

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ की फसलों का इंश्‍योरेंस कराए जाने की अंतिम तिथि 25 अगस्‍त।

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सुल्तानपुर- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत खरीफ की फसलों का इंश्‍योरेंस कराए जाने की तारीख जो 31 जुलाई थी अब बढ़ा दी गई है।अब किसान 25 अगस्‍त तक फसलों का बीमा करा सकेंगे। इस बात की जानकारी एक भेंटवार्ता के दौरान जिला कृषि अधिकारी सदानंद चौधरी ने के.डी न्यूज़ को दी। श्री चौधरी ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य, प्राकृतिक आपदाओं से अधिसूचित क्षेत्र में बोई गयी अधिसूचित फसल को बीमा कवर प्रदान करना। साथ ही कृषि में उन्नत तकनीकि के प्रयोग को बढ़ावा देना और आपदा वर्षों में कृषि आय को स्थिर रखना।

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इस योजना का लाभ किन किसानो को मिलेगा इसके बारे में जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि पात्र कृषक अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी कृषक (ऋणी / गैर ऋणी) साथ ही (ऋणी कृषकों को बीमा में शामिल न होने के सम्बन्ध में अपना प्रार्थना पत्र सम्बन्धित बैंक को बीमा की अन्तिम तिथि से 7 दिन पूर्व देना अनिवार्य है। ऐसे कृषक बीमा में तभी शामिल हो सकते हैं जब वह अपना प्रार्थना पत्र पुनः बीमा में शामिल होने हेतु देंगे।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे ने अधिक जानकारी देते हुए सदानंद चौधरी ने बताया कि इस बीमा योजना के तहत किसान भाइयों को लाभ के लिए बीमा कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज- आधारकार्ड, बैंक खाता सम्बन्धी प्रपत्र, भूमि स्वामित्व सम्बन्धी प्रपत्र, बटाई प्रमाणपत्र, फसल बुआई का प्रमाणपत्र (स्वसत्यापित) एवं मोबाइल नम्बर देना अनिवार्य होगा।विभाग द्वारा बीमा कराने की अन्तिम तिथि 25 अगस्त हो गई है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि किसान भाई अपने फसल का बीमा कहां कहाँ करा सकते है जाने। संबंधित बैंक शाखा में ,जन सेवा केन्द्र (सीएससी) पर ,भारत सरकार के पीएमएफबीवाई पोर्टल (www.pmfby.gov.in) साथ ही अधिकृत बीमा मध्यस्थ/कार्यकारी एजेंसी के कार्यालय पर। साथ ही कृषक भाइयों को यह भी ध्यान रखना है कि देय प्रीमियम राशि के अतिरिक्त अन्य कोई शुल्क बीमा के लिए देय नहीं है।
बीमा से आच्छादित जोखिम में मोटा मोटा क्या हैं हम आपको जानकारी दे रहे हैं, लेकिन अधिक जानकारी के लिए आप सब को अपने नजदीकी कृषि विभाग से सम्पर्क करना पड़ेगा।जैसे
भूस्खलन, बादल फटना, आकाशीय बिजली से उत्पन्न आग के कारण क्षति की स्थिति ,फसल कटाई उपरान्त आगामी 14 दिनों तक खेत में सुखाई हेतु रखी गयी फसल को ओलावृष्टि, चक्रवात/चक्रवातीवर्षा/बेमौसम बारिश से क्षति की स्थिति में कृषक भाइयों द्वारा 72 घण्टे के अन्दर सूचना देना अनिवार्य है।बातचीत का अंत करते हुए जिला कृषि अधिकारी सदानंद चौधरी ने किसानों को फसल के नुकसान होने पर कहाँ शिकायत की जा सकती हैं जानकारी दी।उनका कहना था कि सर्वप्रथम इस सम्बन्ध की सूचना कृषि रक्षक पोर्टल हेल्पलाईन (टोल फ्री नम्बर)14447 पर कर सकते है साथ ही संबंधित बैंक शाखा व कृषि/उद्यान विभाग कार्यालय और क्रॉप इंश्योरेन्स ऐप पर जा कर सूचना देना अनिवार्य होगा।

आखिर क्या थी वजह कत्ल की ,जल निगम के अधिशाषी अभियंता संतोष कुमार की हत्या की इनसाइड स्टोरी,देखे रिपोर्ट।

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