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महिला मत्स्य पालकों के लिए खुसखबरी, इस लाभ की हकदार सिर्फ महिला मत्स्य पालक ही।-रमाकांत पाण्डेय।

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महिला मत्स्य पालकों के लिए खुसखबरी, इस लाभ की हकदार सिर्फ महिला मत्स्य पालक ही।-रमाकांत पाण्डेय।

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सुल्तानपुर-महिला मत्स्य पालकों के लिए सरकार की ओर से सघन मत्स्य पालन के लिए एयरेशन सिस्टम की स्थापना नाम की एक नवीन योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत महिलाएं अपने निजी भूमि एवं पट्टे की जमीन पर तालाब बनवाकर मत्स्य पालन कर सकती है।

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इस बात की जानकारी एक भेंटवार्ता के दौरान मतस्य विभाग के मुख्यकार्यकारी अधिकारी रमाकांत पांडेय ने के.डी न्यूज़ संवाददाता को दी।उन्होंने बताया कि नवीन योजना सघन मत्स्य पालन हेतु एयरेशन सिस्टम की स्थापना प्रारम्भ की गई है। इस योजना का लाभ पाने के लिए निर्धारित मानक वाले आवेदकों को ही इसका लाभ दिया जाएगा।यह परियोजना पूर्णतः महिला मत्स्य पालकों के लिये संचालित की गयी है। मत्स्य विभाग में शुरू गई योजना का लाभ पाने के लिए मत्स्य बीज हैचरी संचालित करने वाले हैचरी स्वामी, निजी क्षेत्र एवं पट्टे पर आवंटित तालाब की महिला मत्स्य पालक जिनके तालाब की पट्टा अवधि कम से कम पांच वर्ष अवशेष हो एवं विद्युत कनेक्शन एवं जनरेटर की उपलब्धता हो, वह पात्र होंगें। वही संवाददाता के तालाब का रकबा व उत्पादकता पर सवाल किया गया तो उनका कहना था कि
इस परियोजनार्न्तगत 0.50 हेंक्टेयर के तालाब में 02 हार्सपावर के एक काड पैडिल व्हील एरियेटर एवं 1.00 हेक्टेयर या उससे बड़े तालाब के लिए अधिकतम दो एरियेटर पर महिला मत्स्य पालक जिनके तालाब की वर्तमान उतपादकता कम से कम 4 टन प्रति हेक्टेयर हो उस लाभार्थी को उत्पादन में वृद्धि हेतु अनुदान दिया जायेगा।

संवाददाता के अगले सवाल की चयन समिति की क्या प्रक्रिया है तो उसपर श्री पाण्डेय ने बताया कि जनपद में निम्नानुसारं गठित तीन जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा पत्र आवेदनों का रैंडमाईजेशन करते हुए चयन किया जायेगा जिसमे प्रथम मुख्य विकास अधिकारी जो अध्यक्ष की भूमिका में रहेंगे,दूसरे नम्बर पर जिलाधिकारी द्वारा नामित जिलास्तरीय अधिकारी सदस्य के रूप में रहेंगे और अंतिम तीसरे में मैं स्वयं सहायक निदेशक मत्स्य/मुख्यकार्यकारी अधिकारी, सदस्य सचिव के रूप में हूँ और जिला स्तरीय चयन समिति से जो अनुमोदित लाभार्थियों की सूची तैयार की जाएगी वह विभागीय पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा।
वही जब संवाददाता ने सवाल किया कि लाभार्थियों को लक्ष्य व धनराशि कैसे आवंटित होगी।इस सवाल पर रमाकांत पाण्डेय ने बताया कि आप का सवाल वाज़िब है दरअसल निदेशक मत्स्य द्वारा उपलब्ध बजेट सीमा के अन्तर्गत जनपद के अनुमोदित लाभार्थियों के सापेक्ष अन्तिम लक्ष्य निर्धारित करते हुए धनराशि आवंटित की जायेगी। चयन के उपरांत लाभार्थी द्वारा एयरेटर स्थापित किये जाने के उपरांत उसे अनुदान की धनराशि अवमुक्त की जायेगी। योजना का लाभ निर्धारित समयान्तर्गत लोगों को प्रदान की जाएगी। संवाददाता के इकाई लागत व फण्डिंग पैटर् के सवाल पर उन्होंने बताया कि सघन मत्स्य पालन हेतु एयरेशन सिस्टम की स्थापना शत-प्रतिशत राज्यपोषित परियोजना है। परियोजनान्तर्गत 0.50 हे0 के तालाब में 2 हार्स पावर के एक क्वाड पैडिल व्हील एरेटर एवं 1.00हे0 या उससे बड़े तालाब हेतु अधिकतम दो एरेटर पर एक लाभार्थी अनुदान प्राप्त कर सकता है। एरेटर सिस्टम की प्रति इकाई लागत रु0.0.75 लाख होगी जिसमे लाभार्थी अंश का धनराशि (सामान्य महिला मत्स्य पालंक द्वारा योजना की इकाई लागत का 50% तथा अनुसूचित जाति महिला मत्स्य पालक द्वारा 40% धनराशि) लाभार्थी स्वयं के संसाधन से अथवा बैंक ऋण लेकर वहन करेगा। योजनान्तर्गत सामान्य महिला मत्स्य पालक को परियोजना के सापेक्ष 50 प्रतिशत अनुदान, कीं धनराशि अर्थात रु० 0.375 लाख प्रतिं इकाई सामान्य महिला मत्स्य पालक को, एवं अनुसूचित जाति के महिला मत्स्य पालक को 60 प्रतिशत अनुदान देय होगा।मुख्यकार्यकारी अधिकारी रमाकांत पांडेय ने आमजन से अपील की कि उक्त योजना के सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए मत्स्य विभाग कार्यालय से किसी भी कार्य दिवस में प्राप्त की जा सकती है।इस योजना के लिए विभागीय वेबसाइट (http://fisheries.up.gov.in) पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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