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अपराधी मुस्लिम, यादव, ब्राह्मण, गुर्जर होगा तो पुलिस की गोली कमर के ऊपर चलती है और जब यादव?

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उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में 28 अगस्त को दिनदहाड़े ज्वैलरी शोरूम में हुई डकैती की वारदात में शामिल मुख्य आरोपी और एक लाख के इनामी अपराधी मंगेश यादव को एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया। इस एनकाउंटर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल ला दिया। मंगेश के एनकाउंटर के बाद अपराधी की ‘जातीय सियासत’ गर्म हो उठी।क्या सपा क्या कांग्रेस यहां तक कि आम आदमी पार्टी ने भी इस हुए एनकाउंटर पर प्रतिक्रिया व्यक्त किया। सपा चीफ अखिलेश यादव ने पुलिस के एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि योगी सरकार में अपराधी की जाति देखकर एनकाउंटर किए जाते हैं। इसी गर्मागर्म चर्चा पर आइये नीचे दिए गए लिंक पर टच कर देखे रिपोर्ट।

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हालांकि, इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के नेता सुनील सिंह ‘साजन’ मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते हुए कहते हैं कि ये एनकाउंटर नहीं हत्या है. पुलिस सोमवार को मंगेश को लेकर जाती है और गुरुवार को उसको सटाकर गोली मारती है. अब पुलिस मेडिकल रिपोर्ट बदलवाना चाहती है. हम किसी अपराधी के साथ नहीं खड़े हैं, लेकिन जब अपराधी की जाति देखकर गोली चलेगी तो सवाल उठना लाजिमी है. जब अपराधी सीएम की जाति का होगा तो पुलिस की गोली कमर के नीचे चलती है और जब अपराधी मुस्लिम, यादव, ब्राह्मण, गुर्जर होगा तो पुलिस की गोली कमर के ऊपर चलती है. मुंबई अटैक का मास्टरमाइंड कसाब को कानून के दायरे में लाकर फांसी की सजा सुनाई गई ऐसे ही हर अपराधी को कानून के दायरे में लाकर ही सजा सुनाई जानी चाहिए।

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