जीरो ग्राउंड कश्मीर में बेबाक बेधड़क पत्रकार अर्चना तिवारी के डिबेट की हो रही है चर्चा,देखे रिपोर्ट।
हम आज चर्चा करेंगे जम्मू कश्मीर में हो रहे चुनाव पर जहां लोंगो का मानना है कि हम तीस साल बाद अपने मत का प्रयोग करने जा रहे है। साथ ही हम एक और चर्चा करेंगे एक बेधड़क निर्भीक पत्रकार अर्चना तिवारी की जो चुनाव के दौरान ग्राउंड जीरो पर जा कर पत्रकारिता कर वहां के लोगों से चुनाव पर सवाल कर रही हैं साथ तीखे जबाब पर हमलावर भी हो रही हैं।यह है दा राजधर्म यूट्यूब चैनल की बेबाक बेधड़क पत्रकार अर्चना तिवारी।
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दरअसल जम्मू-कश्मीर इन दिनों चुनावी रंग में रंगा है। जनता के सामने हर रोज नई-नई सियासी बिसात बिछाई जा रही हैं। हालांकि, जनजीवन पूरी तरह सामान्य है। घाटी में किसी तरह का खौफ नहीं है। नेता अपने दावे पर वादे कर रहे हैं। कुछ जहर घोलने वाले भाषण भी दे रहे हैं। घाटी पर्यटकों से भी गुलजार है। प्रत्याशी निडर प्रचार में जुटे हैं। पर्यटक भी बेहिचक घूमने का लुत्फ उठा रहे हैं। लेकिन स्थानीय जनता को जो सबसे ज्यादा चुभ रहा है वह अनुच्छेद 370 हैं जो भाजपा सरकार ने हटा दिया है।स्थानीय लोग इसको पचा नहीं पा रहे हैं।जैसे ही पत्रकार अर्चना तिवारी सवाल करती हैं तो विरोध जताते लगेंगे।उनका मानना है उन्हें बस परिवर्तन चाहिए। वह यह तो मानते हैं कि पहले से अब घाटी में अमन चैन है लेकिन कहेगे महँगाई बहुत हो गई है। हम परिवर्तन चाह रहे हैं और जब सवाल होगा कि क्या आप तीस साल पुरानी व्यवस्था मतलब जिस तरीके से पहले आतंकवाद था क्या उस युग में जाना चाहते हैं तो कहेगे नही। बस महँगाई और परिवर्तन की रट लगाएंगे।
घाटी के लोगों का कहना है कि 370 हटाने से हमारी पहचान छीन गई है। हालांकि, रोजाना होने वाली हड़ताल और पत्थरबाजी की घटनाएं अब नहीं होती है। इससे जिंदगी आसान हुई है। होटल व्यवसायी, रेस्टोरेंट संचालक और फेरी वाले खुश नजर आ रहे हैं।कश्मीर में हो रहे चुनाव पर बिहार के कुल्फी विक्रेता ने बताया कि वे 15 साल से यहां हैं, लेकिन इतना अच्छा माहौल पहले कभी नहीं था। अब आय भी बढ़ी है।
पहली बार ऐसा अच्छा माहौल देखा है। वही
श्रीनगर के घंटाघर से कुछ दूरी पर रेस्टोरेंट संचालक का कहना है कि इस समय सबकुछ अच्छा चल रहा। बस इसी तरह अमन बना रहे। उन्होंने कहा, हमारे पुरखों ने इस रेस्टारेंट को 1966 में एक छोटी दुकान के रूप में शुरू किया था, लेकिन इतना अच्छा माहौल कभी नहीं रहा।
वही दिल्ली से पहली बार कश्मीर की लाल चौक आई महिला ने बताया कि सुना था कि काफी कुछ बदल गया है, लेकिन फिर भी यहां आने से पहले मन में डर था कि पता नहीं कैसा माहौल होगा। जब परिवार के साथ यहां पहुंचे तो बड़ा अचरज हुआ।सब कुछ बदला नज़र आ रहा था।
वही उत्तर प्रदेश के अयोध्या से पहुंचे लोगों ने बताया कि वहां जाने से पहले सोचा कि चुनाव के माहौल में तो घाटी में घूमना मुश्किल होगा, लेकिन ऐसा नही रहा। यह तो वहां दिख रहे माहौल पर चर्चा किया जा रहा था। अब फिर सवाल है कि जब अर्चना तिवारी जैसी निर्भीक पत्रकार मोदी के विकास पर सवाल करेगी तो पोलिंग बूथ पर ही पत्रकार से ही लोग भिड़ जायेगे,देखे नज़ारा। जम्मू-कश्मीर चुनाव में पाकिस्तान मुद्दा बन गया है।जिसको लेकर नेताओं में जबानी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कह रहे हैं कि भाजपा की प्रेम भारत हो सकता है लेकिन, उसकी शादी पाकिस्तान से हुई है। खरगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के उस आरोप का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान और कांग्रेस-नेशनल कांग्रेस का एजेंडा एक ही है।
फिलहाल इस चुनावी जंग में वहाँ की जनता को यह भी सोचना है कि क्या फिर आप तीस साल पहले आतंकवाद जैसे माहौल में लौटना चाहते हैं या फिर अमन और सुख शांति चाहते हैं या इस निडर निर्भीक पत्रकार अर्चना तिवारी के सवालों का जबाब नही देगे।यह तो अब वहां की जनता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने से पहले तय करना होगा। ऐसे तमाम खबरों के लिए आप देखते रहिये केडी न्यूज़ सुलतानपुर चैनल और साथ ही फेसबुक और एक्स पर केडी न्यूज़ सुलतानपुर सर्च कर फॉलो करें।-धन्यवाद।
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